08 मई 2020
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की निर्मम हत्या, उसके बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या, पंजाब में होशियारपुर में साधु पर जान लेवा हमला हुआ फिर तबलीग जमाती पर बयान देने पर जैन मुनि सूर्य सागर जी पर गुजरात में एफआईआर दर्ज करवाई है और अब गायत्री परिवार के संस्थापक श्री डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्कर्म का केस को लेकर दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज हुई है।
इन बातों से पता चलता है कि सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए जो भी आगे आते हैं, या तो उन पर चारित्रिक आरोप लगाकर मीडिया द्वारा बदनाम करके जेल भिजवाया जाता है या तो उनकी हत्या कर दी जाती है।
डॉ प्रणव पंड्या की देश-विदेश में छाप साफ-सुथरी है। उनको कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। वैसे ही हिंदू संत आशारामजी बापू पर भी आरोप लगने सेे पूर्व देश विदेश में छवि साफ-सुथरी थी। दोनों ही हिन्दूनिष्ठ सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में पुरजोर तरह से लगे थे, धर्मान्तरण पर रोक लगाने में बहुत आगे थे क्योंकि इन दोनों के पास करोडों की संख्या में भक्त हैं।
आपको बता दें कि डॉ प्रणव पंड्या पर जिस लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है वे 10 साल पुराना है और हिंदू संत आशारामजी बापू पर सूरत की जिस लड़की ने आरोप लगाया है वह 12 साल पुराना है। बता दें कि ये दोनों लड़कियां पूर्व में उनके आश्रमो में ही रहती थी। और डॉ पंड्या पर जिसने आरोप लगाया कि 2010 में दुष्कर्म हुआ और वे 2014 तक उनके आश्रम में रहती है और अब 2020 में आरोप लगा रही है। बापू आशारामजी पर जिसने आरोप लगाया है वह बोलती है मेरे साथ 2001 में दुष्कर्म हुआ और वह 2007 तक आश्रम में रहती है 2013 में उनके ऊपर केस करती है ।
आप बताइए कि ये लोग 10-12 साल तक चुप रहे… और अचानक केस कर देते हैं…ऐसे अगर कोई भी लडक़ी किसी पर भी आरोप लगा दे कि मेरे साथ 10-20 साल पहले रेप हुआ था तो निर्दोष पुरुष की क्या हालत होगी?
आपको बता दें कि जब आशारामजी बापू पर आरोप लगे थे तब उनकी उम्र 78 वर्षीय थी और प्रणव पंड्या जी पर आरोप लगे हैं तब उनकी उम्र 70 साल की है। क्या संत सिर्फ बलात्कार ही करते हैं ? वो भी बुढ़ापे में ? जिन्होंने करोड़ो लोगों को ब्रह्मचर्य पालन करवाया वे क्या बुढ़ापे में ऐसा घृणित कार्य कर सकते हैं ?
आपको बता दे कि टीवी चैनल पर आपने देखा होगा कि बापू आशारामजी के खिलाफ बोलने वाले कुछ उनके आश्रम में ही रहने वाले थे वैसे ही प्रणव पंड्या जी के खिलाफ बोलने वाले भी उनके अंदर के ही लोग हैं, क्योंकि आश्रम का वातावरण सात्विक होता है जो दुष्ट व्यक्ति अपने पर दुख आने के कारण आश्रम में आ जाते हैं पर कुछ दिन के बाद उपद्रव शुरू कर देते हैं और संस्था और संस्था के मालिक से पैसे मांगते हैं। नही देने पर वे धर्मान्तरण कराने वाले लोगो के हाथों बिक जाते हैं और संतो पर मनगढ़ंत आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।
बापू आशारामजी पर आरोप लगने के मुख्य कारण यह है…
*1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।*
*2). कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।*
*3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।*
*4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया ।*
*5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया ।*
*6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया ।*
*7). वैलेंटाइन डे का विरोध करके “मातृ-पितृ पूजन दिवस” का प्रारम्भ करवाया ।*
*8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया ।*
*9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया ।*
*10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त कराया ।*
*11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए ।*
*12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के “शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी” बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया ।*
*ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।*
डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने तो यह भी बताया कि हिंदी संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी और करोड़ो लोगों को सनातन धर्म की तरफ ले आये इसके कारण वेटिकन सिटी ने सोनिया गाँधी को कहकर झूठे केस में फँसाया गया। उनके आश्रम में फेक्स भी आया था कि 50 करोड़ दो नहीं तो जेल जाने को तैयार रहो इससे साफ होता है कि उन पर अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र हुआ है।
आपको बता दें कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख अध्येता पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने महाप्रयाण से पहले ही देशभर में सप्तसूत्री जागरण का अभियान छेड़ दिया था। जिससे संपन्न इलाकों के साथ ही आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्र भी खासे प्रभावित हुए। इस अभियान का प्रभाव जांजगीर जिले में भी देखने को मिला। जिले में पिछले डेढ़ दशक के दौरान धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासी गायत्री परिवार के जनजागरण अभियान से प्रभावित होकर पुनः सनातन धर्म की ओर रुख कर रहे हैं। जिसका असर धर्म परिवर्तन की गिरती दर के रूप में देखने को मिला।
गायत्री परिवार के कारण यहां हिंदू धर्म परिवर्तन में कमी आने लगी। जिसके कारण कई बार मिशनरियों ने स्थानीय स्तर पर गायत्री परिवार के साथ विवाद की स्थिति पैदा की। गायत्री परिवार के जग-जागरण अभियान को रोक पाने में असफल इस विशेष धार्मिक संगठन पर जब ऊपरी दवाब पड़ा तो इसने गायत्री परिवार के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश को मूर्त रूप देना शुरू किया।
तो आपने देखा कि पालघर में जो साधुओं की हत्या हुई उसमे भी मिशनरियों का हाथ सामने आ रहा है और इन बड़े धर्माचार्य श्री डॉ प्रणव पांड्या और हिंदू संत आशारामजी बापू ने भी धर्मान्तरण पर रोक लगाई और हिंदुओं की घर वापसी करवाई तो उनपर भी झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा स्वामी विवेकानंद जी के साथ भी ईसाई मिशनरियों ने किया था । उनपर भी चारित्रिक आरोप लगाए थे पर आज उनको करोड़ो लोग पूजते हैं।
हिंदुओं ऐसे षडयंत्र से आप भी सावधान रहें और औरों को भी सावधान करें। अपने किसी भी धर्मगुरु पर आरोप लगे तो बिना सच्चाई जाने कुछ न बोले बल्कि उनका समर्थन जरूर करें क्योंकि वे ही हमारे धर्म को संभाल के रखे हैं।
Official Azaad Bharat Links:
Follow on Telegram: https://t.me/azaadbharat
Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ