अफगानिस्तानी हिंदुओं के पास दो विकल्प या इस्लाम कबूल करें या देश छोड़ दें

20 मई 2019
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🚩अखंड भारत एक विशाल देश था उसमें से कई छोटे-छोटे देश बनें, उनमें से एक देश अफगानिस्तान है जो पहले हिन्दू बाहुल देश था, लेकिन क्रूर लुटेरे मुगल अलप्तगीन के दामाद सुबुक्तगीन ने लड़ाईयां लड़ते हुए अफगानिस्तान पर 177 ई. में कब्जा कर लिया क्योंकि हिन्दू उस समय एक नहीं थे, जिसके कारण विदेशी मुगलों ने आसानी से कब्जा कर लिया । बाद में उन्होंने क्रूरता दिखाई तलवार की नोक पर हिंदुओं का धर्मान्तरण करवाया । धर्मान्तरण कराने के बाद हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए जिससे आज उनकी वहाँ धार्मिक स्वतंत्रता पूरी तरह से छीन ली गई । वहां अब हिंदु तथा सिखों का जीना मुश्किल हो गया है झूठे मुकदमे बनाकर जेल भेज दिया जाता है, हत्याएं कर दी जाती हैं, बहु-बेटियों की इज्ज़त लूटी जाती है । यहाँ तक कि उनके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान भी बन्द कर दिया जा रहा है ।

🚩कभी हिंदू और सिख अफगान समाज का समृद्ध तबका हुआ करता था । अब मुट्ठीभर ही बचे हैं । बढ़ती असहिष्णुता और शोषण का आरोप लगाकर ज्यादातर लोग अफगानिस्तान को छोड़कर चले गए हैं । अफगानिस्तान में कभी दो लाख 20 हजार हिंदू और सिख परिवार थे । अब 220 रह गए हैं । इस अल्पसंख्यक समुदाय की जान, धर्म, ईमान हर चीज पर हमला हो रहा है, लिहाजा अब वे भी भाग रहे हैं ।
🚩अफगानिस्तान में रह रहे एक सरदार जगतार सिंह की रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्ची घटना में जगतार सिंह लाघमणी काबुल में अपनी दुकान पर काम कर रहे थे । एक युवक उनके पास आया छुरा दिखाकर बोला, मुसलमान हो जाओ, नहीं तो गला काट दूंगा । जून की शुरुआत में हुआ यह हमला पहला नहीं था । अफगानिस्तान के सिख और हिंदू अक्सर इस तरह के हमलों से दो-चार हो रहे हैं । तेजी से कट्टर इस्लामिक होते जा रहे अफगानिस्तान में इस तरह के हमले आम हो रहे हैं और अल्पसंख्यकों की मुश्किलें बढ़ रही हैं । तालिबान की धमकी मिली थी कि समुदाय को दो लाख अफगानी यानी करीब तीन हजार अमेरिकी डॉलर्स हर महीने देने होंगे.. ये उनके अनुसार जजिया कर था जो उनके जीने के लिए लगाया जाता था…।
🚩हिंदू और सिख सदियों से अफगानिस्तान में रह रहे हैं । वे वहां के व्यापार जगत का अहम हिस्सा रहे हैं । साहूकारी का काम यही तबका किया करता था, लेकिन आजकल उनकी पहचान जड़ी-बूटियों की दुकानों के लिए है ।
🚩नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू ऐंड सिख के चेयरमैन अवतार सिंह बताते हैं कि 1992 में काबुल में तख्तापलट के वक्त दो लाख 20 हजार परिवार थे जो अब घटकर सिर्फ 220 रह गए हैं । कभी ये पूरे मुल्क में फैले हुए थे, लेकिन अब बस नांगरहार, गजनी और काबुल के आसपास ही बचे हैं ।
🚩तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया लागू किया था । तब सार्वजनिक तौर पर लोगों को कत्ल किया जाता था । लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी थी । हिंदुओं और सिखों पर भी सख्ती थी । उन्हें पीले पट्टे पहनने पड़ते थे ताकि उन्हें पहचाना जा सके । यह नियम आज ही लगाया गया था अर्थात 20 मई सन 2001 को, इस से उनके घरों को लूटना, बलात्कार आदि का चिन्ह मिल जाया करता था । सरकार में बैठे ताकतवर लोगों ने सिखों व हिंदुओं की जमीनें छीन ली हैं । उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं । छोटा समाज दिन ब दिन और छोटा होता जा रहा है ।” इस पीड़ा को झेलने वाले जगतार बताते हैं, “हमारा दिन ऐसे ही शुरू होता है । डर और अकेलेपन के साथ । अगर आप मुसलमान नहीं हैं, तो उनकी नजरों में आप इन्सान नहीं हैं । मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं, कहां जाऊं ।”
🚩कालचा में जो कुछ हो रहा है, उससे इन अल्पसंख्यकों की स्थिति समझी जा सकती है । काबुल के साथ सटे कालचा इलाके में पहले ज्यादातर हिंदू और सिख ही रहते थे । उनके पास वहां एक श्मशान घाट है । हाल के दिनों में काबुल फैला है और बहुत से मुस्लिम परिवार कालचा में रहने आ गए हैं, लेकिन अब वे इस श्मशान घाट को लेकर विरोध कर रहे हैं । अब हालात ऐसे हो गए हैं कि अंतिम संस्कार के लिए पुलिस सुरक्षा की जरूरत पड़ती है । अवतार सिंह कहते हैं, “वे हम पर ईंटें और पत्थर फेंकते हैं । मुर्दों पर पत्थर फेंकते हैं।”
🚩आपको बता दे कि हिंदुओं की अफगानिस्तान से भी ज्यादा ख़राब स्थिति पाकिस्तान और बांग्लादेश में है, लेकिन इसके लिए न मानव अधिकार वाले बोलते हैं,  ना ही संयुक्त राष्ट्र कुछ कर रहे हैं और ना ही सरकार या कानून कोई कार्य कर रहा है ।
🚩देश-विदेश में जहां भी हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाते है तो उनको कैसे-कैसे प्रताड़ित किया जाता है आपके सामने ही है । भारत में भी ईसाई मिशनरियां जोरो से हिन्दूओं का धर्मान्तरण करवा रहे हैं, मुस्लिम भी लव जिहाद, जमीन जिहाद द्वारा, बच्चों की तादात बढ़ाकर कब्जा कर रहे हैं । मीडिया भी उनका ही साथ देती है और बॉलीवुड हो या टीवी शो ही सभी जगह हिन्दू विरोधी एजेंडे चल रहे हैं, हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है, हिन्दू धर्मगुरुओं को बदनाम करके जेल भिजवाया जा रहा है  अभी भी हिन्दू न जागे तो वो दिन दूर नहीं कि हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे और पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसी हालत होगी ।
🚩अब हिंदुओं को घोर निद्रा का त्याग करके इन षड्यंत्रों के खिलाफ लड़ना होगा तभी अस्तित्व हिन्दू बच पाएगा ।
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