अगर आप भी देशभक्त अथवा भारतीय संस्कृति के प्रचारक हैं तो सावधान रहें, कीमत चुकानी होगी।

10 सितंबर 2020

 
जब भी प्रसिद्ध हस्ती अथवा कोई व्यक्ति देशभक्ति, भारतीय संस्कृति या सनातन धर्म की बात करते हैं और राष्ट्र विरोधी लोगों का विरोध करते हैं तो उनको बहुत कुछ सहन करना पड़ता है, यहाँ तक ही हत्या भी हो सकती है अथवा जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं। उसमें से हम कुछ उदाहरण बता रहे हैं जिससे आप भी राष्ट्र विरोधी ताकतों से सावधान रहें।
 

 

 
आपने कुछ दिन से देखा होगा कि अभिनेत्री कंगना रनौत ने जब से बॉलीवुड और ड्रग्स माफियाओं की पोल खोली है तब से उनके खिलाफ कई आरोप भी लगें यहाँ तक कि उनका मकान भी तोड़ा गया और एयरपोर्ट पर विरोध भी सहन करना पड़ा और ऊपर से FIR भी दर्ज की गई तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है।
 
दूसरा उदाहरण आपको बता रहे हैं सुरेश चव्हाणके का। UPSC में मुस्लिम घुसपैठियों और जिहाद का खुलासा किया तब उनके खिलाफ केम्पेन चलाया गया, उनके खिलाफ अनेक एफआईआर दर्ज करवाई गई, यहाँ तक कि उनके चैनल को विज्ञापन देना बंद करवा दिया जिसके कारण उनका चैनल बंद हो जाये उससे पहले भी उनको काफी संघर्ष करना पड़ा।
 
बंगाल, केरल आदि में कई राष्ट्र भक्तो की हत्या की जा रही हैं।
 
जिन आदिवासियों को ईसाई बना दिया गया था, उन लाखों हिंदुओं की घर वापसी हिन्दू सन्त आशारामजी बापू ने करवा दी थी, करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बना दिया, सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने की कला बताई, कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी, वेलेंटाइन डे के दिन करोडों लोगो में मातृ-पितृ पूजन शुरू करवा दिया।
 
विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी बन चुके थे और वे भारतीय संस्कृति का वहाँ प्रचार करने लगे थे, करोड़ो लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया उसके बाद उन करोडों लोगो ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगें इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबो-खरबों रुपये का घाटा हुआ और ईसाई मिशनरियों के धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं, फिर उनको सुनियोजित ढंग से षड्यंत्र रचकर जेल भेज दिया गया और 7 साल से जेल में बंद है। 85 वर्ष की उम्र है लेकिन एक दिन भी जमानत नही दी गई।
 
प्रखर राष्ट्रभक्त साध्वी प्रज्ञाजी को 9 साल, डीजी वंजाराजी को 8 साल, स्वामी असीमानन्दजी को 8 साल, कर्नल पुरोहित 7 साल, केशवानन्दजी महाराज, शंकराचार्य आदि को सालों तक जेल में रखा गया और अमानवीय यातनाएं दी गई थी।
 
ओडीशा में धर्मान्तरण का विरोध करने वाले दारा सिंह को सालो से जेल में रखा गया है, अपनी मां की अंतेष्टि करने के लिए भी पेरोल नही दी गई। 2008 में कंधमाल में माओवादियों ने स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती सहित तीन और साधुओं की हत्या गोली मार कर दी थी। लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या इसलिए हुई थी क्योंकि स्वामी जी कंधमाल में निर्दोष आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का विरोध कर रहे थे।
 
आपको यह उदाहरण इसलिए बता रहे हैं कि हिन्दू ही आपस मे संगठित नही हैं, आपस मे लड़ते रहते हैं, जाति-पाती में बंटे रहे हैं, कोई एक राष्ट्रवादी फंसता है तो उसको सपोर्ट करने वाले बहुत कम हुए है जिसके कारण आज हिंदू धर्म की भी दुर्दशा हो रही है इसलिए समय आ गया है कि जिन राष्ट्रभक्तों का विरोध हो रहा है उनका पुरजोश समर्थन करें, उनके किये आवाज उठाये इसके कारण राष्ट्र विरोधी ताकते आसानी से हार जाएगी और राष्ट्रवादियों की जीत होगी इससे राष्ट्र सुरक्षित रहेगा और राष्ट्र सुरक्षित रहेगा तो हम भी सुरक्षित रहेंगे।
 
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