दशहरा क्यों मनाते है?

12 October 2024

Home

 

दशहरा क्यों मनाते है?

 

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे कई धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारणों से मनाया जाता है। दशहरा का पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वेद, पुराण, महाकाव्यों और अन्य हिन्दू धर्मग्रंथों में व्यापक रूप से वर्णित है।

 

पौराणिक महत्व :

रामायण के अनुसार-दशहरा का सबसे प्रमुख कारण भगवान श्रीराम द्वारा राक्षसराज रावण का वध करना है। रावण का अहंकार और अधर्म बढ़ जाने के कारण भगवान राम ने उसकी लंका में जाकर, नौ दिनों तक लगातार युद्ध करके, दसवें दिन उसका वध किया। यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन है कि कैसे भगवान राम ने देवी दुर्गा की उपासना की और उनके आशीर्वाद से रावण पर विजय प्राप्त की। इसलिए दशहरे का सीधा संबंध शक्ति की उपासना और विजय प्राप्ति से है।

 

महाभारत के अनुसार-महाभारत में अर्जुन ने इसी दिन अपने अज्ञातवास के दौरान शमी वृक्ष के नीचे छिपाए गए हथियारों को निकाला और कौरवों पर विजय प्राप्त की। इसे विजयदशमी के रूप में भी मनाया जाता है। अर्जुन की विजय को धर्म की विजय के रूप में देखा गया है। महाभारत में दशहरे का तात्पर्य धर्म और अधर्म के युद्ध में धर्म की विजय से है।

 

दुर्गा पूजा:

दशहरा को दुर्गा पूजा के समापन के रूप में भी मनाया जाता है, खासकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में। दुर्गा सप्तशती के अनुसार, देवी दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए,यह दिन देवी की विजय और शक्ति का प्रतीक है।

 

दशहरा का नाम:

‘दशहरा’ शब्द दश-हर से निकला है, जिसका अर्थ है “दस सिरों का नाश”। यह रावण के दस सिरों का प्रतीकात्मक नाश दर्शाता है जो दस बुराइयों का प्रतिनिधित्व करते है – काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर्य, अहंकार, आलस्य, हिंसा और ईर्ष्या।

 

पुराण और वेद अनुसार दशहरा :

 

वेदों में विजयदशमी :

दशहरे का सीधा उल्लेख वेदों में नहीं मिलता लेकिन वेदों में वर्णित ऋत और सत्य की स्थापना के सिद्धांत दशहरा के महत्व के साथ जुड़े हुए है। यह त्योहार सत्य और धर्म की विजय का प्रतीक है, जो वेदों के सार्वभौमिक नियमों और नैतिकता के सिद्धांतों से मेल खाता है।

 

पुराणों में दशहरा : स्कंद पुराण, कालिका पुराण और मार्कण्डेय पुराण में विजयादशमी के दिन देवी दुर्गा की विजय और शक्ति के बारे में कई कथाएं UJमिलती है। स्कंद पुराण में देवी के महिषासुर मर्दिनी रूप का वर्णन है और बताया गया है कि इस दिन देवी ने बुराई का नाश किया। कालिका पुराण में भी दशहरे के दिन देवी की उपासना का उल्लेख मिलता है, जिसमें नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दशवें दिन को विजय का प्रतीक माना गया है।

 

ऐतिहासिक संदर्भ :

दशहरा की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, और इसका प्रथम संदर्भ त्रेता युग से मिलता है, जब भगवान राम ने रावण का वध किया। इसके बाद द्वापर युग में अर्जुन की विजय भी इस पर्व से जुड़ी है। इन कथाओं के अनुसार दशहरा का उत्सव कई हज़ार वर्षों से मनाया जा रहा है।

 

•त्रेता युग: श्रीराम द्वारा रावण पर विजय।

•द्वापर युग: अर्जुन द्वारा विजय।

•कलियुग: नवरात्रि और दुर्गा पूजा की परंपरा, जिसमें देवी दुर्गा की उपासना की जाती है और दशहरा को उनकी विजय के रूप में मनाया जाता है।

 

आज के युग में दशहरे का महत्व : आज के संदर्भ में दशहरा का महत्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। समाज में बुराइयों का नाश करना और सत्य, धर्म, और नैतिकता का पालन करना इसका मुख्य संदेश है। आज दशहरे का उत्सव निम्नलिखित रूपों में महत्वपूर्ण है:

 

नैतिकता और न्याय:

दशहरे का संदेश है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः सत्य और न्याय की विजय होती है। यह संदेश आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक है, जहाँ समाज में नैतिकता और न्याय का पालन आवश्यक है।

 

शक्ति और आत्मबल : नवरात्रि के बाद दशहरे का पर्व यह भी सिखाता है कि व्यक्ति को आत्मबल, संयम और शक्ति की आवश्यकता है ताकि वह जीवन में आने वाली बुराइयों और चुनौतियों का सामना कर सके। देवी दुर्गा की उपासना शक्ति प्राप्त करने का प्रतीक है।

 

सांस्कृतिक एकता :

दशहरा भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है,जैसे रावण दहन, दुर्गा पूजा, और शस्त्र पूजा। यह पर्व सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है, जो आधुनिक समाज में लोगों को एकजुट करने का माध्यम बनता है।

 

निष्कर्ष:

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसका पौराणिक महत्व रामायण,महाभारत, पुराण और तंत्र-शास्त्रों से जुड़ा हुआ है। यह पर्व सदियों से धर्म,न्याय और सत्य की स्थापना के लिए मनाया जाता रहा है और आज भी इसका महत्व हमारे समाज में बहुत गहरा है।

 

Follow on

 

Facebook

 

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/

 

Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg

 

Twitter:

 

twitter.com/AzaadBharatOrg

 

Telegram:

 

https://t.me/ojasvihindustan

 

 

http://youtube.com/AzaadBharatOrg

 

Pinterest: https://goo.gl/o4z4