मूल निवासी दिवस के नाम पर कौन कर रहा है छलावा?

11 August 2024

Home

 

मूल निवासी दिवस के पीछे का षड्यंत्र

अगस्त की 9 तारीख को मूल निवासी दिवस के नाम पर एक नया भ्रमजाल बुना जा रहा है। वामपंथी और जेहादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे इस भ्रमजाल का मुख्य उद्देश्य हिन्दुत्व को कमजोर करना और समाज में विभाजन पैदा करना है।

 

वैदिक इतिहास की अनदेखी

सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए प्रश्न के जवाब में, राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने स्पष्ट किया कि स्कूली किताबों में वैदिक इतिहास का अध्याय जोड़ने की कोई योजना नहीं है। एनसीईआरटी ने बताया कि 2005 में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम तैयार किया गया था, और 2007 में इतिहास की नई किताबें शामिल की गईं, जिसमें वैदिक इतिहास को हटा दिया गया। अब वैदिक इतिहास पर कोई प्रस्ताव नहीं है।

 

वैदिक ज्ञान की उपेक्षा

विशेषज्ञ मानते हैं कि एनसीईआरटी ने वामपंथी दबाव में आकर वैदिक विज्ञान को पाठ्यक्रम से हटा दिया। छात्रों को वेदों और वैदिक गणित का महत्व जानने का हक है, लेकिन एनसीईआरटी की किताबों में आर्य सभ्यता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती। सरकार ने ऋगवेद को यूनेस्को के विश्व धरोहरों में शामिल कराया, लेकिन एनसीईआरटी की किताबों में इसका कोई जिक्र नहीं है।

 

आर्य और द्रविड़ का मिथक

वामपंथी इतिहासकारों ने दावा किया कि भारतीय आर्य बाहरी थे, लेकिन यह दावा किस आधार पर किया गया? आर्यों की उत्पत्ति पर कोई सटीक जानकारी नहीं दी गई है।

 

द्रविड़ सभ्यता का सवाल

इतिहासकारों ने अंग्रेजों द्वारा लिखे गए इतिहास के आधार पर आर्यों और द्रविड़ों के बीच विभाजन किया। यह सोचने की बात है कि सिंधु घाटी से दक्षिण भारत जाकर द्रविड़ अपनी सभ्यता और ज्ञान भूल गए।

 

नेहरू और भारतीय शिक्षा का राजनीतिकरण

पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘भारत की खोज’ पुस्तक में भारत को एक खोए हुए बच्चे के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने मौलाना अबुल कलाम आजाद को शिक्षा मंत्री बनाया, जिन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली में मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया। यह विचारधारा आज भी भारतीय शिक्षा व्यवस्था में समाई हुई है।

 

मूल निवासी दिवस का असली उद्देश्य

वामपंथी इतिहासकारों ने भ्रम फैलाया कि भारतीय लोग मूल निवासी नहीं हैं। इसके माध्यम से भारतीय समाज को विभाजित किया जा रहा है और वैदिक इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।

 

अंतिम विचार

मूल निवासी दिवस के नाम पर फैलाए जा रहे इस छलावे का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज को विभाजित करना और हिन्दुत्व को कमजोर करना है। इस अभियान का मुकाबला करना आवश्यक है ताकि भारत के प्राचीन गौरव और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा की जा सके।

 

सोशल मीडिया पर जुड़ें

Facebook: [Svatantra Bharat Official](https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/)

Instagram: [Azaad Bharat Org](http://instagram.com/AzaadBharatOrg)

Twitter: [Azaad Bharat Org](http://twitter.com/AzaadBharatOrg)

Telegram: [Ojasvi Hindustan](https://t.me/ojasvihindustan)

YouTube: [Azaad Bharat Org](http://youtube.com/AzaadBharatOrg)

Pinterest: [Azaad Bharat](https://goo.gl/o4z4BJ)

Translate »