Top Fake News: भारतीय मीडिया के 10 सबसे बड़े झूठ, जिन पर आज तक नहीं मांगी माफ़ी
मीडिया का असली चेहरा – कैसे फैलाई गई Top Fake News
भारत की मुख्यधारा मीडिया अब खबरें नहीं, एजेंडा बेचती है। TRP और राजनीतिक दबाव में आकर मीडिया ने कई बार Top Fake News फैलाई, जिससे निर्दोष लोग दोषी बने और देश का माहौल खराब हुआ।
Top Fake News जिसने पूरे भारत को गुमराह किया
नीचे दिए गए 10 उदाहरण भारतीय मीडिया द्वारा फैलाए गए सबसे बड़े झूठ हैं:
1. दादरी अख़लाक केस – बीफ नहीं, गौमांस था
मीडिया ने कहा कि अख़लाक बीफ खा रहा था, इसलिए मार दिया गया। बाद में फोरेंसिक रिपोर्ट में साबित हुआ कि वह गौमांस था।
2. रोहतक बहनें – झूठी शेरनियाँ
बिना जांच मीडिया ने लड़कियों को नारीशक्ति बताया। वीडियो सामने आने के बाद साफ़ हुआ कि उन्होंने निर्दोष लड़कों को पीटा।
3. जसलीन कौर मामला – चुनावी नाटक
लड़की AAP से जुड़ी थी। लड़के को बलात्कारी की तरह पेश किया गया, पर अदालत में सबूत नहीं मिले।
4. जुनैद खान – बीफ नहीं, सीट का झगड़ा था
मीडिया ने इसे “बीफ मर्डर” बता दिया, लेकिन कोर्ट ने कहा यह सीट को लेकर विवाद था।
5. आसाराम बापू गुरुकुल मामला – तांत्रिक एंगल झूठा
मीडिया ने बच्चों की मौत को तंत्र-मंत्र से जोड़ दिया, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कोर्ट ने इसे प्राकृतिक मौत बताया।
6. होली में स्पर्म वाले गुब्बारे – फोरेंसिक रिपोर्ट ने नकारा
गुब्बारों में वीर्य होने की अफवाह फैलाई गई, लेकिन सच्चाई कुछ नहीं थी।
7. गुर्मेहर कौर – देश की सहानुभूति से खिलवाड़
पिता के नाम पर झूठी सहानुभूति बटोरने की कोशिश, जबकि वे कारगिल में शहीद नहीं हुए थे।
8. आरुषि मर्डर केस – मीडिया ट्रायल से दोषी घोषित
बिना सबूत के माता-पिता को दोषी ठहराया गया, बाद में हाईकोर्ट ने बरी किया।
9. कठुआ केस – मंदिर को बदनाम करने की साजिश
बिना पुष्टि के कहा गया कि बच्ची के साथ मंदिर में बलात्कार हुआ, पर सबूत नहीं मिले।
10. संत आसाराम बापू – छेड़छाड़ को बना दिया बलात्कार
लड़की ने FIR में बलात्कार नहीं कहा, फिर भी मीडिया ने “बलात्कारी बाबा” बना दिया।
न्याय से पहले फांसी – ये है सबसे बड़ी टॉप फेक न्यूज
क्या Corrupt Judges और Media साथ काम कर रहे हैं?
जब मीडिया ट्रायल होता है, कई बार कुछ corrupt judges उसी आधार पर निर्णय दे देते हैं।
संत, सैनिक, राष्ट्रवादी – सभी इसका शिकार हुए।
निर्दोष साबित हुए, पर मीडिया ने माफ़ी नहीं मांगी
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Shankaracharya Jayendra Saraswati
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Swami Nityananda
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Col. Purohit
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Sadhvi Pragya
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DG Vanzara
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Swami Aseemanand
इन सभी को मीडिया ने बदनाम किया, बाद में बरी हुए – पर माफ़ी?
मीडिया जवाबदेह क्यों नहीं?
इन Top Fake News ने देश के भरोसे को तोड़ा है। मीडिया को TRP और एजेंडे से ऊपर उठकर जिम्मेदार बनना होगा।
क्या आप मानते हैं कि मीडिया को फेक न्यूज़ फैलाने पर सज़ा मिलनी चाहिए? इस पोस्ट को शेयर करें और सच का साथ दें।
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