शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा | Axiom Mission-4

26 June 2025

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India’s Giant Leap: शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा

प्रकाशित तिथि: 26 जून 2025

25 जून 2025 — जब भारत ने अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी को एक नई ऊंचाई दी।

️ एक ऐतिहासिक क्षण

आज का दिन भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। 25 जून 2025 को, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक ऐतिहासिक उड़ान भरी। दोपहर 12:01 बजे (भारतीय समयानुसार), उन्होंने अमेरिका के Kennedy Space Center से SpaceX Falcon 9 रॉकेट और Dragon अंतरिक्ष यान में सवार होकर, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर कदम बढ़ाया।

‍ भारत का दूसरा अंतरिक्ष यात्री — लेकिन पहली बार ISS की ओर

शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन में भाग लिया था। लेकिन यह मिशन पूरी तरह से अलग है — क्योंकि शुभांशु ISS की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय हैं।

Axiom Mission-4 (Ax-4): एक वैश्विक साझेदारी

इस मिशन में भारत, अमेरिका, हंगरी और पोलैंड जैसे देशों का संयुक्त प्रयास शामिल है। शुभांशु पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। 14-दिन की यह यात्रा ISS पर वैज्ञानिक प्रयोगों से भरपूर होगी।

अंतरिक्ष में भारतीय वैज्ञानिक प्रयोग

  • मूंग और मेथी की फसलें माइक्रोग्रैविटी में उगाने का प्रयोग
  • मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव की गहन स्टडी
  • कोशिकाओं, पाचन और हड्डियों पर असर का परीक्षण

ये सभी प्रयोग गगनयान और भविष्य के भारतीय चंद्र/मंगल मिशनों की नींव रखेंगे।

✈️ शुभांशु शुक्ला: एक अनुभवी योद्धा

  • 3000+ उड़ान घंटे का अनुभव
  • MiG-21, Sukhoi-30, Jaguar जैसे फाइटर जेट्स उड़ाए
  • Yuri Gagarin Cosmonaut Training Centre से प्रशिक्षण प्राप्त

मिशन का महत्व

  • गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण
  • भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर
  • किसान और वैज्ञानिकों को प्रेरणा

निष्कर्ष

शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत की वैज्ञानिक, तकनीकी और सैन्य क्षमताओं की सशक्त झलक है। यह मिशन नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा और भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मानचित्र पर नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करेगा।