23 जुलाई 2019
हिंदुस्तान में गाय को पशु नहीं माना जाता है गाय को माता का दर्जा दिया है और उनमें 33 करोड़ देवता बसते हैं । गाय के दूध,दही, घी, गोबर और गौझरन से असाध्य रोग भी मिट जाते हैं यह वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध किया है, गाय माता की रक्षा के लिये हिन्दूनिष्ठ जान भी दे देते हैं, लेकिन गौ माता की जान नहीं जाने देते हैं ।
देशवासी गाय को माता मानते हैं और उसका पूजन करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज भी देश में हजारों गाएं कट रही है, लेकिन वहीं एक अच्छी खबर भी आई है कि न्यायालय ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए नोटिस जारी किया है ।
अब गौभक्तों के लिए एक अच्छी खबर आई है कि न्यायालय भी चाहता है कि गौहत्या बंद हो।
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका पर केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया, जिसमें देसी नस्ल की गाय आदि के वध पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
मथला चंद्रपति राव द्वारा दायर जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षतावाली पीठ ने सभी राज्यों को गैरकानूनी तरीके से चल रहे बूचड़खानों को बंद करने और उच्चतम न्यायालय के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए भी निर्देश देने की मांग की !
हाल ही में मवेशियों के राष्ट्रीय आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गुमान लाल लोढ़ा द्वारा भारत सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि, इस रिपोर्ट में दुधारू गायों और बछड़ों के वध पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है !
सर्वोच्च न्यायालय से मांगे गए दिशा-निर्देश :
भारत में देसी नस्लों/प्रजातियों के मवेशियों की गिरावट को रोकने के लिए तुरंत निवारक कदम उठाएं और प्रभावी रूप से राष्ट्रीय गोकुल मिशन को लागू करें !
भारत में मवेशियों की विदेशी नस्लों के साथ क्रॉस ब्रीडिंग और ब्रीडिंग को बढ़ावा ना देने के लिए उत्तरदाताओं को निर्देशित करना ताकि वो मवेशियों की देसी प्रजातियों के लिए न्यूनतम हस्तक्षेप और बीमारी के जोखिम को नियंत्रित करें !
स्वदेशी नस्ल के दुधारू पशुओं का वध नहीं हो ये सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश जारी हों !
स्वदेशी मवेशियों के दूध के उत्पादन में सुधार के लिए अनुसंधान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देंश जारी हों !
देश के किसी भी हिस्से में गायों के वध की अनुमति नहीं दी जाए और संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने के लिए उत्तरदाताओं को तत्काल कदम उठाने का निर्देश दें !
उत्तरदाताओं को इस न्यायालय के समक्ष गैर-अधिकृत बूचड़खानों को बंद करने और अनुपालन रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दें !
उत्तरदाताओं को विदेशी बैल और बैल के आयात को प्रतिबंधित करने को कहा जाए ताकि क्रॉस ब्रीडिंग को रोका जा सके !
देश में मौजूदा विदेशी सांडों और बैलों की नसबंदी करने के लिए उत्तरदाताओं को निर्देशित करें ताकि क्रॉस ब्रीडिंग को रोका जा सके ! स्त्रोत : एनडीटीवी
आज जो हमारे देश में भूकंप, बाढ़ आदि आते हैं, उसका कारण भी गौहत्या ही है, जब गाय की हत्या हो रही होती है, तब उसकी चीख जो निकलती है उससे पृथ्वी माता काँपने लगती है ।
शास्त्रों में लिखा है कि
भूकंप कहे गाइ की गाथा।
कांपे धरा त्रास अति जाता।
अथार्त् जब गौमाता को कष्ट होता है, तभी पृथ्वी कांपती है अर्थात भूकम्प आता है ।
भूकंप कहे गाइ की गाथा।
कांपे धरा त्रास अति जाता।
अथार्त् जब गौमाता को कष्ट होता है, तभी पृथ्वी कांपती है अर्थात भूकम्प आता है ।
अथर्ववेद के अनुसार- गाय समृद्धि का मूल स्रोत व प्रचुरता की द्योतक है एवं सृष्टि के पोषण की स्रोत व जननी है । गाय माता में 33 करोड़ देवताओं का वास हैं ।
गाय को सताना घोर पाप है । उसकी हत्या से तो नर्क के द्वार खुल जाते हैं तथा करोड़ों जन्मों तक दुःख भोगना पड़ता है ।
“गौमय वसते लक्ष्मी” यह हमारी प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक संस्कृति का मूल-मंत्र रहा है ।
आज के वैज्ञानिक भी कहते हैं कि गाय ही एकमात्र ऐसा पवित्र प्राणी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है ।
रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने बताया है कि 1 चम्मच गौघृत जला कर हम 1 टन प्राणवायु प्राप्त कर सकते हैं ।
बता दें कि एलोपैथिक दवाओं, रसायनिक खादों, प्रदूषण आदि के कारण शरीर में एकत्रित विष गाय के दूध से ही नष्ट होता है ।
गौ माता का दूध,दही,गौ-मूत्र,गोबर आदि जीवन के लिए उपयोगी होने के साथ-साथ वरदान स्वरुप है ।
अमेरिका कैंसर की दवा बनाने के लिए भारत से गौमूत्र आयात करता है और हम लोग पवित्र गौ-माता को कत्लखाने भेज देते हैं । ये उचित नहीं है ।
प्रत्येक हिन्दुस्तानी का यह परम् कर्तव्य है कि वो गौ-गीता और संतों का सम्मान करें । ऐसा करेंगे तभी हम देश को सहीं दिशा की ओर ले जा पाएंगे और देश को गुलाम होने से बचा पाएंगे ।
मोदी सरकार ने जैसे रातोंरात नोटबन्दी कर दी थी, वैसे ही रातोंरात घोषणा कर देनी चाहिए कि पूरे देश में गौहत्या बंद हो और गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करके गौहत्यारों को फांसी कीसजा का प्रावधान कर देना चाहिए ।
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