15 May 2025
भारत के वे पाँच शहर जिनके नाम राक्षसों से जुड़े हैं
भारत की पौराणिक कथाएँ केवल देवी-देवताओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई ऐसे असुर और राक्षस भी हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति और भूगोल पर अपनी छाप छोड़ी है। यही कारण है कि भारत के कुछ शहरों के नाम इन राक्षसों के नाम पर रखे गए हैं। आइए इन पाँच शहरों की पौराणिकता और वर्तमान धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति को समझते हैं।
1. मैसूर (कर्नाटक) – महिषासुर
पौराणिक कथा: मैसूर का नाम ‘महिषासुर’ राक्षस से जुड़ा है। देवी दुर्गा ने उसका वध कर इस स्थान को ‘महिषूर’ कहा, जो अब ‘मैसूर’ बन गया।
- प्रमुख स्थल: चामुंडी हिल्स, महिषासुर की मूर्ति
- परंपरा: मैसूर दशहरा – रथ यात्रा, झाँकियाँ और रोशनी
2. जालंधर (पंजाब) – जालंधरासुर
पौराणिक कथा: जालंधरासुर भगवान शिव की अग्नि से उत्पन्न हुआ असुर था जिसे देवी पार्वती और विष्णु ने पराजित किया।
- प्रमुख स्थल: देवी तालाब मंदिर, इमाम नासिर
- परंपरा: नवरात्रि के दौरान देवी पूजन
3. गया (बिहार) – गयासुर
पौराणिक कथा: गयासुर एक तपस्वी राक्षस था जिसे भगवान विष्णु ने मोक्ष दिया और विष्णुपद मंदिर की स्थापना हुई।
- प्रमुख स्थल: विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी
- परंपरा: पितृपक्ष मेला – पिंडदान के लिए प्रसिद्ध
4. पलवल (हरियाणा) – पालवालासुर
पौराणिक कथा: बलराम जी ने महाभारत काल में पालवालासुर राक्षस का वध किया, जिससे इस नगर का नाम पड़ा।
- प्रमुख स्थल: बलदेव मंदिर, गांधी आश्रम
- परंपरा: बलदेव छठ मेला – बलराम जयन्ती पर आयोजन
5. तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) – त्रिशिरा
पौराणिक कथा: त्रिशिरा एक तीन सिरों वाला राक्षस था। शहर का नाम “त्रिशिरा+पल्ली” से विकसित हुआ माना जाता है।
- प्रमुख स्थल: उचि पिल्लयार मंदिर, श्री रंगनाथस्वामी मंदिर
- परंपरा: पंगुनी उत्सव – शिव-पार्वती विवाह उत्सव
मानचित्र पर स्थिति:
शहर | राज्य | नजदीकी एयरपोर्ट / स्टेशन |
---|---|---|
मैसूर | कर्नाटक | मैसूर एयरपोर्ट / रेलवे स्टेशन |
जालंधर | पंजाब | अमृतसर एयरपोर्ट / जालंधर सिटी स्टेशन |
गया | बिहार | गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट / गया जंक्शन |
पलवल | हरियाणा | इंदिरा गांधी एयरपोर्ट / पलवल स्टेशन |
तिरुचिरापल्ली | तमिलनाडु | त्रिची एयरपोर्ट / त्रिची जंक्शन |
निष्कर्ष:
भारत में हर स्थान की अपनी पौराणिक पहचान है। ये पाँच शहर इस बात के प्रमाण हैं कि राक्षसों के नाम पर भी श्रद्धा, संस्कृति और परंपरा का गहरा जुड़ाव हो सकता है। यह भी संदेश मिलता है कि अधर्म चाहे जितना भी शक्तिशाली हो, धर्म की ही विजय होती है।