29 जनवरी 2019
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ईसाईयों द्वारा बांटी गई पत्रिकाएं-*
1. यहां के अनेक लोगों ने यह बताया कि ये धर्मांतरित सिंधी लोग अपने समुदाय के अन्य लोगों को भी धर्मांतरित होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं । यहां के जो व्यापारी और उनके परिवार ईसाई बन गए हैं, वे ईसाई पंथ के प्रचार हेतु अपने प्लैट, जमीन, साथ ही अपनी गाड़ियाँ भी ईसाई मिशनरियों को उपलब्ध करा रहे हैं ।
2. धर्मांतरित सिंधी व्यापारी वर्ग और उच्चस्तर के सिंधी लोग अपने परिजन और समुदाय के अन्य लोगों को भी धर्मांतरण के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ।
3. स्थानीय हिन्दू इन धर्मांतरण की घटनाओं के विरुद्ध वैधानिक पद्धति से संघर्ष कर रहे हैं; परंतु उनके प्रयास कम पड़ रहे हैं ।
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धर्मांतरित सिंधी स्वयं का नाम न बदलकर सिंधी लड़कियों से विवाह कर उनसे कर रहे हैं धोखाधड़ी-*
श्री. सत्यम पुरी ने बताया कि सिंधी समुदाय में लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या की अपेक्षा कम है । ये लड़कियां इन धर्मांतरित सिंधी लड़कों के साथ विवाह करने राजी नहीं होती; इसलिए ईसाई प्रिस्ट इन धर्मांतरित सिंधी युवकों को अपना पहले का ही नाम चालू रखने के लिए कहते हैं । उसके कारण उनसे विवाह करनेवाली लड़कियों को विवाह के पश्चात उसके पति द्वारा ईसाई पंथ का स्वीकार करने की बात ज्ञात होती है । तत्पश्चात ये धर्मांतरित युवक अपनी पत्नी पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते हैं । इस प्रकार की घटनाएं आज घर-घर में हो रही हैं ।
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झूठे चमत्कार बताकर किया जाता है धर्मांतरण-*
उल्हासनगर के निकट ही ताबोर आश्रम नामक एक ईसाई संस्था की स्थापना की गई है । यह तथाकथित आश्रम धर्मांतरण का बड़ा केंद्र बन गया है । साथ ही, नगर के विविध स्थानोंपर अंधविश्वास फैलानेवाले कार्यक्रम निरंतर चालू रहते हैं । ऐसे कार्यक्रमों के प्रचार के अंतर्गत विविध स्थानों पर ‘अपाहिज व्यक्ति चल सकेगा, अंधा देख पाएगा और इसके लिए ईसा मसीह के शरण में आएं’, ऐसे वाक्य छपे हुए पोस्टर्स लगाए हुए दिखाई देते हैं । (क्या महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को यह अंधश्रद्धा नहीं दिखाई देती ? या उन्हें ईसाईयों के विरुद्ध कुछ बोलना नहीं है ? – संपादक) ऐसा होते हुए भी प्रशासन की ओर से ऐसे अंधविश्वास फैलानेवाले कार्यक्रमों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही होते हुए नहीं दिखाई देती । विविध चैनलों से इन कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण भी किया जाता है ।
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धर्मांतरित धनवान लोगों द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण का मिशनरियों का षड्यंत्र-*
मिशनरियों द्वारा धनवान सिंधी लोगों का धर्मांतरण कर उन्हें आसपास के गांवों में वहां के आदिवासी और निर्धन लोगों के धर्मांतरण के लिए भेजा जाता है । उल्हासनगर के धनवान लोगों द्वारा किए गए धर्मांतरण का उदाहरण प्रस्तुत कर ये धर्मांतरित सिंधी लोग निर्धन लोगों का धर्मांतरण करते हैं ।
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धर्मांतरण का विरोध करनेवालों को झूठे अपराधों के प्रकरणों में फंसाया जा रहा है-*
सरकार का इसपर ध्यान न देना मतलब खुद का भी वोट बैंक कम करना हुआ, ईसाई बन जायेंगे तो हिंदू पार्टी को ही वोट कम जाएंगे।
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शासन को ऐसे गंभीर मसलों पर तत्काल निर्णय लेना होगा।
धर्मान्तरण पर सरकार क्यो चुप्पी साधे हुए है,मीडिया भी चुप है,क्यों?? जागो हिन्दू जागो।
भारत देश के हिंदू कब जागेंगे कब जागरूक होंगे। पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करने के कारण अपने हिंदू धर्म की मान्यता को भूलते जा रहे हैं और ऐसे इसाई पादरियों के चंगुल में आ जाते हैं।