भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बना मिज़ोरम | पढ़ा-लिखा मिज़ोरम, रोशन भारत

24 May 2025

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भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बना मिज़ोरम — “अब यहां कोई भी अनपढ़ नहीं!”

“पढ़ा-लिखा मिज़ोरम, रोशन भारत” — मिज़ोरम ने रचा शिक्षा का इतिहास!

भारत में शिक्षा को लेकर दशकों से काम होता आ रहा है, लेकिन आज एक राज्य ने वह मील का पत्थर छू लिया है जो पूरे देश का सपना था। मिज़ोरम अब भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने 100% साक्षरता दर हासिल की है। यानी, राज्य में अब एक भी व्यक्ति अनपढ़ नहीं बचा।

शिक्षा मंत्रालय ने की ऐतिहासिक घोषणा

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार, 24 मई 2025 को यह घोषणा की कि मिज़ोरम अब एक पूर्ण साक्षर राज्य है। यह घोषणा न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

साक्षरता दर के मामले में केरल था सबसे आगे, लेकिन अब…

अब तक जब भारत में साक्षरता की बात होती थी तो केरल का नाम सबसे पहले लिया जाता था। लेकिन मिज़ोरम ने अब केरल से भी आगे निकलते हुए 100% साक्षरता का सपना साकार कर दिखाया है।

️ कठिन हालात, फिर भी अडिग जज़्बा

दुर्गम पहाड़ी इलाकों में बसे गांव, सीमित सड़कें, इंटरनेट की पहुंच न के बराबर, और बुनियादी सुविधाओं की कमी — लेकिन शिक्षा के प्रति लोगों का जुनून हर बाधा से बड़ा साबित हुआ।

इस क्रांति के पीछे कौन-कौन रहा?

  • स्थानीय समुदायों की भागीदारी: चर्च, एनजीओ, गांवों के बुज़ुर्ग, युवा, महिलाएं — सभी ने मिलकर साक्षरता अभियान चलाया।
  • वयस्क शिक्षा कार्यक्रम: नाइट स्कूलों में 60-70 साल के लोगों ने भी पढ़ना शुरू किया।
  • छात्रों और स्वयंसेवकों की भूमिका: “घर ही बना स्कूल” — यही विचार बना क्रांति की नींव।
  • राज्य सरकार और शिक्षा विभाग का प्रयास: वयस्क शिक्षा, महिला साक्षरता, मोबाइल शिक्षण केंद्र, डिजिटल लर्निंग जैसी योजनाएं चलाई गईं।

एक राज्य, जिसने दिखाया कि ‘असंभव’ कुछ भी नहीं

आज मिज़ोरम का हर नागरिक पढ़ सकता है, लिख सकता है, और अपने अधिकारों को समझ सकता है। यह केवल साक्षरता नहीं — यह एक सामाजिक जागरण है, एक नवजागरण।

कुछ और रोचक तथ्य:

  • मिज़ोरम की जनसंख्या: लगभग 12 लाख
  • राजधानी: आइज़ोल
  • कुल जिलों की संख्या: 11
  • भाषा: मिज़ो (मुख्य भाषा), हिंदी और अंग्रेज़ी का भी उपयोग
  • चर्च और सामाजिक संगठनों की शिक्षा में ऐतिहासिक भूमिका

अब बारी है बाकी राज्यों की

मिज़ोरम ने रास्ता दिखा दिया है। अब यह एक मॉडल बन चुका है जिसे दूसरे राज्य अपना सकते हैं।

निष्कर्ष:

“पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया” — यह नारा मिज़ोरम ने हकीकत में बदल दिया है। यह एक आंदोलन है, एक संस्कार है।

अब सवाल यह नहीं कि “कब होगा?”
❓ अब सवाल है — “आपका राज्य अगला कब बनेगा?