विलय दिवस (26 अक्टूबर )

27 October 2024

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विलय दिवस (26 अक्टूबर )

 

विलय दिवस (26 अक्टूबर 1947) का इतिहास और महत्व भारत और जम्मू-कश्मीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वह दिन था जब जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय के दस्तावेज़ (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर किए, जिससे यह रियासत आधिकारिक रूप से भारत का हिस्सा बन गई।

 

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :1947 में जब भारत का विभाजन हुआ ब्रिटिश शासकों ने भारतीय रियासतों को दो विकल्प दिए : भारत या पाकिस्तान में शामिल होना या स्वतंत्र बने रहना। जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने पहले किसी देश के साथ विलय नहीं करने का निर्णय लिया और राज्य को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रखने का प्रयास किया।

 

घटनाएं :

1. पाकिस्तान का आक्रमण (अक्टूबर 1947): पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया, जिसमें कबायली लड़ाके और पाकिस्तानी सैनिक शामिल थे। वे तेजी से आगे बढ़े और राज्य की सीमा तक पहुंच गए।

2.महाराजा का निर्णय: इस संकट की स्थिति में, महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से सैन्य मदद मांगी। भारत ने यह मदद देने से पहले शर्त रखी कि जम्मू और कश्मीर को भारत में शामिल होना होगा।

3.विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर (26 अक्टूबर 1947): महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया। भारत ने इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सैनिक भेजे और पाकिस्तानी आक्रमणकारियों को पीछे हटाया।

4.राजनीतिक परिणाम : विलय के दस्तावेज़ के तहत, रक्षा, विदेशी मामले और संचार का नियंत्रण भारत सरकार के पास था जबकि अन्य विषयों पर जम्मू और कश्मीर की सरकार को स्वायत्तता प्राप्त थी।

 

महत्व :

1. भारत का अभिन्न अंग : 26 अक्टूबर 1947 के बाद से जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बना।

2.कानूनी मान्यता : यह विलय कानूनी और संवैधानिक रूप से मान्य था और इसे भारत की संविधान सभा द्वारा मान्यता दी गई।

3.धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता : जम्मू और कश्मीर की विलय प्रक्रिया ने भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को और बढ़ावा दिया।

4.राजनीतिक परिवर्तन : 1947 के बाद से जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक और संवैधानिक परिवर्तन होते रहे जिनका प्रभाव आज भी देखा जाता है।

 

विलय दिवस का उत्सव :

विलय दिवस को पहली बार 2020 में जम्मू और कश्मीर में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महाराजा हरि सिंह के उस ऐतिहासिक निर्णय को सम्मानित करना है, जिसने राज्य को पाकिस्तान से बचाया और इसे भारत के साथ जोड़ा।

 

समकालीन परिप्रेक्ष्य :

आज विलय दिवस न केवल जम्मू और कश्मीर बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक विरासत का जश्न मनाता है।

 

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