कोर्ट ने झूठे केस करने वाली लड़की को 1653 दिन की जेल और 6 लाख का जुर्माना लगाया

कोर्ट ने झूठे केस करने वाली लड़की को 1653 दिन की जेल और 6 लाख का जुर्माना लगाया

17 May 2024

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महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून जरूरी है परंतु आज साजिश या प्रतिशोध की भावना से निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के आरोप लगाकर कानून का भयंकर दुरुपयोग हो रहा है।

निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के नए कानूनों का व्यापक स्तर पर हो रहा इस्तेमाल आज समाज के लिए एक चिंतनीय विषय बन गया है । राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करने वाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के आगेवानों के खिलाफ इन कानूनों का राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतों द्वारा कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है।

बरेली की घटना

2019 में बरेली में रहने वाली 15 साल की लड़की ने अजय कुमार पर दिल्‍ली ले जाकर दुष्‍कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने पॉक्‍सो समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर अजय को अरेस्‍ट कर लिया था। वह साढ़े चार सालों से जेल में बंद था। अब लड़की रेप के आरोप से मुकर गई है।

यूपी के बरेली से एक ऐसी खबर आई है जो झूठे मुकदमों में फंसे निर्दोष युवकों के लिए नजीर बन सकती है। अदालत ने दुष्‍कर्म मामले में बयान से मुकरने वाली युवती को उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितने दिन तक आरोपी युवक कैद में रहा। साथ ही उस पर पांच लाख 88 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है जो निर्दोष को बतौर मुआवजा दिया जाएगा। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्‍पणी की है। अदालत ने कहा कि दुष्‍कर्म जैसे जघन्‍य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग किया। इस कानून के तहत आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती थी।

अपर सेशन जज 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि यह मामला अत्‍यंत गंभीर है। उन्‍होंने आरोपी युवक अजय उर्फ राघव को बाइज्‍जत बरी करने का आदेश दिया। झूठे मुकदमे की वजह से अजय को जेल में 1653 दिन (चार साल छह महीने और आठ दिन) बिताने पड़े। वह 2019 से आठ अप्रैल, 2024 तक जेल में रहा। जज ने आरोपी युवती को 1653 दिनों तक कैद की सजा सुनाई है। यह पूरा मामला 2019 का है। अजय कुमार पर आरोप लगा कि उन्‍होंने अपने साथ काम करने वाले सहयोगी की 15 साल की बहन का अपहरण कर रेप किया। नाबालिग ने पुलिस और कोर्ट को दिए बयान में बताया कि उसके साथ अजय ने दुष्‍कर्म किया।

मां को नहीं पसंद था अजय और बड़ी बहन की नजदीकी’
सरकारी वकील सुनील पांडेय ने बताया कि अजय कुमार के ऊपर पॉक्‍सो समेत कई धाराओं में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। नाबालिग ने कोर्ट को बयान दिया था कि अजय कुमार उसे दिल्‍ली लेकर गया और उसके साथ दुष्‍कर्म किया। चार साल बाद लड़की अपने बयान से मुकर गई और बताया कि अजय कुमार निर्दोष है। इस साल फरवरी में सुनवाई के दौरान लड़की ने बताया कि उसने अपनी मां के दबाव में आकर अजय पर झूठा आरोप लगाया था। अजय की उसकी बहन के साथ निकटता थी जो मां को पसंद नहीं था। लड़की की अब शादी हो चुकी है। उसके पति ने कोर्ट को बताया कि वह ट्रायल के चलते तंग आ चुका है। इसलिए उसकी पत्‍नी बयान बदलना चाहती है।

जुर्माना न देने पर छह महीने और जेल में काटने पड़ेंगे
सरकारी वकील सुनील पांडेय ने कहा कि लड़की के झूठ की वजह से एक निर्दोष व्‍यक्ति को जीवन के बहुमूल्‍य साढ़े चार साल जेल में बिताने पड़े। झूठी गवाही के आधार पर युवक को उम्रकैद की सजा हो सकती थी। आरोपी को जेल में रहने का कलंक झेलना पड़ा। कोर्ट ने झूठा बयान देने वाली लड़की को 1653 दिनों की सजा सुनाई है। पांच लाख 88 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर उसे छह महीने और जेल में काटने होंगे।

देश में ऐसे कई मामले है,आखिर कब तक इस देश में निर्दोष पुरुषों को झूठे केस में जेल में रहना पड़ेगा???

जनता की भारत सरकार से मांग है कि वे पुरुषों के लिए भी सुरक्षा के लिए कानून बनाये और निर्दोष पुरुषों को जल्द रिहा किया जाय

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