कैसी है न्याय-व्यवस्था? निर्दोष संत को जेल, एक्टर को तुंरत बेल!

15 जून 2021

azaadbharat.org

भारत का कानून सभी के लिए समान बोला जाता है पर जब न्याय करने की बारी आती है तब पक्षपात किया जाता है। ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं, पर एक ताजा उदाहरण आपको दे रहे हैं। इससे आपको काफी कुछ समझ में आ जायेगा कि न्यायपालिका कितनी पक्षपाती बन गई है।

उदाहरण: एक्टर और संत

आपको बता दें कि एक्टर पर्ल वी पुरी को POCSO Act के तहत गिरफ्तार किया गया था और 11 दिन में ही जमानत मिल गई। जबकि हिंदू संत आशाराम बापू पर भी POCSO Act लगा है और 8 साल से इसलिए जमानत नहीं दी जा रही है कि POCSO लगा है जबकि लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है और तथाकथित घटना के समय वहाँ बापू आशारामजी नहीं थे उसका सबूत भी कोर्ट के रिकॉर्ड में है फिर भी रिहा नहीं किया जा रहा है।

पोक्सो एक्ट क्या है?

पोक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है। इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों को गलत तरीके से स्पर्श करने अथवा देखने पर भी सजा हो सकती है।

पोक्सो कानून अन्य कानूनों से विपरीत है । इसमें किसी ने सच या झूठ जो बयान दे दिया उसीको सच मानकर आरोपी को सजा दी जाती है और आरोपी को ही साबित करना पड़ता है कि मैंने उसके साथ गलत व्यवहार नहीं किया है। इसमें आरोपी को जमानत पाने का अधिकार नहीं है।

गौरतलब है कि हिन्दू संत आशारामजी बापू को भी पोक्सो एक्ट के तहत ही गिरफ्तार किया गया था; 5 साल तक कोर्ट में ट्रायल चला, बापू आशारामजी की तरफ से उनके निर्दोष होने और षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाने के अनेक सबूत भी दिए गए पर 8 साल से एकबार भी उनको जमानत तक नहीं दी गई।

आपको बता दें कि हिन्दू संत आशारामजी बापू पर जब छेड़छाड़ का आरोप लगा था तब आरोप लगानेवाली शाहजहाँपुर की लडकी की सहेली ने बताया था कि मैंने उससे पूछा कि तूने बापूजी के ऊपर झूठा आरोप क्यों लगाया?
तो वह बोली: ‘मेरे से जैसा बुलवाते हैं, वैसा मैं बोलती हूँ।’ जिसका कवरेज सभी मीडिया चैनल्स ने लिया था पर प्रसारित नहीं किया गया।

इस बात का स्पष्टीकरण भाजपा नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया। स्वामीजी ने बताया कि मैंने आशारामजी बापू का केस पढ़ा। पूरा केस फर्जी है। जिस समय लड़की बोल रही है कि मेरे साथ संत आशारामजी बापू ने छेड़खानी की, उस समय तो लड़की अपने किसी फ्रेंड से बात कर रही थी फोन पर और संत आशारामजी बापू भी एक कार्यक्रम में व्यस्त थे।

देखें वीडियो

मेडिकल रिपोर्ट में भी स्पष्ट लिखा है कि लड़की को एक खरोंच भी नहीं आई है और मेडिकल आधार पर बापू आशारामजी को क्लीनचिट भी मिल चुकी है ।

https://youtu.be/V0sr9yHj1Go

आपको ये भी जानना जरूरी है कि लड़की को कुछ साजिश के तहत नाबालिग बताया गया जबकि वो बालिग है; क्योंकि लड़की की LIC Policy जो सुनीता सिंह जो Prosecutrix की Mother है, उसने करवाई है, उसको न्यायालय में पेश करवाया जाए,  इसके अंदर जो Date of Birth है वो 1-7-94 है और प्रथम कक्षा में भी जो Date of Birth लिखी है उससे भी वो बालिग है। इससे साफ पता चलता है कि किसी साजिश के तहत बापूजी के ऊपर मुकदमा चलाया गया है।

https://youtu.be/qS9W6m59Lek

इन सब तथ्यों को नकारकर लड़की की झूठी कहानी पर उनको आजीवन कारावास दिया गया। 85 वर्ष की उम्र है, स्वास्थ्य खराब है फिर भी 8 साल से जमानत नहीं दी जा रही है।

बता दें कि 2008 में उनके अहमदाबाद आश्रम में एक फैक्स भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वर्ना परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण तुम जिंदगीभर जेल में रहोगे, कभी बाहर नहीं आ सकोगे।

बापू आशारामजी ने धर्मांतरण के खिलाफ कार्य किया और राष्ट्र व सनातन धर्म के उत्थान के लिए कार्य किया इसलिए उनको फंसाया गया। आज उनकी उम्र 85 वर्ष की है, स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है फिर भी जमानत नहीं दी जा रही है, कैसा आश्चर्य है? न्याय में कितना पक्षपात किया जा रहा है? एक निर्दोष संत को कब रिहा किया जायेगा? ऐसा जनता का सवाल है।

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