01 दिसम्बर 2019
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उन्होंने बताया कि :- ‘जब वो चंबल गए तो वहाँ पर डाकुओं का बोलबाला था। उन्होंने निर्भय सिंह गुर्जर नाम के डाकू से भारतीय धरोहरों की सुरक्षा करने और मंदिर बनाने की बात की।’ बता दें कि निर्भय सिंह गुर्जर डाकुओं का मुखिया था। उन्होंने निर्भय सिंह को भारतीय इतिहास और महत्व के बारे में बताया। इस पर निर्भय सिंह ने मंदिरों के संरक्षण के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया। जिसके बाद उन्होंने 2 से 3 साल में प्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर समेत कुल 80 मंदिरों का संरक्षण कार्य पूर्ण करवाया। उन्होंने बताया कि :- ‘फिलहाल चंबल घाटी में तकरीबन 200 मंदिर हैं।’*
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अयोध्या राम मंदिर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘सभी संरचना की कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिसके आधार पर आप कह सकते हैं कि ये मंदिर था,… मस्जिद था,… या फिर चर्च। इस संरचना के नीचे पूर्ण कलश, अष्टमंगल, मूर्तियाँ आदि मौजूद थे, जो कि यह प्रमाण देते हैं कि वो ढाँचा मंदिर का था। इसके साथ ही सुग्रीव के बड़े भाई बालि को मारने और 10,000 राक्षसों को मारने के साक्ष्य हैं और सभी जानते हैं कि ये दोनों काम भगवान राम ने किया है।’*
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आगे उन्होंने कहा कि ‘मुसलमान के लिए ये एक मौका है कि वो आगे आकर मंदिर निर्माण में सहयोग दें।’ हालाँकि, उन्होंने यह बात स्वीकारी है कि भारतीय मुस्लिम को अयोध्या पर फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। अफगानी मुस्लिम लोग मंदिरों का विध्वंश करते हैं। कई और मंदिर हैं… जिनका विध्वंस किया गया है, लेकिन लोग उसके बारे में नहीं जानते हैं, क्योंकि वो अयोध्या की तरह प्रकाश में नहीं आया। उन्होंने कहा कि इसमें कम्युनिस्ट कहानीकार (इतिहासकार) इरफान हबीब जैसे लोग और जे.एन.यू के लोग समर्थन देते हैं।*
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के के मुहम्मद ने कहा कि ‘जिस तरह से मुस्लिमों के लिए मक्का-मदीना मायने रखता है, उसी तरह से अयोध्या हिंदुओं के लिए महत्व रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये मस्जिद अजमेर शरीफ, ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती या फिर निजामुद्दीन से संबंधित होता तो वो उनके साथ खड़े होते, लेकिन ये एक साधारण सा मस्जिद था। और हिन्दुओं के लिए यह मुस्लिमों के मक्का-मदीना की तरह है। इसके साथ ही उन्होंने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि काशी और मथुरा का मंदिर भी हिंदुओं का है और उसी के हक में आएगा।*
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मदरसे में पढ़ाई को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मदरसे में ‘सेमेटिक रिलीजन’ की पढ़ाई होती है। सेमेटिक रिलीजन कहने का मतलब उनका ये था कि ‘अगर आप मुस्लिम नहीं हैं तो आपको जन्नत नसीब होगा, क्रिश्चन नहीं तो जन्नत नहीं मिलेगा।’ वहीं उन्होंने हिन्दू धर्म के बारे में बात करते हुए कहा कि इसमें आप राम, कृष्ण, शिव किसी भी भगवान की पूजा कर सकते हैं, नहीं भी कर सकते हैं… ये है हिन्दू !! साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के लिए एक देश बनाया गया है- पाकिस्तान। मगर भारत में ऐसा नहीं है, और अगर भारत में ऐसा है तो सिर्फ बहुसंख्यक हिन्दुओं की वजह से। भारत को हिन्दू जैसे धर्म की जरूरत है। अगर भारत सेक्युलर है तो हिन्दू की वजह से।*
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आगे उन्होंने यह भी कहा कि जो मुसलमान कह रहा है कि उनके पूर्वज राम-कृष्ण नहीं हैं, तो इसका मतलब है कि वो भारत के मुस्लिम नहीं हैं, वो किसी और देश के मुसलमान हैं। उन्होंने अपने एक शिक्षक अबु बकर के बारे में बताते हुए कहा कि वो ‘टिपिकल’ मुल्ला थे। रोज सुबह मस्जिद जाते थे, नमाज पढ़ते थे, लेकिन वो उनको रामायण और महाभारत भी पढ़ाते थे। उन्होंने कहा कि रामायण- महाभारत सिर्फ भारत का नहीं बल्कि समस्त साउथ एशियन देशों की भी धरोहर है।*
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इस दौरान एक दर्शक ने उनसे सवाल पूछते हुए कहा कि :- ‘राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ऐसा दिखाया गया कि इसमें किसी की हार नहीं हुई है। हिन्दू-मुस्लिम एक है। मगर इसमें सबसे बड़ी हार मार्क्सवादियों की हुई, जिसे मीडिया वालों ने नहीं दिखाया। इस पर उनकी राय क्या है ?’ तो के के मुहम्मद ने इसका जवाब देते हुए कहा कि :- ’34-35 साल की लड़ाई के बाद मार्क्सवादियों और वामपंथी इतिहासकारों की बड़ी हार हुई है।’ उन्होंने कुछ कम्युनिस्टों का उदाहरण देते हुए कहा कि :- ‘हालाँकि ये लोग अच्छे होते हैं, मगर इरफान हबीब जैसे कुछ इतिहासकार बिल्कुल इसके विपरीत अपना नैरेटिव गढ़ते हैं, जो कि अब पूरी तरह से फेल हो चुका है।’*
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उन्होंने कहा कि :- ‘इसको टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे मुख्य समाचार पत्र तरजीह देते हैं। के के मुहम्मद ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के साथ दिए एक इंटरव्यू के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने समाचार पत्र को एक बयान दिया था जिसे उसने एक बार प्रकाशित किया और फिर दोबारा उसने बिना उनसे पूछे, बिना उनकी अनुमति लिए अपने तरीके से अपना प्रोपगेंडा फैलाने के लिए इस्तेमाल किया कि वो ( के के मुहम्मद ) अयोध्या मामले से जुड़े हुए नहीं है। – स्त्रोत : ऑप इंडिया*
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सभी स्वीकार करते हैं कि भारतीय मुसलमानों के पूर्वज हिन्दू थे। उनको तलवार की नोक पर मुसलमान बनाया गया अर्थात् वे स्वेच्छा से मुसलमान नहीं बने। के के मुहम्मद जैसे सच्चे मुसलमान स्वीकार भी करते हैं कि उनको जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया है, भारत में हिंदू धर्म की ही जरूरत है क्योंकि हिन्दू धर्म ही विश्व शांति ला सकता है।*
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हिन्दुत्व एक व्यवस्था है…. मानव से महामानव और महामानव से महेश्वर बनाने की । यह द्विपादपशु सदृश उच्छृंखल व्यक्ति को देवता बनाने वाली एक महान परम्परा है । ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का उद्घोष केवल इसी संस्कृति के द्वारा किया गया है…..।*
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विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता भारत में ही मिली है । संसार का सबसे पुराना इतिहास भी यहीं पर उपलब्ध है । हमारे ऋषियों ने उच्छृंखल यूरोपियों के जंगली पूर्वजों को मनुष्यत्व एवं सामाजिक परिवेश प्रदान किया, इस बात के लाखों ऐतिहासिक प्रमाण आज भी उपलब्ध हैं ।*
*अतः हिंदू धर्म की महिमा समझें और उसकी रक्षा करने के लिए तत्पर रहें ।*
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