जापान ने  गाय के गोबर से चलाया रॉकेट इंजन, अब अन्तरिक्ष कार्यक्रम की तैयारी…

13 December 2023

 

🚩भगवान ने जिस देश में गौ माता की सेवा की है और जिस देश में सबसे अधिक गाय दी,जहां गाय को माता कहते हैं,वो देश आज गाय का मांस बिकवा रहा है और पड़ोसी देश जापान गाय के गोबर से रॉकेट और गाडियाँ चला रहा है !

सोचिए  अगर भारत सरकार भी गौ हत्या रुकवाकर गौ सेवा को बढ़ावा देकर , गौ उत्पादों से लाभ लेना शुरू करे तो शारीरिक , मानसिक रूप से देश की जनता और आर्थिक रूप से देश कितना सुदृढ़ हो सकता है।

जापान की विधि भी यदि हम  अपनाएं तो अरबों रुपए का जो कच्चा तेल हर वर्ष आयात करना पड़ता वो बच जाएगा और वातावरण भी शुद्ध रहेगा।

 

🚩आपको बता दे कि जापान की एक कम्पनी ने गाय के गोबर से बने ईंधन से रॉकेट इंजन को चलाने में सफलता पाई है। गोबर से बने ईंधन से चलाया जा रहा रॉकेट टेस्टिंग के दौरान ना केवल चालू हुआ बल्कि इसने जमीन के समानांतर लगभग 15 मीटर की दूरी तक आग की लपटें भी फेंकी। अब इसे विकसित करने वाली कम्पनी और भी बड़ा रॉकेट बनाने जा रही है।

 

🚩एक वेबसाईट बैरन के अनुसार, जापान के एक अन्तरिक्ष स्टार्टअप इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज़ (Interstellar Technologies) कम्पनी ने यह रॉकेट बनाया है। इसकी प्रायोगिक टेस्टिंग जापान के ताईकी शहर में की गई। इस दौरान रॉकेट के इंजन से तेज नीली-नारंगी आग निकली। आग की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जमीन के समानांतर लगभग 10-15 मीटर (30 से 50 फीट) की दूरी तक इसकी लपटें निकलीं।

 

🚩रॉकेट की प्रायोगिक टेस्टिंग में जो ईंधन इसमें डाला गया था, वह बायोमीथेन था। इसे पूरी तरह से गाय के गोबर से बनाया गया था। इस गोबर को स्थानीय गायपालकों के पास से खरीदा गया था और फिर उस से गैस बनाई गई, जिससे यह ईंधन विकसित किया गया।

 

🚩इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ ताकाहिरो इनागावा ने इस विषय पर कहा,

“हम यह मात्र इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि यह पर्यावरण को फायदा पहुँचाता है।बल्कि इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर बनाया जा सकता है और सस्ता है साथ शुद्ध है , साफ़ है। हम यह तो नहीं कह सकते कि यह विधि पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर अपनाई जाएगी लेकिन हम पहली ऐसी निजी कम्पनी हैं, जो इस ईंधन का उपयोग कर रहे हैं।”

 

🚩इंटरस्टेलर ने एक अन्य कम्पनी एयरवाटर के साथ एक समझौता किया है। एयरवाटर कम्पनी उन किसानों से बायोगैस एकत्रित करती है, जिनके पास डेयरी फ़ार्म हैं और वह इनमें पाली हुई गायों के गोबर से बायोगैस बनाती है।

 

🚩इस प्रयोग से जुड़े एक इंजिनियर तोमोहीरो निशिकावा ने कहा, “संसाधन के मामले में कमजोर जापान को पानी और ऊर्जा जरूरतों के लिए स्थानीय स्तर पर उत्पादित कार्बन न्यूट्रल ईंधन अपनाने होंगे। इस क्षेत्र की गायों में काफी पोटेंशियल है। जापान के पास एक ईंधन स्रोत ऐसा होना चाहिए, जिसके लिए वह बाहर के देशों पर निर्भर ना हो।”

 

🚩रॉकेट तकनीक में गोबर का उपयोग होने से वहाँ के किसान भी प्रसन्न हैं, जिनके पशुफ़ार्म से यह गोबर गैस बनाने हेतु ली गई थी। उनका कहना है कि उनसे ली गई गोबर गैस से रॉकेट को उड़ता देखना सुखद होगा। उन्होंने जापान सरकार से इस विषय में कदम उठाने की अपील की है।

 

🚩भारत सरकार को भी इस जापानी कम्पनी से प्रेरणा लेकर भारत में गौ हत्या रुकवाकर, गौ माता के  दूध, घी , मूत्र और गोबर का उपयोग करके देश और देशवासियों का भला कर सकती है।

 

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