जय श्री राम का नारा भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में लगाया जाएगा ❓

25 October 2023

 

🚩भारत में और वह भी उत्तर प्रदेश में जहाँ पर एक योगी मुख्यमंत्री का शासन है, क्या वहाँ पर भी यह हो सकता है कि जय श्रीराम के नारे लगाने पर बच्चों के विरुद्ध कार्यवाही हो जाए ? क्या जय श्री राम का नारा लगाने पर बच्चों को कॉलेज के किसी प्रोग्राम में स्टेज से उतारा जा सकता है ? क्या जय श्रीराम का नारा लगाने को लेकर कॉलेज के प्रोफेसर द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी भी की जा सकती है ? और क्या अगर ऐसा कहीं हुआ भी है, तो फिर उसे ठीक भी ठहराया जा सकता है❓

 

🚩यदि यह कहा जाए कि यह सब हुआ और उत्तर प्रदेश में हुआ, तो सहज में विश्वास नहीं होगा क्योंकि यह हमारी अपेक्षा से परे है। लेकिन सच्चाई यही है कि यह हुआ है गाज़ियाबाद के एबीईएस कॉलेज में। यहाँ पर एक बच्चे ने मंच पर चढ़कर साथियों का अभिवादन करते हुए जय श्रीराम कह दिया और उसके ऐसा करते ही उसे एक शिक्षिका द्वारा मंच से नीचे उतार दिया गया।

 

🚩जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर शोर मचा, वैसे ही लोगों ने विरोध करना आरम्भ कर दिया। प्रश्न जायज भी है कि आखिर क्यों प्रभु श्रीराम का नारा लगाने पर विरोध हो ? और ऐसा क्या गलत कह या कर दिया था उस बच्चे ने ?

 

🚩लोगों ने शोर मचाया और उसके बदले में आरोपी शिक्षिका ममता गौतम ने वीडियो जारी करके अपनी सफाई दी। यह सफाई कम और उस विद्यार्थी पर आक्षेप अधिक थी। इसमें उन्होंने कहा कि चूँकि वह सनातनी परम्परा को मानने वाली हैं और शारदीय नवरात्रि में वह विधि – विधान से पूजा करती हैं, अत: प्रभु श्रीराम को लेकर न ही उन्हें कोई समस्या है और न ही होगी। ये तो उन्होंने कह दिया पर वास्तव में उन्हें कोई समस्या नही थी तो बच्चे के साथ ऐसा दुर्व्यवहार उन्होंने क्यों किया और तत्काल उसे मंच से उतारा क्यों ? ये ध्यान देने वाली बात है।

 

🚩परन्तु यह सफाई क्या उस पीड़ा को कम कर सकती है, जो लाखों हिन्दू लोगों को हुई कि लड़के को जय श्रीराम बोलने को लेकर मंच से नीचे उतार दिया गया ? हालाँकि जब मामला बढ़ा तो कॉलेज की ओर से जाँच की गई और जाँच के बाद 2 शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया।

 

🚩बात सिर्फ एबीईएस कॉलेज तक सीमित नहीं है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने तो यहाँ तक कह दिया कि वो भगवान राम और भगवान कृष्ण यदि अभी होते तो दोनों को जेल भेज देते। अब ऐसे में प्रश्न कई उठते हैं। सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कुछ प्रश्न हैं:

 

🚩क्या कथित पढ़ाई का झंडा उठाने वाले लोग हिन्दू जड़ों से कटे हुए लोग होते हैं ?

 

🚩क्या जैसे-जैसे इंसान किताबें पढ़ता जाता है, वह अपनी हिन्दू पहचान से विमुख होता जाता है ?

 

🚩क्या आज की शिक्षा व्यवस्था में ही दोष है, जो धर्म से विमुख कर रहा है जिसे अब बदलना अनिवार्य हो गया है ?

 

🚩यदि ऐसा नहीं है तो क्या कारण है कि स्कूल और कॉलेज जैसे शिक्षा के संस्थानों में बहुसंख्यक हिन्दू धर्म को निरंतर अपमानित किया जाता है ?

 

🚩आखिर क्यों ऐसी घटनाएँ होती हैं, जिनके चलते हिंदुस्तान में हिन्दू समाज को न्याय के लिए शोर मचाना पड़ता है ?

 

🚩एक और प्रश्न: जय श्रीराम का नारा भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में लगाया जाएगा ❓

 

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