देश को अगर सबसे ज्यादा खतरा है तो बौद्धिक आतंकवाद से…

30 जनवरी 2019
 
*कुछ मीडिया देश को तोड़ने की बात करने वाले शरजील इमाम को आज बड़ी चालाकी से “जेएनयू का छात्र” बता रही है। सिर्फ “द वायर का पत्रकार” या NDTV ही नहीं, बल्कि ऐसे कईं हैं जो उसके पक्ष में बोलने लग गए हैं।*
 
*एक-दो दिन में उसके लिए सहानुभूति पैदा करने का काम शुरू होगा, जिसके लिए यही ‘छात्र’ शब्द बुनियाद बनेगा।*
*बताया जाएगा कि वो तो चिकेन नेक पर चक्का जाम की बात कर रहा था।*
*सेक्युलर मीडिया उसके पक्ष में संपादकीय लिखेगा, संपादक ट्वीट करेंगे।*
 
*आपको बता दें कि सन् 1993 में केरल में ‘इस्लामिक सेवक संघ’ नामक संगठन को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण प्रतिबंधित किया गया था। इसके मुखिया मदनी ने तब एक नई पार्टी-पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन कर लिया। सेक्युलरिस्टों ने उसे फौरन गले लगा लिया। 2001 के चुनाव में कांग्रेस और 2006 में माकपा ने मदनी को गले लगाया।*

*कोयंबटूर बम धमाकों के आरोपी अब्दुल नासेर मदनी को तमिलनाडु की जेल में पंचसितारा सुविधाएं और आधुनिकतम उपचार उपलब्ध कराए जाते हैं। 16 मार्च, सन् 2006 को होली की छुट्टी के दिन केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर ‘मानवता के आधार पर’ कोयंबटूर बम धमाकों के आरोपी अब्दुल नासेर मदनी की रिहाई के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। मदनी बेंगलूर बम धमाकों के सिलसिले में कर्नाटक पुलिस की गिरफ्त में था। उसे अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए पांच दिनों की जमानत मिली थी। जमानत लेते हुए उसने अदालत को यह भरोसा दिलाया था कि इस अवसर पर वह सियासी काम नहीं करेगा, किंतु बेटी को आशीर्वाद देने के नाम पर उसने माइक थामा तो लंबे समय तक सत्तातंत्र द्वारा ‘मुस्लिमों को प्रताड़ित किए जाने’ का तकियाकलाम रोता रहा। 2009 के चुनाव में भी मदनी को साथ रखने के लिए कांग्रेस और माकपा, दोनों में होड़ लगी थी।*
 
*जबकि साध्वी प्रज्ञा को अपने पिता की मृत्यु पर भी पैरोल नहीं मिली थी और हिंदू संत आशारामजी बापू को अपनी धर्मपत्नी को हार्ट अटैक आने के बाद भी जमानत तक नहीं मिल पाई थी।*
 
*इसी तरह कुछ साल पहले पत्रकार बरखा दत्त द्वारा बुरहान वानी नाम के आतंकवादी को गरीब हैडमास्टर का बेटा बताया जा रहा था।*
*दाऊद को भी आतंकी ना लिखकर आरोपी लिखती है मीडिया।*
*बुरहान वानी पर ट्वीट करते हुए सुप्रिया शर्मा नाम की सेक्युलर ने लिखा कि STF ने बुरहान वानी को परेशान किया था।*
 
*सेक्युलर संदेश -*
 
*हमारे प्रगतिशील कॉमरेड वर्षों से भोपाल गैस कांड को लेकर अमेरिकी कंपनी तथा वहां के शासकों की निर्ममता के विरिद्ध आग उगलते रहे हैं। लेकिन भोपाल गैस कांड के लिए दोषी यूनियन कार्बाइड की मातृ संस्था बहुराष्ट्रीय अमेरिकी कंपनी डाऊ केमिकल्स को हल्दिया-नंदीग्राम में केमिकल कारखाना लगाने के लिए बंगाल की कम्युनिस्ट सरकार न्यौता दिया था। यह कैसा मजाक और दोहरा मानदंड है ??*
 
*– अफजल गुरू, कसाब और मदानी जैसे आतंकवादियों के प्रति उदासीनता बरती जाए तब तो ऐसे लोग भी सेक्युलरवादी होते हैं परन्तु एमसी शर्मा के बलिदान का समर्थन किया जाए तो वे लोग साम्प्रदायिक बन जाते हैं।*
 
*एम.एफ. हुसैन सेक्युलर है परन्तु तस्लीमा नसरीन साम्प्रदायिक है, तभी तो उसे पश्चिम बंगाल के सेक्युलर राज्य से बाहर निकाल दिया गया।*
 
*इस्लाम का अपमान करने वाला डेनिश कार्टूनिस्ट तो साम्प्रदायिक है परन्तु हिन्दुत्व का अपमान करने वाले करूणानिधि को सेक्युलर माना जाता है।*
 
*मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के बलिदान का उपहास उड़ाना सेक्युलरवादी होता है, दिल्ली पुलिस की मंशा पर सवाल खड़ा करना सेक्युलरवादी होता है, परन्तु एटीएस के स्टाइल पर सवाल खड़ा करना साम्प्रदायिकता के घेरे में आता है।*
 
*एमआईएम, पीडीपी, एयूडीएफ और आईयूएमएल जैसी विशुद्ध मजहब-आधारित पार्टियां सेक्युलर हैं, परन्तु भाजपा साम्प्रदायिक है।*
 
*बांग्लादेशी आप्रवासियों, विशेष रूप से मुस्लिमों का और एयूडीएफ का समर्थन करना सेक्युलर है, परन्तु कश्मीरी पंडितों का समर्थन करना साम्प्रदायिक है।*
 
*★ सैनिकों पर पत्थर –   अहिंसक आंदोलन*
 
*★ लव जिहाद पर कार्यवाही-  गुंडागर्दी*
 
*★ पत्थरबाज-   भटके हुए नौजवान*
 
*★ भारत तेरे टुकड़े –  अभिव्यक्ति आजादी*
 
*★ भंसाली को थप्पड़ –    हिन्दू आतंकवाद*
 
*★ गौमांस भक्षण    –              भोजन का अधिकार*
 
*★ ईद पर बकरा काटना –      धार्मिक स्वतंत्रता*
 
*★ तीन तलाक, हलाला   –      धार्मिक अंदरूनी मामला*
 
*★ दीवाली पटाखे         –        पर्यावरण प्रदूषण*
 
*★ न्यू इयर पटाखे         –       जश्न का माहौल*
 
*★ मटकी-फोड़ में बच्चे –        असंवैधानिक*
 
*★ मासूम बच्चों का खतना   –       धार्मिक अंदरूनी मामला*
 
*★ प्लेटफार्म पर नमाज –        धार्मिक अधिकार*
 
*★ सड़क पर पंडाल –             सड़क जाम का केस*
 
*★ मस्जिद लाउडस्पीकर   –   धार्मिक स्वतंत्रता*
 
*★ मंदिर में लाउडस्पीकर –     ध्वनि प्रदूषण*
 
*★ करवाचौथ         –               ढकोसला*
 
*★ वैलेंटाइन-डे         –              प्यार का पर्व*
 
*★ चार शादियाँ       –             धार्मिक स्वतंत्रता*
 
*★ हिन्दू दो शादी       –            केस दर्ज*
 
*★ गणेश विसर्जन, होली  –     जल प्रदूषण*
 
*★ ताजिया विसर्जन   –            संविधान अधिकार*
 
*★ आजम, ओवैसी, केजरी-      राष्ट्र पुरुष*
 
*★ मोदी, योगी, स्वामी-             हिन्दू आतंकवादी*
 
*★ भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु- आतंकवादी*
 
*★ अफजल, कसाब, बुरहान-     शहीद*
 
*★ 15 मिनिट पुलिस हटा लो-     सहिष्णुता*
 
*★ भाजपा चुनाव जीती-             असहिष्णुता*
 
*★ कश्मीर, असम, केरल दंगे-      देश शांत*
 
*★ अख़लाक़, गुजरात दंगे-      अवार्ड वापसी,असहिष्णु देश*
 
*★ शिव लिंग पर दूध चढ़ाना-      दूध की बर्बादी*
 
*★ बकरे काटना, चादर चढ़ाना-  धार्मिक मान्यता*
 
*★ राम मंदिर-                             गुंडाराज*
 
*★ बाबरी मस्जिद-                      देश में अमन चैन*
 
*★ ताज महल-                            प्रेम की निशानी*
 
*★ राम सेतु-                       राम काल्पनिक हैं राम थे ही नहीं*
 
*★ आतंकियों की फाँसी पर-        रात में कोर्ट खुलवाते हैं…आंदोलन होते हैं,दया याचिका दायर की जाती है,भारत विरोधी नारे लगाये जाते हैं ।*
 
*★ किसी कुलभूषण की फाँसी पर- सब मौन*
 
*★ भारत में हिन्दुओं पर अत्याचार-   कोई आवाज नहीं उठाता..सब मौन हो जाते हैं साँप सूंघ जाता है..*
 
*★ हिन्दुओं द्वारा प्रतिक्रिया पर-*      *भगवा           आतंकवादी*  
*देश में असहिष्णुता का माहौल,*
*अवार्ड वापसी जैसे ढोंग*
 
*★ देवी देवताओं का अपमान*   
             *-  अभिव्यक्ति*  
                 *की आजादी*
 
*★ मोहम्मद पर बयान  –  रासुका धारा तोड़फोड़*
 
*भारत में तथाकथित बुद्धिजीवी यही बौद्धिक आतंकवाद चला रहा है। इन बौद्धिक आतंकवाद पर रोक लगाना सबसे पहले जरूरी है।*
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