CAA का विरोध करने वालों देख लो, आज अफगानिस्तान में कोई हिन्दू बचा है?

27 अगस्त 2021
azaadbharat.org

अफगानिस्तान में लगभग कोई भी हिन्दू और सिक्ख नहीं बचा है। इसी के साथ वहां से 3 गुरुग्रंथ भी लाए गए। इन्हें केंद्रीय मंत्री ने सम्मान के साथ लिया।
कुछ समय पहले एक बहुत बड़ा वर्ग CAA का विरोध कर रहा था। कोई इमरान को यार बता रहा था तो कोई तालिबान के गुण गा रहा था।

राजा सुहेलदेवजी को याद करने पर कुछ के दिल में दर्द होता है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करें या फैजाबाद का अयोध्या या होशंगाबाद का नर्मदापुरम करें इन्हें हमेशा दिल में दर्द होता है। भारत में सैफ अली खान ने अपने बच्चे का नाम तैमूर इसीलिए रखा ताकि वह भी उसी तरह हिंदुओं का कत्लेआम करे। अब सेक्युलरिज़्म की अफीम में लपेट कर बताया जा रहा है कि तैमूर का अर्थ तो लोहा है। यदि अगले बेटे का नाम औरंगजेब सुझाए तो इन्हें परेशानी होती है। औरंगजेब का अर्थ है मुकुट मणि। वैसे हाफ़िज़, ओसामा, अजमल आदि मॉडर्न नाम भी रख सकते हैं।

भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्लाह के नेक बंदों को अपनी जड़ों से बेहद नफरत है। फ्रांस के नए कानून पर छाती पीटते हैं तो भारत में समान नागरिक कानून और जनसंख्या नियंत्रण का विरोध करते हैं। परंतु चीन में ऊईगर मुस्लिमों के ऊपर होने वाले अत्याचारों पर दुनिया के 56 मुल्क चुप हैं।

लॉकडाउन के दौरान पाकिस्तान TV पर तुर्की का अर्तुगल नाटक चला। कल तक सऊदी को बाप बताने वाले अब चीन और तुर्की को बाप बताने लगे। कुछ दिन पहले खबर आई कि गुरु नानकजी के जन्म स्थान ( ननकाना साहब / पंजाब पाकिस्तान) में एक ने अपने नवजात बच्चे का नाम अर्तुगल लिखवाया है।

यहाँ 2 उदाहरण देते हैं।
लाहौर में एतिहासिक स्थल था गुरुद्वारा लाल खुई (कुईं)। इसका सम्बन्ध पूज्य गुरु अर्जुन देवजी से था। इसमें एक ऐतिहासिक कुआं था जिसे लाल खुई बोला जाता था।
जहांगीर के गुलाम चंदु की नजरबंदी में गुरुजी ने इस कुएँ का पानी पिया, एक बेर के पेड़ के फल खाए और नजदीकी बर्फी की दुकान वाले ने अपनी जान पर खेल कर गुरुजी को बर्फी की सेवा दी। सेक्युलरों के हीरो जहांगीर को तुजुक ए जहांगीरी में गुरु अर्जुनदेव के बलिदान का जिम्मेदार ठहराया गया है। शायद इसलिए सैफ और करीना ने तैमूर के भाई का नाम जहांगीर रखा है।

मुगल शासन कमजोर हुआ और लाहौर महाराजा रणजीत सिंह के अधिकार में आया तो इसे महत्वपूर्ण गुरुद्वारे का स्वरूप मिला। आस पास अनेक हिन्दू सिक्खों की बर्फी की दुकानें थीं जो 1947 में मुस्लिमों के कंट्रोल में आ गईं और आज भी वहाँ बर्फी की ही दुकाने हैं।
धीरे धीरे इसे मस्जिद में बदल दिया गया। मस्जिद का नाम रखा 4 यार जो अरब के पहले 4 खलीफाओं का सामूहिक सम्बोधन है।

पाकिस्तान में DAV का इस्लामिया नाम बदलना तो सभी को पता है। यह नाम सरकारों ने बदला है। सामान्य आदमी नाम नहीं बदलते। लाहौर के उस मोहल्ले का नाम आज भी स्वामी नगर है जहां आर्य समाज के स्वामी दयानन्द ने प्रवास किया था। जिस घर में वह रहे थे उसका अंडरग्राउंड हिस्सा आज भी उस मकान मालिक ने संरक्षित रखा है।- आर्य समाज पेज से

आपको बता दें कि आंकड़ों के अनुसार इन सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हिन्दू इतने प्रतिशत ही बचे हैं – मिजोरम (2.70%), लक्षद्वीप (2.80%), नागालैंड (8.70%), मेघालय (11.50%), जम्मू-कश्मीर (28.40%), अरुणाचल प्रदेश (29.00%), पंजाब (38.50%) और मणिपुर में (41.40) प्रतिशत।  तीन राज्यों- नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में ईसाई बहुसंख्यक होते जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप में मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है।

भारत में हिन्दू खत्म किये जा रहे हैं। अगर अब भी हिन्दू नहीं जगे तो हिंदुओं का अस्तित्व समाप्त होता चला जायेगा। हिन्दुओं के खात्मे की बड़ी भयंकर साजिश रची जा रही है।

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