भारतीयों का नववर्ष आ रहा है, अंग्रेजो की मानसिक गुलामी के कारण भूल गए थे अब करे तैयारी….

29 March 2024

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सृष्टि का जिस दिन निर्माण हुआ वह दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा था इसलिए भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है और इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है। इस साल 9 अप्रैल 2024 से नूतनवर्ष प्रारंभ होगा।

 

चैत्र नूतन वर्ष का प्रारम्भ आनंद-उल्लासमय हो इस हेतु प्रकृति माता भी सुंदर भूमिका बना देती है । चैत्र ही एक ऐसा महीना है, जिसमें वृक्ष तथा लताएँ पल्लवित व पुष्पित होती हैं।

 

अंग्रेजी नूतन वर्ष में शराब-कबाब, व्यसन, दुराचार करते हैं लेकिन भारतीय नूतन वर्ष संयम, हर्षोल्लास से मनाया जाता है । जिससे देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य, शांति से जन-समाज का जीवन मंगलमय हो जाता है ।

 

इस साल 9 अप्रैल को नूतन वर्ष मनाना है, भारतीय नूतन वर्ष की दिव्यता को घर-घर पहुँचाना है ।

हम भारतीय नूतन वर्ष व्यक्तिगतरूप और सामूहिक रूप से भी मना सकते हैं ।

 

कैसे मनाये नववर्ष ?

 

1 – भारतीय नूतनवर्ष के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें । संभव हो तो चर्मरोगों से बचने के लिए तिल का तेल लगाकर स्नान करें ।

 

2 – नववर्षारंभ पर पुरुष धोती-कुर्ता / पजामा, तथा स्त्रियां नौ गज/छह गज की साडी पहनें ।

 

3 – मस्तक पर तिलक करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें।

 

4 – सूर्योदय के समय भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।

 

5 – सुबह सूर्योदय के समय शंखध्वनि करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।

 

6 – हिन्दू नववर्षारंभ दिन की शुभकामनाएं हस्तांदोलन (हैंडशेक) कर नहीं, नमस्कार कर स्वभाषा में दें ।

 

7 –  भारतीय_नूतनवर्ष के प्रथम दिन ऋतु संबंधित रोगों से बचने के लिए नीम, कालीमिर्च, मिश्री या नमक से युक्त चटनी बनाकर खुद खाये और दूसरों को खिलायें ।

 

8 – मठ-मंदिरों, आश्रमों आदि धार्मिक स्थलों पर, घर, गाँव, स्कूल, कॉलेज, सोसायटी, अपने दुकान, कार्यालयों तथा शहर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर भगवा ध्वजा फहराकर भारतीय नववर्ष का स्वागत करें  और बंदनवार या तोरण (अशोक, आम, पीपल, नीम आदि का) बाँध के भारतीय नववर्ष का स्वागत करें । हमारे ऋषि-मुनियों का कहना है कि बंदनवार के नीचे से जो व्यक्ति गुजरता है उसकी  ऋतु-परिवर्तन से होनेवाले संबंधित रोगों से रक्षा होती है ।  पहले राजा लोग अपनी प्रजाओं के साथ सामूहिक रूप से गुजरते थे ।

 

9 – भारतीय नूतन वर्ष के दिन सामूहिक भजन-संकीर्तन व प्रभातफेरी का आयोजन करें ।

 

10 – भारतीय संस्कृति तथा गुरु-ज्ञान से, महापुरुषों के ज्ञान से सभी का जीवन उन्नत हो ।’ – इस प्रकार एक-दूसरे को बधाई संदेश देकर नववर्ष का स्वागत करें । एस.एम.एस. भी भेजें ।

 

11 – अपनी गरिमामयी संस्कृति की रक्षा हेतु अपने मित्रों-संबंधियों को इस पावन अवसर की स्मृति दिलाने के लिए आप बधाई-पत्र भेज सकते हैं । दूरभाष करते समय उपरोक्त सत्संकल्प दोहरायें ।

 

12 – ई-मेल, ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया के माध्यम से भी बधाई देकर लोगों को प्रोत्साहित करें ।

 

13 – नूतन वर्ष से जुड़े ऐतिहासिक प्रसंगों की झाकियाँ, फ्लैक्स भी लगाकर प्रचार कर सकते हैं ।

 

14  – सभी तरह के राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक संगठनों से संपर्क करके सामूहिक रुप से सभा आदि के द्वारा भी नववर्ष का स्वागत कर सकते हैं ।

 

15 – नववर्ष संबंधित पेम्पलेट बाँटकर, न्यूज पेपरों में डालकर भी समाज तक संदेश पहुँचा सकते हैं ।

 

सभी भारतवासियों को प्रार्थना हैं कि रैली के द्वारा कलेक्टर, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति को भी भारतीय नववर्ष को सरकार के द्वारा सामूहिक रूप में मनाने हेतु ज्ञापन दें और व्यक्तिगत रूप में भी पत्र लिखें ।

 

सैकड़ों वर्षों के विदेशी आक्रमणों के बावजूद अपनी सनातन संस्कृति आज भी विश्व के लिए आदर्श बनी है । परंतु पश्चिमी कल्चर के प्रभाव से भारतीय पर्वों का विकृतिकरण होते देखा जा रहा है । भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन के लिए भारतीय पर्वो को बड़ी विशालता से जरूर मनाए ।

 

समस्त भारतवासियों को आने वाले नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

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