13 फरवरी 2019
विदेश की सरकार भी अब जागरूक हो रही है और भारतीय संस्कृति के सिद्धांतों पर चलकर स्वयं को धन्य महसूस कर रही है, लेकिन भारत में एक विडंबना है कि भारतीय संस्कृति को भूल कर पाश्चात्य संस्कृति अपना रहे हैं ।
आपको बता दें कि अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा द्वारा 10 फरवरी 2019 को भारतीय और हिन्दू संत श्री आसारामजी बापू के समाज कल्याण के सेवाकार्य व माता-पिता का पूजा दिवस मनाने के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया ।
दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने मातृ-पितृ पूजन पर प्रतिबंध लगा दिया । बता दें कि सालों से राजस्थान के विद्यालयों में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता था उसपर कांग्रेस सरकार ने बैन लगा दिया ।
जबकि पूरे देश मे धूम-धाम से मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जा रहा है । ये एकमात्र ऐसा पर्व है जिसे सभी धर्मों के लोग अत्यंत हर्ष के साथ मनाते हैं ।
हिन्दू संत आसाराम बापू ने बताया कि मातृ-पितृ पूजन शुरू करने के पीछे क्या है उनका मकसद
बापू आसारामजी ने कहा कि ‘वैलेंटाइन डे’ के दिन लड़के-लड़कियाँ एक दूसरे को फूल देकर ‘आई लव यू’ बोलते हैं । इन्नोसंटी रिपोर्ट कार्ड के अनुसार 28 विकसित देशों में हर साल 13 से 19 साल तक की 12,50,000 लड़कियाँ गर्भवती हो जाती हैं । उनमें से लगभग 5 लाख तो गर्भपात कराती हैं और 7,50,000 बच्चियाँ माँ बन के या तो सरकारी नर्सिंग होम, सरकार एवं माँ-बाप पर बोझ बन जाती हैं या तो फिर वेश्या का धंधा आदि करती हैं । तो यह गंदगी अब हमारे देश में भी घुस गयी है । ‘वैलेंटाइन डे’ के दिन 5 महानगरों में सैकड़ों करोड़ की दारू बिकी जिसे निर्दोष बच्चे-बच्चियों ने पिया । सैकड़ों लड़के-लड़कियाँ भाग जाते हैं 14 फरवरी को ।
यदि लड़का दारू पीकर पड़ा रहे तो उसकी माँ कितनी दुःखी होगी ! स्कूल में जानेवाली लड़की दारू पिये तो उस लड़की से उसकी माँ क्या उम्मीद कर सकती है और क्या उम्मीद कर सकता है वह जो उससे विवाह करेगा ? यह बड़ा गम्भीर विषय है ! तो मेरा हृदय पीड़ित हो गया । इसीलिए मैंने भगवान को प्रार्थना की और भगवान ने मुझे प्रेरित कर दिया । मैंने 14 फरवरी को ‘वैलेंटाइन डे’ की जगह ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनाने का आह्वान किया । बच्चे-बच्चियाँ ‘प्रेम दिवस’ मनायें लेकिन अपने माँ-बाप को प्रेम करें ।
आगे बताया कि माँ-बाप ऐसे ही मेहरबान होते हैं लेकिन उस मेहरबान माता-पिता को जब आप तिलक करोगे, बेटा पिता को तिलक करे व चरण धोये और बेटी माता को तिलक करे व चरण धोये, दोनों हार पहनायें और उनकी प्रदक्षिणा करें तो माँ-बाप तो मेहरबान होंगे लेकिन माँ-बाप का जो अंतरात्मा है वह भी बरस जायेगा और मेरे बच्चे-बच्चियों की जिंदगी सँवर जायेगी ।
मैंने फिर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ शुरू किया । गणपतिजी का पूजन करो, भगवान सद्बुद्धि देंगे; माँ-बाप की भी जिंदगी सँवरेगी और बच्चे-बच्चियों की भी जिंदगी सँवरेगी ।
मैं यही भिक्षा माँगता हूँ बस !
बापू ने बताया कि ‘वैलेंटाइन डे’ की जगह पर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनाओ, मैं यही भिक्षा माँगता हूँ आप लोगों से बस ! करोड़ों माताओं व पिताओं के दिल की दुआ ले लो । हजारों-लाखों बच्चों की नष्ट होती जिंदगी को बचा लो, बस । मुझे आपका रुपया-पैसा कुछ नहीं चाहिए । आप मेरी ‘जय’ बोलो तो मुझे अच्छा नहीं लगता । फूल की पंखुड़ी भी आपकी मुझे नहीं चाहिए लेकिन आपका स्वस्थ, सुखी व सम्मानित जीवन हो, यह मैं चाहता हूँ । मैं यह नहीं चाहता कि मेरे को कोई यश दो, भले सभी सरकारों को यश जाय लेकिन बच्चों की जिंदगी तबाही से बचे और उनके माँ-बाप बुढ़ापे में कराहने से बचें । जो छोरे अपने को नहीं सँभाल पाते हैं वे बूढ़े माँ-बाप की क्या सेवा करेंगे ! विदेशों की तरह नर्सिंग होम में रख देंगे । हमारे यहाँ भी माँ-बाप के लिए वृद्धाश्रमों की जरूरत पड़ रही है, शर्म की बात है ! नहीं… नहीं… बच्चों की देखभाल माँ-बाप करें और माँ-बाप की देखभाल बच्चे करें, यह हमारी भारतीय संस्कृति है ।
सभी धर्म के लोग तो यही चाहते हैं…
चाहे ईसाई के बच्चे हों, वे भी उन्नत हों और ईसाई, मुसलमान, पारसी, यहूदी… सभीके माता-पिता संतुष्ट रहें । किसके माता-पिता संतुष्ट होंगे कि हमारे बेटे-बेटियाँ विद्यार्थीकाल में एक-दूसरे को फूल दें, ‘आई लव यू, लव यू…’ करके कुकर्म करें और यादशक्ति गँवा दें ! किसीके भी माँ-बाप ऐसा नहीं चाहेंगे । इसीलिए मैंने यह अभियान शुरू किया है और यह अभियान जिनको अच्छा नहीं लगता है वे कुछ-का-कुछ करवाकर मेरे को बदनाम करना चाहते हैं । यह मेरी बदनामी नहीं है, मानवता की बदनामी है भैया ! मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूँ, मेरी बदनामी आप खूब करो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है । बस, एक मानवता के उत्थान में आप अड़चन मत बनो । आप तो सहभागी हो जाओ ।
सभी धर्मों को लाभान्वित कर रहा है मातृ-पितृ पूजन दिवस:
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । भारत ‘हिन्दू भवन्तु सुखिनः’ नहीं कहता है, ‘सर्वे’ कहता है । ‘सर्वे’ में ईसाई, पारसी सब आ गये । अभी मैं ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के लिए सिर्फ हिन्दुओं को नहीं आवाहन करता हूँ कि ‘हिन्दू बच्चे मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाओ’ – ऐसा नहीं, सभी मनाओ ।
कोई ईसाई नहीं चाहता कि मेरी कन्या विद्यालय जाते-जाते गर्भवती हो जाय । कोई मुसलमान या यहूदी, पारसी भी नहीं चाहता तो हिन्दू कैसे चाहेगा कि मेरी कन्या विद्यालय में जाय और हवस की शिकार बन जाय । तो सभी मुसलमानों का, सभी ईसाइयों, यहूदियों, पारसियों तथा हिन्दुओं का भविष्य मंगलमय हो और उनके बच्चों का जीवन मंगलमय हो इसीलिए मैंने मातृ-पितृ पूजन दिवस अभियान छेड़ा है ।
ईसाई अपने माँ-बाप का पूजन करो, मुसलमान अपने अम्मा-अब्बाजान का पूजन-सत्कार करो लेकिन ‘आई लव यू’, ‘तू नहीं तो और सही’ – यह लोफरों का रास्ता छोड़ो, नेक इन्सान बनो । आपके अब्बा-दादा ऐसे थे क्या ? बुद्ध ने ‘वेलेंटाइन डे’ मनाया होता तो ‘भगवान बुद्ध’ नहीं होते । हमने ऐसा किया होता तो हम ‘आशाराम बापू’ नहीं बनते । नरेन्द्रजी ने ऐसा किया होता तो ‘स्वामी विवेकानंद’ नहीं बनते ।
अतः मैं तो चाहूँगा कि भारत के युवक-युवतियाँ तो माँ-बाप का आदर-पूजन करें लेकिन जो बेचारे विदेशी भटक गये हैं वे भी अपने माता-पिता का आदर करें । हम पड़ोस की बहन को फूल देकर बुरी नजर से देखें, पड़ोस की बहन हमको बुरी नजर से देखे – काहे को ऐसा करना ? पड़ोस की बहन का भला हो, पड़ोस के भाइयों का भला हो । माता-पिता का मंगल हो, बच्चे-बच्चियों का मंगल हो ! ईसाई भी सुखी रहें, मुसलमान भी सुखी रहें, पारसी व यहूदी भी सुखी रहें । सभी देशवासियों का, विश्ववासियों का, सभीका मंगल हो ! प्राणिमात्र सुखी रहे ।
– संत श्री आशारामजी बापू
(पत्रिका ऋषि प्रसाद, फरवरी 2014 से )
Official Azaad Bharat Links:
Blogger : http://azaadbharatofficial. blogspot.com
Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
Twitter : https://goo.gl/kfprSt
Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
राजस्थान कांग्रेस की बुद्धि को क्या हो गया ,जो पवित्र पर्व मातृ पितृ पूजन दिवस को बैन कर दिया। ये तो सभी जगह मनाया जा रहा है।
इस घोर कलयुग में वेलेनटाइन् डे की जगह Sant Shri Asaram Bapu ji ने मनुष्य को वरदान स्वरुप दिया है माता पिता पूजन दिवस !!!!
#HugeSupportToMPPD
This is the irony
मातृ-पितृ पूजन दिवस सभी मनायें।