12 अप्रैल 2022
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विष्णु नाम के युवक पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया,सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास सुनाया,इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 साल बाद उस युवक को निर्दोष बरी किया।
इस युवक के समय ,सम्पति, परिवार,इज्जत का नुकसान हुआ उसकी भरपाई कोन करेगा??? ऐसे ही देश में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियो,साधु-संतों पर भी षड्यंत्र के तहत झूठे केस लगाकर जेल में रखा जा रहा है।
देश की जनता की मांग है कि कानून में बदलाव करना चाहिए,यदि कोई महिला झूठे केस करती तो उसको भी सजा मिलनी चाहिए।
बलात्कार के झूठे आरोपों में पुरुषों को बचाने के लिए कानून की जरूरत है,दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि अब समय आ गया है कि बलात्कार के झूठे आरोपों का सामना कर रहे पुरूषों की सुरक्षा और उनकी प्रतिष्ठा बहाल किए जाने के लिए कानून बनाए जाए।
एक लड़की को मोहरा बनाकर आजकल कोई भी किसी को भी झूठे आरोप में जेल करा सकता है,ऐसे देश में कई मामले है,किसी बिजनेस को जेल भेजने का हो या किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति की छबि धूमिल करने का मामला हो।
नई दिल्ली में बेटी ने बलात्कार का आरोप लगाया तो निर्दोष पिता को 10 साल जेल की सजा काटनी पड़ी ओर बाद में पिता निर्दोष साबित हुए ।
सीने पर इस आरोप का बोझ ढोते बाप की मौत हो गई, अब जाकर मौत के 10 महीने बाद कोर्ट ने पिता को निर्दोष माना है।
निचली अदालत के गलत फैसले के चलते निर्दोष पिता को 10 साल तक जेल में रहना पड़ा
कोर्ट ने माना कि निचली अदालत के एक गलत दृष्टिकोण के कारण नाबालिग बेटी से कथित बलात्कार के झूठे मामले में पिता के साथ घोर अन्याय हुआ।
जबकि पिता अपने साथ अन्याय होने की बात शुरुआत से कह रहा था।
देश में ऐसे कई मामले है,आखिर कब तक इस देश में निर्दोष पुरुषों को झूठे केस में जेल में रहना पड़ेगा???
देशभर के पुरुषों की भारत सरकार से मांग है कि वे पुरुषों के लिए भी सुरक्षा के कानून बनाये और निर्दोष पुरुषों को जल्द रिहा किया जाय।
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