विरुपाक्ष मंदिर हम्पी – इतिहास और दिव्यता

 

विरुपाक्ष मंदिर, हम्पी (Virupaksha Temple Hampi): इतिहास, रहस्य और दिव्यता का अद्भुत संगम

Virupaksha Temple Hampi हम्पी का एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। हम्पी की भूमि पर स्थित यह धार्मिक स्थल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। हम्पी का इतिहास जानना भी इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समझने में मदद करता है।

विरुपाक्ष मंदिर Virupaksha Temple Hampi का स्थान और इतिहास (Location and History of the Ancient Temple)

यह मंदिर कर्नाटक के हम्पी में तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। कभी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रहा हम्पी, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। विरुपाक्ष मंदिर की नींव 7वीं शताब्दी में चालुक्य राजाओं ने रखी थी। बाद में होयसल और विजयनगर राजाओं ने इस मंदिर का विस्तार किया। विजयनगर साम्राज्य के बारे में पढ़ें

️ भगवान शिव और पम्पा देवी का दिव्य संबंध (Divine Connection of Shiva and Pampa Devi)

भगवान विरुपाक्ष, भगवान शिव का स्वरूप, यहां पम्पा देवी के पति के रूप में पूजे जाते हैं। पम्पा देवी पार्वती का स्थानीय स्वरूप हैं, और इस क्षेत्र का प्राचीन नाम पंपाक्षेत्र उनके नाम पर पड़ा। तुंगभद्रा नदी को भी पम्पा नदी कहा जाता था।

मंदिर की स्थापत्य कला और डिजाइन Virupaksha Temple Hampi – Architecture and Design of the Temple

गोपुरम और मुख्य द्वार (The Tower and Main Entrance)

मंदिर का मुख्य पूर्वी गोपुरम नौ मंजिला है और लगभग 50 मीटर ऊँचा है। इसमें देवी-देवताओं की जटिल मूर्तियां उकेरी गई हैं। इसके अलावा उत्तर और आंतरिक पूर्व दिशा में दो अन्य गोपुरम स्थित हैं।

गर्भगृह और मंडप (Sanctum Sanctorum and Mandapas)

गर्भगृह में विरुपाक्ष शिवलिंग विराजमान हैं। बाहर अर्धमंडप और महा मंडप हैं, जहां अलंकृत स्तंभों के साथ गलियारे बने हुए हैं। यहाँ एक ऊँचा ध्वज स्तंभ भी है।

मंदिर की अनूठी विशेषताएं (Unique Features of the Sacred Site)

  • मंदिर परिसर में पम्पा देवी और भुवनेश्वरी के मंदिर स्त्री शक्ति का परिचय देते हैं।
  • यहाँ नवग्रहों और पातालेश्वर शिव के मंदिर भी हैं।
  • 100 स्तंभों वाला हॉल और तीन सिरों वाला नंदी बैल शिव भक्तों का ध्यान केंद्र हैं।
  • 1980 के दशक में खोजा गया भूमिगत शिव मंदिर भी परिसर में स्थित है।
  • मंदिर में मानसून के पानी को गर्भगृह तक पहुंचाने वाली जल नहर है।

विजयनगर साम्राज्य और मंदिर का विकास (Vijayanagara Empire and Temple Expansion)

  • विक्रमादित्य द्वितीय की रानी लोकमहादेवी ने इस मंदिर का निर्माण पल्लवों पर विजय के उपलक्ष्य में करवाया था।
  • देव राय द्वितीय ने मंदिर के विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • कृष्णदेवराय ने 1509-10 में महारंग मंडपम का निर्माण करवाया। उनके शासनकाल के शिलालेख आज भी मौजूद हैं।

पुरातात्विक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर (Archaeological Significance and Cultural Heritage)

Virupaksha Temple Hampi Narasimha Statue
विरुपाक्ष मंदिर, पट्टदकल स्मारकों के समूह से जुड़ा है। यहाँ उत्तर और दक्षिण भारतीय वास्तुकला का मिश्रण देखा जा सकता है। मूर्तियाँ रामायण, महाभारत और शिवपुराण की कथाओं से प्रेरित हैं।

  • 6.7 मीटर ऊँची नरसिंह प्रतिमा अपनी विशालता और जीवंतता के लिए प्रसिद्ध है।
  • मंदिर के बाहर प्राचीन बाज़ार के अवशेष उस समय की सांस्कृतिक समृद्धि दर्शाते हैं।

रामायण काल से जुड़ा किष्किन्धा क्षेत्र (Kishkindha Region Linked to Ramayana)

हम्पी को किष्किन्धा नगरी भी कहा जाता है, जहाँ रामायण काल में हनुमान, सुग्रीव और बाली का वास था। आसपास की गुफाएँ, पर्वत और नदियाँ पौराणिक घटनाओं से जुड़ी हैं।

निष्कर्ष: विरुपाक्ष मंदिर का महत्व (Conclusion: The Temple’s Spiritual and Historical Importance)

Virupaksha Temple Hampi सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि जीवित इतिहास है। यह मंदिर शिव की अनुभूति कराता है और भारतीय स्थापत्य कला की अमूल्य धरोहर है।

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