15 अप्रैल 2022
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हनुमान जी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 113 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को प्रातः 6:03 बजे हुआ था।
हनुमानजी चिरंजीवी ( अमर ) है,आज भी पृथ्वी पर विचरण करते है।
हनुमानजी भगवान शिवजी के 11 वे रुद्रावतार ,सबसे बलवान और बुद्धिमान हैं।
इस धरा पर जिन 7 मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं।
हनुमान जी का अवतार भगवान राम की भक्ति और सेवा के लिये हुआ।
चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 16 अप्रैल शनिवार को है। हनुमानजी जन्मोत्सव के शुभ योग में यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। ये उपाय इस प्रकार:-
हनुमानजी जन्मोत्सव पर दीप दान महिमा
गेहूँ, तिल, उड़द, मूंग और चावल.. इन पाँचों के आटे से मिलाकर दिया बनाया जाये और वो जलाकर हनुमानजी के नाम से मंदिर में, पीपल या बड के पेड़ या घर में ही रखा जाये तो बड़ा शुभ माना जाता है | इससे मनोरथो की सिद्धि होती है ।
हनुमानजी बाल ब्रहमचारी है, इसलिए उनकी तस्वीर बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए। बेडरूम में लगाई गई हनुमानजी की तस्वीर शुभ फल नहीं देती।
भगवान हनुमानजी की तस्वीर घर या दुकान में दक्षिण दिशा की ओर लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि हनुमानजी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग दक्षिण दिशा की ओर दिखाया था।
घर मे पंचमुखी, पर्वत उठाते हुए या राम भजन करते हुए हनुमानजी की तस्वीर लगाना सबसे अच्छा होता है। इससे घर के सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
हनुमानजी की तस्वीर पर सिंदूर जरुर लगाना चाहिए। ऐसा न कर पाने पर सिंदूर का केवल तिलक भी किया जा सकता है। इससे सभी मनोकामनाएं जरुर पूरी होती हैं ।
अगर आप ज्यादा कुछ न कर सको तो इतना जरूर करना कि हनुमानजी के तस्वीर पर थोड़ा सिंदूर चढ़ाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना तो भी आपके संकटों का निवारण होगा।
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