Shakti Peeth : 51 शक्तिपीठ का वैदिक इतिहास
हिंदू धर्म में Shakti Peeth केवल धार्मिक स्थल नहीं हैं, बल्कि वे वैदिक प्रमाणित ऊर्जा केंद्र हैं।
वेद और पुराण इन शक्तिपीठों का उल्लेख करते हैं। अधिक जानकारी हेतु Azaad Bharat देखें।
भूमिका : Shakti Peeth का वैदिक महत्व
शक्तिपीठ वह स्थल हैं जहाँ देवी सती के अंग गिरे।
ये स्थल ध्यान-साधना और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
प्रथम 10 शक्तिपीठ और उनका महत्व
1. कालिघाट, कोलकाता
देवी कालिका की साधना का प्रमुख केंद्र। गंगा डेल्टा की मिट्टी में उच्च खनिज ऊर्जा।
2. कामाख्या, असम
प्राकृतिक शिला-योनिकुण्ड, स्त्री शक्ति और सृष्टि ऊर्जा का प्रतीक।
3. विशालाक्षी, वाराणसी
काशी का प्रमुख आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र। गंगा और वरुणा-अस्सी संगम ध्यान-साधना में लाभकारी।
4. तारा तारिणी, ओडिशा
समुद्र से जुड़े नाविकों की रक्षक शक्ति। क्षेत्र मैग्नेटिक ऊर्जा से भरा।
5. विमला, पुरी
विद्युतचुंबकीय ऊर्जा से युक्त, जगन्नाथ मंदिर परिसर का प्रमुख केंद्र।
6. कंकालिताला, बीरभूम
ध्यान-साधना के लिए उपयुक्त ऊर्जा प्रदान करता है।
7. सप्तशृंगी, नाशिक
सप्तशृंग पर्वत पर स्थित। सात चोटियाँ सप्तर्षि मंडल का प्रतीक।
8. शोंदेश, मिदनापुर
शरीर और आत्मा के संबंध का प्रतीक। प्राचीन जीवाश्म भी पाए जाते हैं।
9. ज्वालामुखी, कांगड़ा
प्राकृतिक गैस स्रोत से अग्नि स्वतः प्रज्वलित रहती है।
10. हिंगलाज, बलूचिस्तान
भारत से बाहर होते हुए भी हिंदुओं के लिए पवित्र स्थल।
✨ निष्कर्ष
ये दस शक्तिपीठ यह सिद्ध करते हैं कि Shakti Peeth केवल श्रद्धा का विषय नहीं बल्कि वैदिक प्रमाणित ऊर्जा केंद्र हैं।
और अधिक जानकारी के लिए Azaad Bharat देखें।
अगला लेख (भाग 2): शक्तिपीठ 11 से 20










