27 July 2022
मैंने यौन शोषण का झूठा आरोप लगाकर पिता को भेजा जेल, अब वापस लेना है केस।
कई बार किशोर हो रहीं लड़कियां ऐसे कदम उठा लेती हैं, जिससे परिवार तक टूट जाता है। ऐसी ही भोपाल की एक किशोरी ने सेना में कार्यरत अपने पिता पर ज्यादती का आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया।
किशोरी को पिता की वह बात नागवार गुजरी थी, जिसमें उन्होंने ड्यूटी पर जाते हुए कहा था कि यदि तूने ये गलत हरकत नहीं सुधारीं तो लौटकर आकर देखता हूं।
जब पिता के घर आने का समय आया तो उसने चाइल्ड लाइन फोन करके उन पर यौन हिंसा का आरोप लगा दिया। पिता को जेल हो गई। अब किशोरी ने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत दर्ज कराके कहा है कि केस झूठा है।
किशोरी के कोर्ट में 164 के बयान में भी हो गए। उसे शेल्टर होम में रखा गया। यहां उसे मोबाइल फोन भी तब दिया जाता है, जब ऑनलाइन पढ़ाई करना होती थी। पढ़ाई के दौरान उसने मोबाइल फोन से सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हुए बताया कि उसे शेल्टर होम में जबरदस्ती रखा गया है। ज्यादती का प्रकरण झूठा है। वह केस वापस लेना चाहती है। अधिकारियों ने महिला एवं बाल विकास, पुलिस, चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति को नोटिस दिया था। इस पर सभी ने रिपोर्ट हेल्प लाइन भेज दी। वहीं केस खारिज करने प्रतिवेदन न्यायालय भेजा है।
अब बेटी को साथ नहीं रखना चाहती है, नाराज माँ, चूंकि किशोरी ने पिता के खिलाफ एक झूठा यौन शोषण का केस दर्ज कराया है, इसलिए उन्हें जिला कोर्ट से जमानत नहीं मिली है। किशोरी की मां जमानत कराने के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रही है। बाल कल्याण समिति ने बेटी को शेल्टर होम से ले जाने के लिए कई पत्र लिखे, लेकिन मां का कहना है कि उसका बेटी से कोई रिश्ता नहीं है।
जब समिति माँ से बात करने के लिए टीम भेजती है, तो वे दरवाजा ही नहीं खोलती हैं।
किशोरी ने परेशान कर रखा है,शेल्टर होम में जिस शेल्टर होम में किशोरी रह रही है, वहां के प्रबंधन का कहना है कि किशोरी बहुत तेज है। उसे शेल्टर होम के नियमों को पालन करने में परेशानी होती है। इसकी वजह से न केवल यहां रहने वाले बच्चे परेशान हैं बल्कि प्रबंधन भी। हर समय डर लगा रहता है कि वह कहीं कुछ न कर ले।
बाल कल्याण समिति के सामने 4 ओर ऐसे ही केस आए,बाल कल्याण समिति के सदस्यों का कहना है कि उनके यहां चार अन्य ऐसे ही मामले आए, जिसमें किशोरियों ने पिता व भाई पर ही यौन शोषण के प्रकरण दर्ज कराए हैं। काउंसलिंग के दौरान खुलासा हुआ कि घर में पाबंदी लगने के बाद व लोगों के बहकावे में आकर उन्होंने अपनों पर ही प्रकरण दर्ज कराए हैं।
आये दिन देश में कई ऐसे केस आते है,जिसमें निर्दोष लोगों को जेल हो जाती है। देश की जनता की मांग है कि ऐसे बने कानूनों में बदलाव किया जाय।
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