5 August 2022
हिन्दू जनता , हिंदू संतो को न्याय नहीं मिल रहा है क्योंकि मुख्य न्यायाधीश के इशारे पर कार्य होता है इनकी नियुक्ति इनके अपने कॉलेजियम सिस्टम मनमाने तरीके से संविधान की शपथ तोड़कर की जा रही है । भ्रष्ट न्यायाधीशों और उनके रिश्तेदारों की देश विदेश में संपत्ति की जांच की मांग हिंदू संगठन वर्षो से कर रहे हैं । संसद के सामने वर्षों से प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत के राजनेता अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए कई संगठनों ने मिलकर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है इस पत्रक अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाकर जन जागरूकता फैलाये।
महामहिम राष्ट्रपति जी भारत सरकार
विषय — सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में संविधान के अनुच्छेद १२४.२ का पालन करने का अनुरोध |
माननीय महोदया,
भारत की जनता के लिए हर्ष और सम्मान का विषय है कि आपने 24 जुलाई को संविधान के प्रति सत्य निष्ठा की शपथ लेकर राष्ट्रपति पद ग्रहण किया है।
हम आपके सामने संविधान का अनुच्छेद 124 (2) प्रस्तुत कर रहे हैं जो कहता है कि मुख्य न्यायाधीश से भिन्न अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति सदैव मुख्य न्यायाधीशों की राय लेगा। इसी के साथ साथ संविधान कहता है कि राष्ट्रपति अपनी मर्जी के न्यायाधीशों की राय लेकर ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा।
27 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन वी रमन्ना सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संविधान आप जैसे नेताओं ने मिलकर ही बनाया है जिसके अर्थ को और भावनाओं को सभी नेता सही रूप से समझ सकते हैं।
वकील और न्यायाधीश संविधान के प्रति उतनी समझ नहीं रखते हैं जितनी संविधान को बनाने वाले नेता रखते हैं। संविधान ने आपको अपनी पसंद के न्यायाधीश चुनकर उनका परामर्श लेने का अधिकार दिया है। परामर्श का अर्थ परामर्श ही है जिसको मानने ना मानने का संवैधानिक अधिकार भी आपको ही मिला हुआ है।
संविधान के अनुसार आप मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की राय नहीं ले सकते हैं।
अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन कुमार गोगोई जी ने देश को बताया था कि सर्वोच्च न्यायालय को आधा दर्जन लोगों की गैंग ने अपने कब्जे में लिया हुआ है जो जजों को फिरौती देकर अपने मन मुताबिक फैसले लिखवाते हैं। सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता के लिए इस गैंग की सफाई की जरूरत है।
आपने देखा ही है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले अमेरिकी फंडिंग से चल रहे देशद्रोही नक्सली ईसाई मिशनरी आतंकवादियों को किस प्रकार से मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा लगातार जमानत पर छोड़ रहे थे ।
इसी के साथ मुख्य न्यायाधीश बनने का ख्वाब देख रहे डी वाई चंद्रचूड़ भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले इन देशद्रोहियों को प्रेशर कुकर का सेफ्टी वाल्व बता कर इन देशद्रोहियों को लोकतंत्र का रक्षक बता रहे थे।
खुशी की बात है कि आज यह सब देशद्रोही 3 साल से जेल में है जिन्हें न्यायाधीश श्री डी वाई चंद्रचूड़ साहब और मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा लगातार जमानत पर छोड़ रहे थे।
यह आपका संवैधानिक कर्तव्य है कि आप ऐसे देशद्रोही तत्वों का साथ देने वाले डी वाई चंद्रचूड़ जैसे नक्सली ईसाई मिशनरी आतंकवादियों के पैरोकार जजों को मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति से दूर रखें। इसी के साथ आपसे अनुरोध है कि संविधान के अनुच्छेद 124-2(3) का पालन करते हुए किसी ऐसे व्यक्ति को न्यायाधीश बनाएं जो आपकी अपनी नजरों में अच्छा विधि वेत्ता हो। इसके लिए आपको किसी भी परामर्शदाता के परामर्श को नहीं मानते हुए अपनी मर्जी का विधि वेत्ता मुख्य न्यायाधीश बनाने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है।
पुनः आपसे अनुरोध है कि मुख्य न्यायाधीश यदि मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में अपनी राय दें तो आप उसे समझाएं वह अपनी हद में रहे और संविधान का पालन करें।
आशा है कि आप संविधान के प्रति ली गई सत्य आस्था निष्ठा की शपथ का पालन करते हुए भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करेंगे।
सधन्यवाद
सादर
भवदीय:1.राकेश दत्त मिश्र राष्ट्रीय महासचिव,भारतीय जन क्रांति दल,2/ 39 रुपनगर नई दिल्ली,पिन 110007
2. श्री मानिक देशमुख अध्यक्ष धर्म रक्षा दल
3)श्रीमती रागिनी तिवारी,अध्यक्षा जानकी धाम समूह
4)श्रीमती ममता त्यागी अध्यक्षा श्री राम राज्य स्थापना मंच
5) श्री विष्णु गुप्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष हिन्दू सेना श्रीमती रजनी सक्सेना, राष्ट्रीय प्रवक्ता हिंदू महासभा
2 /39 रूप नगर नई दिल्ली,पिन 110007,Mob 9868 400367
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