11 November 2022
azaadbharat.org
हलाल प्रमाणपत्र आज के काल का जिजिया टैक्स ही है । आज विश्व में हलाल अर्थव्यवस्था फैली रही है । मुसलमान हलाल मान्यतावाले उत्पादनों का आग्रह कर रहे हैं । इसलिए हिन्दू व्यापारी और उद्योगपतियों पर हलाल की सख्ती की जा रही है । सरकार का प्रमाणपत्र होते हुए भी इस प्रकार हलाल की सख्ती करना हिन्दुओं का संवैधानिक अधिकार नकारने के समान है । ‘हलाल’ केवल मुसलमान कर सकते हैं । इसलिए उसके द्वारा एक प्रकार से बहुसंख्यक हिन्दुओं का ही बहिष्कार किया जा रहा है ।
अतः अब हिन्दुओं को ही संगठित होकर इस ‘हलाल’ अर्थव्यवस्था को ‘झटका’ देना चाहिए, ऐसा आवाहन ‘हलाल जिहाद ?’ ग्रंथ के संकलक और हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदे ने किया । वे दादर, मुंबई में ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ में आयोजित ‘हलाल सख्ती विरोधी परिषद’ में बोल रहे थे । इस परिषद में 12 और 13 नवम्बर को मुंबई में होनेवाली ‘हलाल परिषद’ का विरोध करने का एकत्रित प्रस्ताव पारित किया गया । इस अवसर पर श्री रमेश शिंदे द्वारा संकलित ‘हलाल जिहाद ?’ ग्रंथ का लोकार्पण किया गया ।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री रणजित सावरकर ने बताया कि अकबर के समय से लव जिहाद चल रहा है । अब हलाल जिहाद प्रारंभ हो गया है । हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से मिलनेवाले धन से जिहादी संगठन भारत सहित संसार पर राज्य करने का षड्यंत्र रच रहे हैं । इसलिए हलाल प्रमाणपत्र सख्ती का बहिष्कार करना प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है । हिन्दुओं को कृष्णनीति अपनाकर हलाल अर्थव्यवस्था का आर्थिक बहिष्कार करना चाहिए । हलाल रोकने के लिए हिन्दुओं की कृति समिति बनाकर हलाल प्रमाणपत्र सख्ती का तीव्र विरोध करें ।
यशवंत किल्लेदार, उपाध्यक्ष, मनसे ने बताया कि ‘हलाल’ मुसलमानों तक मर्यादित होना चाहिए, उसकी हिन्दुओं पर सख्ती क्यों ? हलाल प्रमाणपत्र सख्ती के पीछे जो षड्यंत्र चल रहा है । उसे अब ‘झटका’ देने का समय आ गया है । हलाल अर्थव्यवस्था का विरोध करने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सदैव तैयार है । हमारे नेता राजसाहब ठाकरे हलाल के विरोध में हिन्दुओं के समर्थन में खडे रहेंगे ।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और भूतपूर्व सांसद डॉ. विजय सोनकर शास्त्रीजी ने कहा कि, हलाल पद्धति केवल मांस काटने तक मर्यादित नहीं रह गई है । आज सभी क्षेत्रों में हलाल अर्थव्यवस्था ने प्रवेश किया है । हलाल जिहाद हिन्दुओं के विरुद्ध बडा षड्यंत्र है । दिल्ली के उपहारगृह मांस ‘झटका’ है कि ‘हलाल’ है, यह ग्राहकों को स्पष्ट रूप से दिखाएं, ऐसा वहां की महानगरपालिका के भाजपा प्रशासन ने अनिवार्य किया है ।
डॉ. विजय सोनकर शास्त्रीजी वसई (मेधे) स्थित ‘परशुराम तपोवन आश्रम’ के संस्थापक भार्गव श्री बी.पी. सचिनवाला ने कहा कि, हिन्दुओं को स्वयं में विद्यमान भगवान परशुराम को जगाकर सनातन धर्म का प्रचार और प्रसार करना चाहिए । ऐसा करने से सर्व प्रकार के हलाल जिहाद सहित सभी जिहाद अपनेआप नष्ट हो जाएंगे ।
अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ के कार्याध्यक्ष डॉ. विजय जंगम ने कहा कि, हलाल के पीछे बहुत बडा षड्यंत्र चल रहा है । इसे रोकने के लिए हमें ‘त्रिशूल’ प्रमाणपत्र देने की सरकार अनुमति दे ।
‘अखिल भारतीय खटिक समाज’ के महाराष्ट्र प्रभारी श्री विवेक घोलप ने कहा कि, हलाल के कारण हिन्दू खटिकों पर बेरोजगारी का संकट आ गया है । हिन्दुओं को ‘हलाल’ के स्थान पर ‘झटका’ पद्धति का मांस लेने का आग्रह करना चाहिए ।
‘झटका महासंघ’ के श्री संतोष कुमार गुप्ता ने आवाहन किया है कि ‘हलाल जिहाद का विरोध करने के लिए हलाल पद्धति मास की जगह हिन्दू झटका पद्धति का मांस लें ।’
महाराष्ट्र राज्य सराफ और सुवर्णकार फेडरेशन’ के अध्यक्ष श्री मोतीलाल जैन ने बताया कि हिन्दुओं को अपनी शक्ति और संगठन बढाना चाहिए, तब ही हम हलाल रूपी जिहाद के षड्यंत्र को समाप्त कर सकते हैं।
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