30 मार्च 2022
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हिन्दू नव संवत्सर 2079 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, 2 अप्रैल 2022 शनिवार को प्रारंभ हो रहा है ।
चैत्र प्रतिपदा गुड़ी पड़वा सबसे श्रेष्ठ मुहर्त होता है,इस दिन मंदिरों में घट स्थापना होती है,नवरात्रों के व्रत का प्रारम्भ दिन शक्ति प्राप्ति करने के लिए नवरात्रों में व्रत,जप,उपवास करना चाहिए।
चैत्र प्रतिपदा गुड़ी पड़वा (2 अप्रैल शनिवार ) को धूमधाम से हिन्दू नववर्ष मनाये।
चैत्र द्वितीया ( 3 अप्रैल रविवार ) भगवान झूलेलाल जी का प्राकट्य दिवस होता है,जिसे सिंधी समाज बड़े धूमधाम से मनाते है और समस्त हिन्दू समाज भगवान झूलेलाल की पूजा करते है ।
चैत्र तृतीया (4 अप्रैल सोमवार) को गणगौर महोत्सव प्रारम्भ होता है,जिसमें शिव-पार्वती की मूर्तियों की पूजा विधि विधान से होती है,जिसे सम्पूर्ण भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा ही हिन्दुओं का वर्षारंभ दिवस है; क्योंकि यह सृष्टि की उत्पत्ति का पहला दिन है । इस दिन प्रजापति देवता की तरंगें पृथ्वी पर अधिक आती हैं।
न शीत न ग्रीष्म। पूरा पावन काल। ऐसे समय में सूर्य की चमकती किरणों की साक्षी में चरित्र और धर्म धरती पर स्वयं श्रीराम रूप धारण कर उतर आए, श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि के ठीक नवें दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। आर्यसमाज की स्थापना इसी दिन हुई थी।
सभी हिन्दू चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष मनाने का संकल्प लें। इस वर्ष 2 अप्रैल 2022 को हिन्दू नववर्ष आ रहा है। सभी हिन्दू तैयारी शुरू कर दें।
आज से ही अपने सभी सगे-संबंधी, परिचित और मित्रों को पत्र एवं सोशल मीडिया आदि द्वारा शुभ संदेश भेजना शुरू करें।
संस्कृति रक्षा के लिए गांव-शहरों में हिन्दू नववर्ष निमित्त प्रभात फेरियां, झांकिया की सजावट वाली यात्राएं, पोस्टर लगाकर, स्थानिक केबल पर प्रसारण करवाकर हिन्दू नववर्ष का प्रचार-प्रसार जरूर करें।
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