2 मार्च 2022 http://azaadbharat.org
2 मार्च फाल्गुन अमावस्या हिन्दू पंचाग के हिसाब से आखरी अमावस्या है।
2 मार्च को दो शुभ योग बनेंगे,एक शिव योग ओर दूसरा सिद्ध योग ।
अमावस्या के दिन पेड़,पत्ता तोड़ने से ब्रह्म हत्या का पाप लगता है,आज के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व माना गया है।
अगर आपके घर मे पितृ दोष लगा है और आप पितृ दोष निवारण करना चाहते है तो आप फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, दान और तर्पण करना चाहिए और गीता के सातवें अध्याय का पाठ करना चाहिए, इससे पितरों को तमाम यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
फाल्गुन मास की अमावस्या को सूर्य नारायण देव को जल अर्पण करने का महत्व है,आज के दिन पीपल के मूल में जल,दूध,काले तिल,गुड़ मिश्रित जल अर्पण करने से कई तरह के दोष दूर होते है।
गृह दोष निवारण के लिए आज के दिन गाय के गोबर के कंडे से घर में धूप देवे, धूप में घी,चावल, जो, काले तिल,गुड़, चंदन,गूगल को मिला लेवें।
अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में जाकर स्नान करें, अगर नदियों तक नही जा सके तो घर पर ही बाल्टी में गंगा जल मिलाकर गंगे माँ स्मरण करते हुए स्नान करें।
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