27 December 2022
azaadbharat.org
भारत में धर्मांतरण के काले जाल से लोगों को बचाने के लिए घरवापसी के कई अभियान जगह-जगह चलाए जा रहे हैं।
बुलंदशहर में 100+ लोगों ने की घर वापसी
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ईसाई बन चुके 100 से ज्यादा लोगों की क्रिसमस पर घर वापसी की खबर है। ये 100 लोग 20 परिवारों के सदस्य बताए जा रहे हैं जो दिहाड़ी मजदूरी आदि से अपना परिवार चलाते थे। घर वापसी करने वाले सभी लोगों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच में फिर से सत्य सनातन में प्रवेश किया और आगे से हिन्दू परम्परा से जीवन बिताने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम रविवार (25 दिसंबर, 2022) को आयोजित हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह आयोजन खुर्जा क्षेत्र में हुआ। कार्यक्रम के दौरान लगातार वैदिक मंत्र पढ़े जाते रहे। घर वापसी करने वालों का मौके पर मौजूद सभी लोगों ने फूल बरसा का स्वागत किया। कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रीय चेतना मिशन के हेमंत सिंह ने बताया कि उन्होंने धर्मांतरित किए गए 20 परिवारों के 100 से ज्यादा लोगों को चिह्नित किया था, जिनकी घर वापसी की कोशिशें जारी थीं। हेमंत ने बताया कि कार्यक्रम के लिए अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती का दिन उन्हें सबसे अच्छा लगा।
दमोह में 300 लोगों की घरवापसी
25 दिसंबर 2022 को दमोह में चल रही रामकथा में 300 लोगों सनातन धर्म में वापिस लौटे।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा बोलो कि चाहे कुछ भी हो जाए आप लोग अपना धर्म किसी कीमत पर नहीं छोड़ोगे। धीरेंद्र शास्त्री ने उन्हें समझाया कि हमारे संतों ने, पूर्वजों ने सनातन की रक्षा के लिए प्राण तक दे दिए लेकिन भूलकर भी दूसरे धर्म में नहीं गए।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पीड़ितों से पूछा कि उन्हें किस तरह का लालच देकर हिंदू धर्म छुड़वाया गया। इस पर एक युवक जितेंद्र ने बताया कि उनके पिता को कहा गया था कि ‘तुम्हारे बच्चे के पैर का इलाज करवा देंगे।’ हालाँकि दवाई एक रुपए की भी नहीं हुई। उलटा उन्हें कहा गया कि घर में चाहे कोई मर जाए लेकिन रविवार को चर्च जरूर आना है।
एक युवक जितेंद्र ने बताया कि उन लोगों के आगे हिंदू धर्म को उलटा कहा जाता था जिसका उन्हें बहुत बुरा लगता था। पर कहीं से कोई सपोर्ट न मिल पाने के कारण वो कुछ नहीं कर पाते थे। इसी तरह एक युवक ने बताया कि उसे गाड़ी की किस्त भरने के नाम पर 1 लाख 32 हजार रुपए दिए गए थे और इलाज के लिए 60 हजार रुपए देकर ईसाई धर्म कबूल करवाया गया था।
जशपुर में घर वापसी…
दमोह की तरह जशपुर में भी पत्थलगाँव के किलकिला शिव मंदिर में अखिल भारतीय घरवापसी प्रमुख सूर्य प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने हिंदू विशाल सम्मेलन को आयोजित करवाया। ये आयोजन स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के 96 वें बलिदान दिवस के उपलक्ष्य पर हुआ जहाँ कई संत आए एवं विश्व कल्याण महायज्ञ हुआ। इसी कार्यक्रम में पहलो जूदेव ने भगवान शिव की आराधना की। उसके बाद जय श्रीराम का नारा लगाते हुए 50 हिंदू परिवारों के सैकड़ों लोगों को हिंदू धर्म में वापसी करवाई।
जशपुर में आयोजित विशाल हिंदू समारोह*
*उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद नहीं होते तो पूरे भारत में धर्मांतरण हो जाता लेकिन उन्होंने अपना जीवन समर्पण कर दिया और हिंदुओं को एक करने के लिए हमेशा लगे रहे। मेरे पिताजी स्व दिलीप सिंह जूदेव के इस घर वापसी के कार्यक्रम को मैं चलाता आ रहा हूँ जिसमें मेरा साथ देने के लिए मैं आप सभी का आभारी हूँ। जूदेव ने कहा हिंदुत्व किसी जाति का नही राष्ट्रीयता का प्रतीक है इतिहास गवाह है जहा हिंदू घटा है देश बटा है। इसीलिए हिंदू बचाना मंदिर बनाने से भी बड़ा कार्य है क्योंकि हिंदू ही मंदिर बनाएगा मंदिर हिंदू नही। अंत मे उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मैं विरोधियों को चुनौती देता हूँ ये धर्मांतरण का घिनौना कार्य बंद कर दो अन्यथा इसका दूरगामी परिणाम विचारणीय होगा।”
आपको बता दे कि आज हिंदू जाग रहा है और हिंदुओं की घर वापसी अपने अपने स्तर पर करवाया जा रही है, लेकिन हिंदू संत आशाराम बापू के कार्यक्रम में एक साथ लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई जाती थी और उनको नकद दक्षिणा, मकान ,कपड़े ,बर्तन,राशन सामग्री, दवाईयां, जीवनुपयोगी सामग्री आदि दिया जाता था,इसलिए वेटिकन सिटी ने अंतर्राष्ट्रीय साजिश रची और उनको जेल भिजवाया गया, अब हिंदुओं की बारी है की बापू आशारामजी की रिहाई के लिए आवाज उठाए।
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