पुणे की जंगली महाराज रोड: खड्ढा-मुक्त सड़क का चमत्कार और भारत के लिए सबक | JM Road Pune
पुणे शहर ट्रैफिक जाम और खड्ढों से अक्सर परेशान रहता है। हालाँकि, जंगली महाराज रोड (जेएम रोड) इस अव्यवस्था के बीच एक चमत्कार की तरह खड़ी है। यह लगभग दो किलोमीटर लंबी सड़क कई साल पहले बनी थी। इसके बावजूद आज इसमें बड़े खड्ढे नहीं दिखते। मरम्मत कम होने पर भी यह सड़क भारी ट्रैफिक को सहजता से सहन कर रही है।
बाढ़ ने रचा इतिहास | JM Road Pune
एक बार भारी बारिश ने शहर की कई सड़कों को बुरी तरह नुकसान पहुँचाया। उसी कठिन समय में युवा नगरसेवक श्रीकांत शिरोळे ने समस्या का समाधान करने का संकल्प लिया। उन्होंने मुंबई की मजबूत सड़क तकनीक को उदाहरण बना कर जंगली महाराज रोड को आदर्श बनाया। अंततः मुंबई की रेकॉन्डो कंपनी, जिसे दो पारसी भाइयों ने चलाया करता था, काम पर लगी।
जादुई हॉट मिक्स तकनीक का राज | JM Road Pune
कंपनी ने हॉट मिक्स मेथड अपनाया। पहले सटीक गहराई पर खुदाई की गई, फिर क्रश्ड स्टोन की कई परतें बिछाईं गईं। इसके बाद हाई-क्वालिटी बिटुमेन मिलाया गया। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट में साफ शर्त थी कि बिना अनुमति कोई खोदाई नहीं होगी। नतीजा यह रहा कि मुख्य सतह आज भी अच्छी स्थिति में है और केवल किनारों पर थोड़ी पैचिंग हुई है।
पारसी भाइयों का विवाद, शहर का नुकसान
रेकॉन्डो की कारीगरी ने ठेकेदारों के मानक चुनौती दिए। हालांकि, बाद में भाइयों के बीच विवाद हो गया। परिणामस्वरूप कंपनी ने नए प्रोजेक्ट लेना बंद कर दिया। इसका असर यह हुआ कि पुणे को वैसा कोई और रोड मॉडल नहीं मिल पाया। डेक्कन जिमखाना से जंगली महाराज मंदिर तक यह सड़क आज भी स्थिति बेहतर बनाए हुए है।
मजबूती के पीछे तकनीक और इच्छाशक्ति | JM Road Pune
सड़क की मजबूती के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले गहरी खुदाई और कई परतों में अलग-अलग साइज की खड़ियों का उपयोग है। दूसरे, नो-डिगिंग क्लॉज ने बार-बार खोदाई से बचाया। इसके अलावा मौसम-प्रतिरोधी मटेरियल ने भी योगदान दिया। इसलिए कहा जा सकता है कि सही प्लानिंग और गुणवत्ता से सड़कें दशकों टिक सकती हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें अपनाएं यह मॉडल
यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर अपनाना व्यावहारिक होगा। सड़कें देश की रीढ़ हैं। खराब सड़कें दुर्घटनाएं बढ़ाती हैं और ईंधन व समय का नुकसान कराती हैं। इसके अलावा, हर साल मरम्मत पर अरबों रुपये खर्च होते हैं, जो विकास में खर्च हो सकते थे।
कैसे लागू करें? | JM Road Pune
- स्टैंडर्ड तकनीक: हॉट मिक्स और परतों वाली लेयरिंग को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- नो डिगिंग नियम: बिना मंजूरी कोई खोदाई न हो।
- क्वालिटी ऑडिट: स्वतंत्र एजेंसी से निर्माण और रखरखाव की जाँच कराएं।
- लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट: ठेकेदारों को दीर्घकालिक गारंटी दें और प्रदर्शन के आधार पर भुगतान करें।
- स्थानीय सामग्री: क्षेत्रीय स्टोन व बिटुमेन का उपयोग कर लागत घटाएँ और रोजगार बढ़ाएँ।
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आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ
मजबूत सड़कें ग्रामीण अर्थव्यवस्था जोड़ती हैं और परिवहन लागत घटाती हैं। इसके परिणामस्वरूप व्यापार को बल मिलता है। इसके साथ ही दुर्घटनाएँ घटने से परिवारों का सुरक्षा स्तर बढ़ता है और स्वास्थ्य व्यय कम होता है। अंततः मरम्मत कम होने से ईंधन व प्रदूषण दोनों में कमी आती है। यदि ग्रामीण सड़क योजनाओं में यह मॉडल शामिल किया जाए तो गाँव आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
पुणे से सबक, पूरे भारत के लिए प्रेरणा | JM Road Pune
श्रीकांत शिरोळे की दूरदृष्टि और रेकॉन्डो की कारीगरी ने यह सिद्ध कर दिया कि अच्छा काम लंबे समय तक याद रहता है। इसलिए केंद्र सरकार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी और राज्य PWD को निर्देश देना चाहिए कि जंगली महाराज मॉडल को व्यापक रूप से अपनाया जाए। नतीजा यह होगा कि सड़कें मजबूत होंगी और देश की मजबूती बढ़ेगी।
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