Heaven – भारत का केंद्र और ज्ञान का दीपस्तंभ





Heaven – भारत का केंद्र और ज्ञान का दीपस्तंभ

Heaven – भारत का केंद्र और ज्ञान का दीपस्तंभ

India Heaven center of knowledge
भारत – Heaven का केंद्र

भारत को प्राचीन काल से Heaven का केंद्र कहा गया है। यह भूमि केवल भौगोलिक दृष्टि से नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अद्वितीय रही है। हजारों वर्षों से भारत ज्ञान, विज्ञान और सदाचार का वैश्विक स्रोत रहा है।

चीनी दृष्टिकोण – Heaven की अवधारणा

चीन की भाषा में Tiānzhōu का अर्थ है “स्वर्ग का केंद्र”। यहाँ “Tiān” का अर्थ Heaven और “Zhōu” का अर्थ Center है। यह इस बात का प्रमाण है कि चीन ने भी भारत को विशेष स्थान दिया।

जापानी दृष्टिकोण – Tenzuku

जापान में यही अवधारणा Tenzuku नाम से प्रचलित रही, जिसका अर्थ भी “स्वर्ग का केंद्र” है। यह दर्शाता है कि भारत की प्रतिष्ठा केवल एशिया तक सीमित नहीं थी।

अरबी और इस्लामी विद्वानों की दृष्टि

8वीं से 10वीं शताब्दी के बीच अरब इतिहासकार भारत आए। उन्होंने भारत की भूमि को ज्ञान और शांति का स्थान कहा और इसे आध्यात्मिक Heaven की संज्ञा दी।

भारत – शिक्षा और संस्कृति का केंद्र

  • तक्षशिला: राजनीति, सैन्य विज्ञान, आयुर्वेद और खगोलशास्त्र।
  • नालंदा: 10,000 विद्यार्थी और 2,000 आचार्य, 800 वर्षों तक शिक्षा का केंद्र।
  • विक्रमशिला: बौद्ध दर्शन और तंत्र विद्या का प्रमुख स्थान।

इन संस्थानों में शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं थी। विद्यार्थियों का चरित्र और आध्यात्मिक विकास भी उतना ही महत्वपूर्ण था। यही कारण है कि भारत को सभ्यताओं ने एक divine center माना।

भारत – मानवता का मार्गदर्शक

वेद, उपनिषद और महाकाव्यों ने भारत को मानवता का मार्गदर्शक बनाया। सज्जन लोग ज्ञान, धन और शक्ति का उपयोग समाज की भलाई में करते हैं। यही परंपरा भारत को एक वास्तविक आध्यात्मिक केंद्र बनाती है।

विद्या विवादाय धनं मदाय, शक्तिः परेषां परपीडनाय।
खलस्य साधोर्विपरीतमेतत्, ज्ञानाय, दानाय, च रक्षणाय॥

निष्कर्ष – Heaven की पुनः प्रतिष्ठा

भारत को प्राचीन सभ्यताओं ने Heaven का केंद्र कहा। आज आवश्यकता है कि हम अपनी संस्कृति, शिक्षा और अध्यात्म से पुनः उस गौरव को स्थापित करें और भारत को विश्वगुरु बनाएँ।

अधिक जानकारी के लिए देखें Azaad Bharat