1 जनवरी हिंदू नूतन वर्ष नहीं: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्व

Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada: 1 जनवरी क्यों हिंदू नूतन वर्ष नहीं

सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए 1 जनवरी को “नया साल” मानना शास्त्रीय, प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से उचित नहीं है।
1 जनवरी ग्रेगोरियन कैलेंडर का प्रशासनिक प्रारंभ मात्र है, जबकि Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada
को ही वास्तविक हिंदू नूतन वर्ष स्वीकार किया गया है।

पुराणों, वेदों और स्मृतियों के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि-रचना आरंभ की, कालचक्र प्रवाहित हुआ
और प्रकृति में नवजागरण प्रकट हुआ। यह दिन केवल तिथि नहीं, बल्कि सृष्टि के आरंभ का प्रतीक है।

Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada बनाम ग्रेगोरियन कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर का निर्माण 1582 ईस्वी में यूरोप में प्रशासनिक और ईसाई धार्मिक आवश्यकताओं के लिए हुआ।
ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद अथवा किसी भी सनातन ग्रंथ में इसका उल्लेख नहीं मिलता।
भारत में इसका प्रयोग ब्रिटिश काल में सरकारी कार्यों हेतु प्रारंभ हुआ।

इसके विपरीत Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada चंद्र-सौर पंचांग पर आधारित है,
जो ऋतु, कृषि और मानव जीवन के प्राकृतिक चक्र से पूर्णतः जुड़ा हुआ है।

पुराण एवं वेदों में Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada

ब्रह्म पुराण और ब्रह्मांड पुराण में उल्लेख है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।
ऋग्वेद का नासदीय सूक्त सृष्टि-तत्त्व का संकेत देता है और शतपथ ब्राह्मण चैत्र मास को वर्ष का प्रथम मास मानता है।

इसी दिन पंचमहाभूतों की उत्पत्ति, त्रिमूर्ति का कार्य-विभाजन और सतयुग का आरंभ माना जाता है।
यह तथ्य Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada को आध्यात्मिक आधार प्रदान करता है।

प्राकृतिक और खगोलीय आधार

चैत्र मास वसंत ऋतु का द्वार है। सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, वनस्पतियाँ नवजीवन धारण करती हैं
और मानव शरीर भी इस ऋतु में नवीन ऊर्जा से भरता है।

लूनिसोलर पंचांग अधिकमास के माध्यम से चंद्र और सौर वर्ष में संतुलन बनाता है।
महान ज्योतिर्विद :contentReference[oaicite:0]{index=0}
ने अपनी बृहत्संहिता में इसी गणना-पद्धति को वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया।

विक्रम संवत और हिंदू कालगणना

विक्रम संवत की स्थापना उज्जैन के महान सम्राट
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द्वारा की गई, जिसका प्रारंभ भी Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada से होता है।

शक संवत, कलियुग संवत और 60 संवत्सरों का चक्र—all सनातन कालगणना की वैज्ञानिक गहराई को दर्शाते हैं।

भारत की सांस्कृतिक एकता

महाराष्ट्र में गुढ़ी पाडवा, आंध्र-कर्नाटक में उगादी, कश्मीर में नवरेह,
सिंध में चेती चंड और बंगाल में पोइला बैसाख—
ये सभी Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada की सांस्कृतिक विविधता के रूप हैं।

1 जनवरी को नूतन वर्ष न मानने के कारण

  • शास्त्रों में 1 जनवरी का कोई उल्लेख नहीं
  • प्रकृति के विपरीत शीतकालीन तिथि
  • पाश्चात्य सांस्कृतिक प्रभाव
  • भोगवादी परंपरा का प्रोत्साहन

सनातन संदेश

सनातन धर्म में समय रेखीय नहीं, चक्रीय है।
Hindu New Year Chaitra Shukla Pratipada
पुनर्जागरण, संयम और सांस्कृतिक आत्मबोध का संदेश देता है।

अधिक जानकारी हेतु देखें:
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