हर जगह, हर बार हिन्दू ही निशाने पर क्यों?

24 जनवरी 2022

azaadbharat.org

जानी-पहचानी नेस्ले कम्पनी ने किटकैट चॉकलेट पर जगन्नाथपुरी के मन्दिर की प्रतिकृति बनाई थी जो विरोध के बाद वापिस ली। इससे पहले तनिष्क ने विज्ञापन में लव जेहाद को बढ़ावा देने वाली कहानी दिखाई थी। सिएट टायर के विज्ञापन में अमीर खान सड़क पर दिवाली के पटाखे का विरोध करता है परन्तु सड़क पर नमाज का नहीं।

कम्पनियों को सामान बेचने के लिए इस तरह के छल कपट करने का साहस क्यों होता है?

आखिर सारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिन्दुओं को गाली देकर ही क्यों मिलती है?
क्या कोई भी व्यक्ति यह कह सकता है कि मुझे संसद, विधानसभा, सेना की छावनी या हवाई अड्डे में जाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए?

रेलवे स्टेशन तक में घुसने के लिए प्लेटफार्म टिकट लेना अनिवार्य होता है। क्या बैंक में अस्त्र-शस्त्र लेकर जा सकते हैं? परन्तु सबरीमाला के मन्दिर और गरबा पंडाल में कुछ को जाने से रोकने पर समानता का रोना रोया जाता है।

उत्पाद बेचने के लिए हिन्दूत्व का सहारा लेना सही है पर 3 तलाक और हलाला पर मीडिया में बहस नहीं हो सकती। जिस
रेलवे स्टेशन अंदर जाने का टिकट लगता है उस के प्लेटफार्म या रेलवे लाइन पर रातों रात मजार कैसे बना दी जाती है- यह किसी मीडिया या मीलार्ड को नहीं दिखता।

दंगे, सामूहिक नरसंहार, सामूहिक बलात्कार और सामूहिक ठगी के केस का 10 साल तक नम्बर नहीं आता पर याकूब मेनन, सुधा भारद्वाज के केस पर पुनर्विचार, महाकाल मन्दिर में पानी की मात्रा, दही-हांडी की ऊंचाई और सबरीमाला मंदिर में प्रवेश तय करने के लिए समय ही समय है।

कुछ वर्ष पूर्व कर्नाटक के रहने वाले ‘करण आचार्य’ ने “क्रोधित हनुमान” की एक पेंटिंग बनाई थी, अचानक यह पेंटिंग देशभर में सुर्खियों में आ गया था।
OLA-UBER समेत निजी वाहन वाले हनुमानजी की इस तस्वीर को अपने-अपने कारों के ऊपर लगाने लग गये।
इन बातों से हिन्दूद्वेषी मीडिया व अन्य जमात वालों के सीने पर सांस लोटने लगे। “द वायर” आदि जमातों ने बजरंगबली को निशाने पर लेते हुए कई लेख लिखे।
अगर आप पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं तो आपको यह भी याद होगा कि काफी पहले ‘हंस’ पत्रिका के संपादक ‘राजेन्द्र यादव’ ने यही हरकत की थी और हनुमानजी को “मानव-सभ्यता का पहला आतंकवादी” बताया था।

सुनेत्रा चौधरी नाम की एक वामपंथी महिला ने कुछ दिन पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थापित पाञ्चजन्य शंख के स्टेचू पर अभद्र शब्दों में ट्वीट करती है कि ये शँख कारपेट से भी घिनौना लग रहा है प्लीज इसे हटाइए… कुछ ही देर में स्वाति चतुर्वेदी नाम की दूसरी वामपन्थी महिला आकर सुनेत्रा के ट्वीट का समर्थन करती है।

2 नवम्बर 2014 को केरल के मरीन ड्राइव तट पर एक वामपन्थी एक्टिविस्ट कपल ने ‘किस ऑफ लव’ का आयोजन किया था। ये आयोज़न शिवसेना, बजरंग दल जैसे दलों के सार्वजनिक स्थानों पर अश्लीलता रोकने के विरोध में हुआ था। इस आयोजन में केरल के कई बड़े कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया था। इस आयोजन का आह्वान एक फेसबुक पेज ‘किस ऑफ लव’ बनाकर उसके माध्यम से किया गया था जिसके ऑर्गेनाइज़र थे दो वामपन्थी एक्टिविस्ट- रेशमी नैयर और उसका पार्टनर राहुल पाशुपलन। केरल में ‘किस ऑफ लव’ के पूरे आयोजन का प्रचार और हिंदीभाषी प्रदेशों में इसका लाइव टेलीकास्ट किया था एक बड़े मीडिया प्लेटफार्म NDTV ने, जिसके बाद रश्मि नैयर का इंटरव्यू NDTV में आया और ये वामपन्थी एक्टिविस्ट राष्ट्रीय हस्ती बन गई।

खैर, इस आयोजन के छः महीने बाद केरल पुलिस के एक तेज़ तर्रार अधिकारी एस श्रीजीत की अगुवाई में एक अंडरकवर ऑपरेशन ‘बिग डैडी’ शुरू हुआ। ये स्पेशल ऑपरेशन ऑनलाईन देह व्यापार और मानव तस्करी के अपराधियों को पकड़ने के लिए शुरू किया था। थोड़े समय बाद ही केरल पुलिस की इस स्पेशल टीम के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी जब उन्होंने अकबर नाम के एक व्यक्ति को एक नाबालिग बच्ची के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर बंगलोर की एक महिला लिनीस मैथ्यू को एक और नाबालिग बच्ची के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ही बच्चियाँ मुस्लिम समुदाय से थीं, उनसे ज़बरन देह व्यापार कराया जा रहा था।

सरगना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने जाल बिछाया और दो पुलिस अधिकारियों ने अकबर के माध्यम से व्यापारी बनकर देह व्यापार के इस अंतर्राज्यीय गिरोह से सम्पर्क किया और लड़कियों की डिमांड की। सरगना ने उन्हें अड्डे पर बुलाया और स्पेशल टीम ने वहां से पांच लड़कियों के साथ सरगना को धर दबोचा; पांचों लड़कियां झांसा देकर तस्करी के जरिए देह व्यापार के लिए लाई गई थीं जिन्हें पुलिस ने उन दोनों बच्चियों सहित काउंसलिंग के बाद उनके घर भेज दिया। मानव तस्करी, देह व्यापार और नाबालिग बच्चियों की सप्लाई करने वाले इस अंतरराज्यीय गिरोह की सरगना थी- ‘किस ऑफ लव’ एक्टिविस्ट रेशमी नैयर। रेशमी नैयर खुद भी अपना जिस्म बेचती थी जिसके बदले वो ग्राहक से एक रात के 60000 रूपए तक वसूलती थी।
नवम्बर 2015 में रेशमी नैयर सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। आरोपियों में से 6 एक सीक्रेट फेसबुक ग्रुप ‘कोचुसुन्दरिकल’ के एक्टिव मेम्बर थे। इसी ग्रुप के माध्यम से कॉलेज की स्टूडेंट्स लड़कियों को पहले वामपन्थी विचारधारा से क्रान्तिकारी बनाया जाता था फिर आज़ादी और फेक फेमिनिज़्म की घुट्टी पिलाकर मॉडलिंग या बॉलीवुड में कैरियर बनाने के नाम पर फंसाया जाता था। ये सीक्रेट ग्रुप फेसबुक पेज ‘किस ऑफ लव’ से सम्बद्ध था।
shorturl.at/fkruE

राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा हमेशा भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म को खत्म करने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। इस षड्यंत्र को रोकने के लिए जो भी हिन्दूनिष्ठ अथवा साधु-संत आगे आते हैं उनको जेल भेज दिया जाता है अथवा उनकी हत्या कर दी जाती है। देशवासी ऐसे देशविरोधी तत्वों से ‌सतर्क रहें।

Official Links:

Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

facebook.com/ojaswihindustan

youtube.com/AzaadBharatOrg

twitter.com/AzaadBharatOrg

.instagram.com/AzaadBharatOrg

Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ