3 January 2023
azaadbharat.org
निर्दोष पुरुषों को फँसाने के लिए बलात्कार के नये कानूनों का व्यापक स्तर पर हो रहा इस्तेमाल आज समाज के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।
दहेज कानून की ही तरह रेपरोधी कानूनों का भी बड़ी मात्रा में निर्दोष पुरुषों को फँसाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। दुर्भाग्यवश इन कानूनों का गलत इस्तेमाल आज आम जनता के बाद प्रतिष्ठित व्यक्तियों के खिलाफ अधिक हो रहा है। 2013 में बलात्कार के मामलों में जेलों में डाले गये 75% लोग निर्दोष साबित हुए।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आयुषी भाटिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है। गुरुग्राम पुलिस ने दिसंबर 2021 में उसे हनी ट्रैपिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वह जेल में है। भाटिया पर लोगों को प्यार में फँसाकर उगाही करने का आरोप है। 15 दिसंबर 2022 को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जो तथ्य सामने आए, उससे हाई कोर्ट भी हैरान रह गया।
यह बात सामने आई है कि भाटिया पहले लोगों को प्रेम जाल में फँसाती थी। उनके साथ शारीरिक संबंध बनाती थी। इसके बाद उन्हीं लोगों से रेप का केस करने की धमकी देकर वसूली करती थी। जो उसकी धमकी से नहीं डरते थे, उन पर वह बलात्कार का केस कर देती थी।
14 महीनों में 9 लोगों पर रेप केस
आयुषी भाटिया ने 14 महीनों के भीतर 9 पुरुषों पर रेप का झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा भी न जाने कितने लोगों से बलात्कार के केस में फँसाने के नाम पर वसूली की थी। हाई कोर्ट में राज्य सरकार के वकील ने भाटिया के खिलाफ दस्तावेज दाखिल किए। इससे पता चला कि वह वसूली और रंगदारी का रैकेट चलाती है। कोर्ट को जानकारी दी गई कि सितंबर 2020 से नवंबर 2021 के बीच उसने 9 अलग-अलग लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई थी।
अदालत ने जमानत देने से किया इनकार
सरकारी वकील ने अदालत को जानकारी दी कि महिला एक पैटर्न के तहत पुरुषों और उनके परिवार के सदस्यों को बलात्कार, शीलभंग आदि के अपराधों में फँसाती है। इस पर हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि महिला के अपराधों की गंभीरता और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता को लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की आदत है, उसकी जमानत याचिका खारिज की जाती है।
आयुषी भाटिया की करतूत तब सामने आई जब एक माँ ने उसके खिलाफ शिकायत की। जानकारी के मुताबिक भाटिया ने एक छात्र को अपना शिकार बनाया था। उससे दोस्ती कर शारीरिक संबंध बनाए। फिर छात्र को दुष्कर्म के मामले में फँसाने की धमकी देने लगी। एफआईआर न कराने के बदले उसने छात्र से रुपए वसूलने शुरू कर दिए। रुपयों की बढ़ती माँग से घबराए छात्र ने अपने परिजनों को सच्चाई बता दी। उसके बाद छात्र की माँ ने भाटिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस की जाँच के दौरान सामने आया कि यह अकेला मामला नहीं था। उससे पहले भी कई लोगों को आयुषी भाटिया ने झूठे रेप केस में फँसाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। जो उसकी धमकी से डर गए उससे रुपए ऐंठे और जो उसकी ब्लैकमेलिंग से नहीं डरे उनके खिलाफ उसने रेप केस कर दिया।
नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये। परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इसका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है। कुछ दिन पहले प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं, जिसमें अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं। न्यायालय में गवाही के दौरान 90 प्रतिशत मामलों में पीड़िताएं मुकर जाती हैं, जिसमें सम्पत्ति व रंजिश अथवा अन्य कारणों से अथवा अभियुक्त को ब्लेकमेल कर रुपए ऐंठने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी ऐसी स्थिति बताती है।
आम जनता के अलावा राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करनेवाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के आगेवानों के खिलाफ बलात्कार कानूनों का राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतों द्वारा कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है।
दहेज-उत्पीड़न कानून की ही तरह इसमें भी सुधार की आवश्यकता है । रेप के संशोधित कानूनों के लिए तो कई वरिष्ठ वकीलों का भी कहना है कि ये कानून अस्पष्ट हैं।
निर्दोष पुरुषों को फंसाने के लिए बलात्कार कानून का भयंकर दुरुपयोग हो रहा है, इसमें सुधार करना होगा नहीं तो एक के बाद एक निर्दोष पुरूष फंसते जायेंगे।
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