20 January 2023
azaadbharat.org
महाराष्ट्र के पुणे जिले से जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया है। यहाँ आलंदी क्षेत्र के मरकल गाँव में पैसे का लालच देकर कुछ लोगों को ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही थी। इस सिलसिले में आलंदी पुलिस स्टेशन में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। आरोपितों में तीन महिलाएँ और एक नाबालिग भी शामिल है। आरोपितों पर दो समुदायों के बीच नफरत फ़ैलाने का भी आरोप लगाया गया है।
ऑपइंडिया को मिली एफआईआर के मुताबिक, इस सिलसिले में रविवार (15 जनवरी) को मरकल के रहने वाले हिंदू व्यक्ति प्रसाद सालुंखे ने आलंदी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने प्रदीप वाघमारे, प्रशांत वाघमारे, रौनक शिंदे, अशोक पंधारे, तेजस चांदने, मुकेश विश्वकर्मा, लक्ष्मण नायडू, एम बी यून, जे यून और इशाल साल्वे का नाम दिया। इनमें तीन महिलाएँ और एक 17 साल के लड़के का भी नाम है।
सालुंखे ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को ईसाई बनाने के लिए इन लोगों ने बहुत प्रताड़ित किया। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को दो लोग- प्रदीप वाघमारे और प्रशांत वाघमारे उनके इलाके में आए और पूछा कि क्या वो ईसाई धर्म के बारे में जानते हैं। इसके बाद उन्होंने लोगों को पैसों का लालच दिया, बिजनेस चलाने में मदद करने का वादा किया और फिर सालुंखे के परिवार को ईसाई बनने को बोला।
शिकायतकर्ता कहता है, “बाद में उन्होंने (आरोपितों) हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर हमारे घर में देखी और देखते ही उन्हें गाली देने लगे। उन लोगों ने कहा कि हमें चर्च जाना चाहिए, यीशु को पूजना चाहिए। मैंने उन्हें कहा कि हम हिंदू हैं, सिर्फ शिव चरित्र परायण पढ़ते हैं। इस पर उन्होंने कहा हिंदू ग्रंथ पढ़ने का कोई फायदा नहीं है। हिंदुओं के भगवानों को पूजने से कुछ नहीं होगा।”
सालुंखे द्वारा दी गई कंप्लेन के अनुसार, इन लोगों ने हिंदू भगवानों को भिखारी भी कहा। शिकायत में लिखा है, “उन्होंने (आरोपितों ने) वासुदेव अवतार को दिन में सड़क पर देखा और पूछा कि ये कौन हैं। हमने बताया कि ये हमारे भगवान हैं जो हिंदू स्थानीयों से भिक्षा लेते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि ‘तुम्हारा भगवान तुम्हें क्या बचाएगा जब वो खुद भीख माँगता है’ मैं ये अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाया। मैंने अपने दो दोस्तों को बुलया। उन लोगों ने बताया कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ है, उनके सामने भी हिंदू भगवानों को उलटा-सीधा बोला गया है। हमने मिलकर पुलिस को बुलाया और शिकायत दी। 14 आरोपित चिह्नित किए गए जो हिंदुओं को पैसे का लालच देकर उन्हें ईसाई बनने के लिए कह रहे थे।।”
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए), 298, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि आरोपित गाँव में धर्मप्रसार के लिए आए थे। मामले में अभी तक कोई गिफ्तारी नहीं हुई है। अधिकारी ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है।
धर्मांतरण कराने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि घटना के एक दिन पहले शनिवार (14 जनवरी 2023) को धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं के विरोध में यहाँ हिन्दू संगठनों ने जुलूस निकाला था। बावजूद इसके एक दिन बाद ही अवैध धर्मांतरण की गतिविधि शुरू कर दी गई। इससे पहले आलंदी इलाके में ही लाल अंगूर के रस को यीशु का खून बताकर पिलाने और धर्मांतरण करने की कोशिश का मामला सामने आया था।
गांधीजी कहते थे…
“हमें गोमांस भक्षण और शराब पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए। धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है। मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दू परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा, रीति रिवाज़ के द्वारा विघटन हुआ है। यदि मुझे क़ानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता। इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है। इसे रोटी, कपड़ा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता।”
जनता की मांग है कि सभी राज्यों व केंद्र सरकार को धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले सख्त कानून बनाना चाहिए।
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