Durva Mantra: गणेशजी का दूर्वा मंत्र और महत्व





Durva Mantra: गणेशजी का दूर्वा मंत्र और महत्व

Durva Mantra: गणेशजी का दूर्वा मंत्र और महत्व

Durva Mantra गणेशजी की उपासना का महत्वपूर्ण अंग है। दूर्वा केवल साधारण घास नहीं, बल्कि वेदों और आयुर्वेद में वर्णित दिव्य औषधि है। यह मंत्र जीवन से विघ्न दूर कर सुख-समृद्धि और शांति लाता है। Azaad Bharat पर इस विषय का विस्तृत विवरण उपलब्ध है।

Vedic References of Durva

ऋग्वेद और अथर्ववेद में दूर्वा को जीवन, शक्ति और पवित्रता का प्रतीक बताया गया है।

  • ऋग्वेद 10.142.4: दूर्वा “सोम की माता” कही गई।
  • अथर्ववेद 11.3.24: दूर्वा रोग और विघ्न दूर करने वाली।

Durva Mantra Significance

Ganeshji and Durva

अनलासुर की कथा से स्पष्ट होता है कि दूर्वा गणेशजी के लिए शांति और शक्ति का माध्यम है। इसीलिए इसे Ganeshji Favorite Offering कहा गया है।

Ganesh Durva Ritual

Durva in Ayurveda

आयुर्वेद में दूर्वा औषधीय गुणों से भरपूर है।

  • ज्वर और त्वचा रोग में लाभकारी।
  • रक्त शुद्ध करने और नकारात्मक ऊर्जा हटाने में सहायक।
  • मानसिक संतुलन और ऊर्जा प्रदान करने वाली।

Durva Grass Ayurveda

Durva Mantra Text

कन्दात् कन्दात् समुत्पन्नं दूर्वायाः कुशसंनिभम्।
एकविंशतिपर्णं त्वां गृहाण गणनायक॥

Ritual and Benefits

प्रातः स्नान के बाद ईशान कोण में गणेशजी को 21 दूर्वा अर्पित कर यह मंत्र पढ़ना चाहिए। इससे मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और व्यापार में उन्नति मिलती है। साथ ही यह साधना कर्ज और आर्थिक संकट से मुक्ति देती है।

Additional Benefits

  • परिवार में एकता और स्थायी समृद्धि।
  • स्वास्थ्य में दीर्घकालिक संतुलन।
  • भक्ति और साधना में स्थिरता।

Scriptural Evidence

ऋग्वेद, अथर्ववेद, गणेश पुराण और आयुर्वेदिक ग्रंथों में दूर्वा का उल्लेख मिलता है। यह परंपरा आज भी प्रासंगिक है और Durva Mantra के महत्व को सिद्ध करती है।