दोगला कानून : हिंदुओं की तुरंत गिरफ्तारी दूसरों की क्यो नही?
10 अगस्त 2021
azaadbharat.org
जंतर-मंतर पर अंग्रेजों के काले कानून पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
उस कार्यक्रम के एक वायरल वीडियो के आधार पर आरोप लगाया गया था कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की गई। AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि FIR अज्ञात लोगों के खिलाफ क्यों हुई है।
दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार (10 अगस्त, 2021) को अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार किया। उनके अन्य सहयोगियों विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति और प्रीत सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इन सभी से लगभग 6 घंटे तक पूछताछ चली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। सुबह के तड़के 3 बजे ही अश्विनी उपाध्याय थाने पहुँचे थे। अश्विनी उपाध्याय ने अपनी सफाई में कहा था कि वो उस आंदोलन में कई अन्य लोगों की तरह गए थे, इसीलिए आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों से उनका कोई सरोकार नहीं है।
अंग्रेजों के बने काले कानूनों को हटाने और समान नागरिता, जनसंख्या नियंत्रण जैसे देशहित में कानून लाने के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
अभिनेत्री पायल रोहतगी ने जब हिंदुत्व के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया और एक के बाद एक सच्चाई सामने लाने लगी तब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई और गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था
लेकिन जब देशविरोधी व हिंदू विरोधी नारे लगते हैं या लगाते हैं जैसे कि :-
● भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह” – जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी
● “हिंदुत्व की कब्र खुदेगी” – अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
● “हम को चाहिए आज़ादी, हिंदू से चाहिए आज़ादी, छीन के लेंगे आज़ादी…।” – जामिया
● “15 मिनट पुलिस हटा दो, हिंदुओं को खत्म कर देंगे” – अकबरुद्दीन ओवैसी
इनकी न गिरफ्तारी होती है और न ही जेल भेजा जाता है जबकि यही लोग देश तोड़ने का कार्य करते हैं।
केवल अश्विन उपाध्याय और पायलजी ने ही हिंदुत्व के लिए आवाज उठाई हो गिरफ्तारी हुई हो ऐसा नहीं है इससे पूर्व में और वर्तमान में कई हिन्दूनिष्ठ व्यक्तियों को जेल भेजा गया है कई जगह तो उनकी हत्या भी करवा दी गई है, मीडिया भी उनको ही बदनाम करती है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंदजी, कर्नल पुरोहित, डीजी वंजारा जी आदि हिंदुनिष्ठ लोगों को सालों जेल में रखकर प्रताड़ित किया गया।
शंकरचार्य जयेंद्र सरस्वती, स्वामी नित्यानंद आदि साधु-संतों को मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया गया।
दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम बुखारी पर कई गैरजमानती वारंट है लेकिन उनको आज़तक गिरफ्तार नही कर पाएं वर्तमान में हिंदू संत आशारामजी बापू को जेल में रखा गया है, 8 साल में एक दिन भी जमानत नहीं दी गई जबकि हिंदू संत आसारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, आदिवासियों में जीवनोपयोगी सामग्री दी और हिंदू धर्म की महिमा बताई, जिससे धर्मांतरण वालों की दुकानें बंद हो गईं। उन्होंने करोड़ों लोगों को सदाचारी बनाया, भारतीय संस्कृति से अवगत कराया, करोड़ों लोगों के व्यसन छुड़वाए। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, 25 दिसंबर को तुलसी पूजन शुरू करवाया जिससे विदेशी कम्पनियों की कमर टूट गई इसलिए ईसाई मिशनरियों व विदेशी कम्पनियों ने मिलकर कुछ नेताओं को खरीद लिया और उनपर झूठे केस करवाए तथा मीडिया को भारी फंडिग देकर उनकी बदनामी करवाई ।
दारा सिंह उर्फ़ रविंदर पाल जी ग्राम ककोर , फफूंद , जिला औरैया के निवासी ने लाखों हिन्दुओं को ख़त्म कर देने वाले मिशनरी से लड़ाई लड़ी लेकिन 20 सालों से जेल में बंद है ये हिन्दू योद्धा !
धर्मपरिवर्तन और गौ हत्या के विरुद्ध दारा सिंह के प्रतिकार की सजा इतनी भी नहीं होनी चाहिए जितनी उनको दी गयी।
अब आप समझ गए होंगे कि हिंदुओं के लिए आवाज उठाने का परिणाम क्या आता है।
आपको स्पष्ट कर दें कि इन सब बातों से डरना नहीं चाहिए क्योंकि अपने धर्म में प्राण चले जाएं तो भी आखरी तक लड़ाई लड़नी चाहिए जैसे महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, गुरु अर्जुनदेव, गुरु तेगबहादुरजी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, चन्द्रशेखर आज़ाद आदि ने अपने धर्म की रक्षा के लिए अनेक यातनाएं सहन की यहाँ तक कि अपने प्राण दे दिया लेकिन धर्म व देश की रक्षा के लिए एक कदम भी पीछे नहीं हटे आप भी उनका ही अनुसरण करना ।
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