हिंदू धर्म Hinduism और संतों पर अत्याचार – एक खुलासा
Hinduism भारत की प्राचीन और महान संस्कृति है, जिसे हजारों वर्षों से विश्वभर में शांति, सत्य और अध्यात्म का प्रतीक माना गया है। लेकिन, दुर्भाग्यवश इस महान Hindu Dharm को तोड़ने के लिए विदेशी ताकतें लगातार षड्यंत्र करती रही हैं। इनका उद्देश्य साफ था – भारत की आत्मा को कमजोर करना।
कांग्रेस की भूमिका: विदेशी एजेंडे का पालन
करीब 60 वर्षों तक शासन करने वाली Congress सरकार ने विशेष रूप से अपने अंतिम 10 वर्षों में भारत विरोधी ताकतों के इशारे पर कई षड्यंत्र रचे। उन्होंने Hinduism के रक्षक संतों को झूठे मामलों में फँसाकर जेल भेजवाया और मीडिया के जरिये उनकी छवि को धूमिल किया।
मुख्य षड्यंत्र – Hindu Dharm (Hinduism) को बदनाम करने की रणनीति:
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“हिन्दू आतंकवाद” शब्द गढ़कर यह साबित करने की कोशिश की गई कि हिंदू भी आतंकवादी होते हैं।
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साधु-संतों को मीडिया के जरिये बदनाम किया गया ताकि जनता उनसे दूर हो जाए और ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण में आसानी हो।
निशाने पर थे हिंदुत्वनिष्ठ:
हिंदू आतंकवाद सिद्ध करने के लिए जिन लोगों को टारगेट किया गया:
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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
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स्वामी असीमानंद
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शंकराचार्य अमृतानंद
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कर्नल पुरोहित
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डीजी वंजारा
झूठे आरोपों में फंसाए गए संतों में शामिल हैं:
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शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती
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सत्य साईं बाबा
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स्वामी नित्यानंद
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श्री कृपालु महाराज
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संत आसाराम बापू
आखिर क्यों था संत आसाराम बापू को टारगेट करना ज़रूरी?
Sant Asaram Bapu ने हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने का महान कार्य किया था, जो विदेशी ताकतों और धर्मांतरण एजेंडे को खटकने लगा।
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उन्होंने लाखों आदिवासियों को पुनः हिंदू धर्म में वापस लाया।
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गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में ईसाई मिशनरियों को चुनौती दी।
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मुफ्त शिक्षा और वैदिक गुरुकुलों के ज़रिये Hindu Dharm की नींव मजबूत की।
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14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरू कर वैलेंटाइन डे की विकृति को चुनौती दी।
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राहुल गांधी को “पप्पू” कहने वाले पहले व्यक्ति भी वही थे।
झूठे आरोपों की कहानी
2008 में संत आसारामजी बापू पर दो बच्चों की मृत्यु का झूठा आरोप लगाया गया, मगर उन्हें क्लीन चिट मिली।
तब Congress ने नया षड्यंत्र रचा – POCSO कानून बनाया और उसका पहला शिकार बापू आसारामजी को बनाया।
POCSO के तहत बेल भी मुश्किल होती है, जिससे उन्हें जेल में रखना आसान हो गया।
सत्य को दबाया नहीं जा सकता
DK त्रिवेदी आयोग ने 2008 केस में क्लीन चिट दे दी है, और अब 2013 के केस में भी जल्द फैसला आने की संभावना है।
25 अप्रैल को आने वाला फैसला संत आसाराम बापू के पक्ष में हो सकता है – यह कानूनी जानकारों की राय है।
Hindu Dharm का पुनर्जागरण ही समाधान
अब समय आ गया है कि हम इस सच्चाई को समझें कि Hinduism और उसके रक्षक संतों को दबाने का षड्यंत्र लंबे समय से चल रहा है।
हमें Sant Asaram Bapu जैसे संतों का साथ देना चाहिए, जिन्होंने अपने जीवन को Hindu Dharm के पुनर्जागरण के लिए समर्पित किया।
Suspects arrested under POCSO are not eligible for bail=INNOCENTs in jail due to Law Misuse!! #POCSOlawMisused http://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/Tougher-rape-law-leading-to-increase-in-false-cases/articleshow/30807940.cms
Congress’ plan has miserably failed
Very nice and good post.