Brihadeshwar Temple: बृहदीश्वर मंदिर की भव्यता
Brihadeshwar Temple दक्षिण भारत में स्थित एक अद्भुत मंदिर है, जो अपने विशाल आकार और स्थापत्य कला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसे लोग प्यार से “बिग टेम्पल” कहते हैं। यह मंदिर इतिहास, भक्ति और कला का अद्वितीय संगम है।
राजा का सपना और Brihadeshwar Temple का निर्माण
हज़ार साल पहले, चोल साम्राज्य के शासक राजा राज चोल प्रथम ने अपने सपने को साकार किया और इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया। ग्रेनाइट पत्थरों से बने इस मंदिर का शिखर 66 मीटर ऊँचा है। इस अद्भुत निर्माण में शिल्प कला और वैज्ञानिक कौशल का मिश्रण है।
Brihadeshwar Temple की स्थापत्य विशेषताएँ
- मुख्य शिखर (विमान) 66 मीटर ऊँचा है।
- विशाल नंदी एक ही ग्रेनाइट पत्थर से तराशा गया है।
- दीवारों पर सुंदर मूर्तियाँ और चित्र हैं, जो उस समय की संस्कृति और जीवनशैली दिखाते हैं।
- पूरा मंदिर ग्रेनाइट पत्थर से बना है, जबकि आसपास ग्रेनाइट उपलब्ध नहीं था।
धार्मिक महत्व और Brihadeshwar Temple की पूजा
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। महाशिवरात्रि और तमिल नववर्ष के समय यहाँ पूजा और दीपोत्सव होता है। भक्त यहाँ वैदिक मंत्रों और भजन के साथ भक्ति प्रकट करते हैं।
विश्व धरोहर और गौरव
1987 में यूनेस्को ने इसे “ग्रेट लिविंग चोल टेम्पल्स” में शामिल किया। यह केवल पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि भक्ति, विज्ञान और कला का जीवंत प्रमाण है। अधिक जानकारी: Wikipedia
विशेष बातें और अद्वितीयता
- एक राजा का सपना जो आज भी लोगों को प्रेरित करता है।
- 1000 साल पहले बिना आधुनिक तकनीक के बनाई गई 20 मंज़िला ऊँचाई।
- भक्ति, विज्ञान और कला का संगम।
- हर पत्थर में उस समय के शिल्पकारों की प्रतिभा झलकती है।
निष्कर्ष: Brihadeshwar Temple का अनुभव
बृहदीश्वर मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, बल्कि एक अद्भुत चमत्कार है। इसके आँगन में खड़े होकर 66 मीटर ऊँचे शिखर को देखकर आप चोल साम्राज्य की भव्यता और कला का अनुभव कर सकते हैं।
और अधिक जानकारी के लिए देखें: Azaad Bharat
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