14 June 2025
विमानों में ब्लैक बॉक्स: एक रहस्य से भरा सुरक्षा प्रहरी
(एक विस्तृत और रोचक हिंदी लेख)
प्रकाशित तिथि: 14 जून 2025 | स्रोत: AzaadBharat.org
परिचय: क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
जब भी किसी विमान दुर्घटना की खबर आती है, तो एक शब्द बार-बार सुनाई देता है — “ब्लैक बॉक्स”। लेकिन यह ब्लैक बॉक्स वास्तव में क्या होता है?
ब्लैक बॉक्स का असली नाम क्या है?
ब्लैक बॉक्स वास्तव में दो हिस्सों में बँटा होता है:
- ❇️ FDR (Flight Data Recorder)
- ❇️ CVR (Cockpit Voice Recorder)
क्या यह सच में काला होता है?
नहीं! “ब्लैक बॉक्स” नाम के बावजूद, यह डिवाइस चमकीले नारंगी (Bright Orange) रंग में होता है। इसका उद्देश्य दुर्घटना के बाद मलबे में इसे आसानी से ढूंढ पाना है।
ब्लैक बॉक्स इतना मजबूत क्यों होता है?
ब्लैक बॉक्स को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि वह भीषण टक्कर, आग, पानी और दबाव को भी सह सके।
ब्लैक बॉक्स कैसे काम करता है?
ब्लैक बॉक्स लगातार विमान की उड़ान के दौरान डाटा इकट्ठा करता रहता है। यह डाटा एक सॉलिड-स्टेट मेमोरी में स्टोर होता है, जो बिना किसी मूविंग पार्ट्स के सुरक्षित रहता है।
ब्लैक बॉक्स कैसे खोजा जाता है?
हर ब्लैक बॉक्स में एक अंडरवॉटर लोकाटर बीकन (ULB) होता है, जो पानी में गिरने पर 37.5 kHz की फ्रीक्वेंसी पर एक बीप सिग्नल भेजता है।
दुर्घटना के बाद इसकी भूमिका
जब किसी विमान की दुर्घटना होती है, तो जाँच एजेंसियाँ (जैसे भारत में DGCA या अमेरिका में NTSB) सबसे पहले ब्लैक बॉक्स खोजती हैं।
ब्लैक बॉक्स का इतिहास
- इसका विचार 1950 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डॉ. डेविड वॉरेन ने दिया था।
- पहली बार इसे 1960 के दशक में विमान में अनिवार्य किया गया।
भविष्य का ब्लैक बॉक्स
- आने वाले समय में ब्लैक बॉक्स को क्लाउड पर डेटा ट्रांसफर करने वाला बनाया जा रहा है।
- रियल-टाइम ट्रैकिंग और सैटेलाइट-आधारित सिस्टम पर काम चल रहा है, ताकि दुर्घटना से पहले ही अलर्ट मिल सके।
निष्कर्ष
ब्लैक बॉक्स विमान की ‘याददाश्त’ होता है। जब सब कुछ नष्ट हो जाता है, तब यही डिवाइस सच्चाई को उजागर करता है। यह एक ऐसा गवाह है, जो ना तो झूठ बोलता है और ना ही कुछ छुपाता है।