भारत की न्यायपालिका में Corrupt Judges की सच्चाई: क्या जनता को मिलेगा कभी न्याय?
अंग्रेजों के बनाए कानून और Corrupt Judges की जोड़ी
आज़ादी के 75 साल बाद भी भारत की न्यायिक व्यवस्था में corrupt judges का बोलबाला है।
अंग्रेजों के बनाए कानून तो पुराने हो ही चुके हैं, लेकिन जब जज भी बिकने लगें, तो न्याय कहाँ बचेगा?
Gujarat में दो Corrupt Judges गिरफ्तार
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वापी कोर्ट में तैनात दो भ्रष्ट जज, A.D. Acharya और P.D. Inamdar को 2014 के मामले में घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
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इन भ्रष्ट जज ने पैसे लेकर फैसले देने की डील की थी, जो कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी।
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अन्य राज्यों में भी मामले
आंध्र प्रदेश – 2012
एक भ्रष्ट जज ने जनार्दन रेड्डी को ज़मानत के लिए ₹100 करोड़ की रिश्वत ली थी।
हैदराबाद – 2018
एक सत्र न्यायाधीश और दो वकीलों को bribe लेते पकड़ा गया, वे भी एक भ्रष्ट जज network का हिस्सा थे।
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दिल्ली – तीस हजारी
महिला भ्रष्ट जज रचना तिवारी के घर से ₹94 लाख नकद मिले। उसने प्रॉपर्टी केस में ₹20 लाख की घूस मांगी थी।
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खुद न्यायाधीश मानते हैं – भ्रष्ट जज सिस्टम को खोखला कर रहे हैं
जस्टिस मार्कंडेय काटजू:
“भारतीय न्याय प्रणाली में 50% से ज्यादा जज भ्रष्ट हैं।”
जस्टिस संतोष हेगड़े:
“धनी अपराधी ज़मानत पा जाते हैं, पर गरीब सालों जेल में सड़ते हैं – सब Corrupt Judges के कारण।”
के.एल. मंजूनाथ:
“इस व्यवस्था में ईमानदार के लिए कोई जगह नहीं, क्योंकि पूरी प्रणाली corrupt judges के कब्जे में है।”
हिंदू विरोध का गठजोड़?
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गौरक्षक सतीश कुमार, धनंजय देसाई और संत आसारामजी बापू जेल में बंद हैं।
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वहीं लालू यादव, सलमान खान, तरुण तेजपाल जैसे लोगों को भ्रष्ट जज राहत दे देते हैं।
क्या इसलिए इन संतों को ज़मानत नहीं मिलती क्योंकि उन्होंने कोई रिश्वत नहीं दी?
क्या corrupt judges केवल उन्हीं को बचाते हैं जो सत्ता या पैसे वाले हैं?
न्याय में देरी = Corruption की देन?
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देश की अदालतों में 2.8 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं।
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2.78 लाख विचाराधीन कैदी वर्षों से जेलों में बंद हैं, इनमें से कई बेगुनाह हैं।
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ये आंकड़े साफ़ करते हैं कि corrupt judges कैसे न्याय को उलझा रहे हैं।
न्यायपालिका को भ्रष्टाचारमुक्त क्यों बनाना ज़रूरी है?
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जब जज ही corrupt judges बन जाएं, तो न्याय की उम्मीद बेमानी हो जाती है।
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सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वह NJAC जैसी पारदर्शी प्रणाली को अपनाए और Collegium System से छुटकारा दे।
सच्चाई जनता के सामने क्यों नहीं आती?
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सोशल मीडिया से भ्रष्ट जज के वीडियो हटाए जाते हैं।
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मीडिया चुप रहती है, ताकि न्यायपालिका की बदनामी न हो।
लेकिन सवाल उठता है – क्या सच्चाई छुपाने से व्यवस्था सुधरती है या और गंदी होती है?
Corrupt judges भारतीय न्याय व्यवस्था के सबसे बड़े खतरे बन चुके हैं।
यदि आज यह सफाई शुरू नहीं हुई, तो कल पूरा लोकतंत्र इनकी गिरफ्त में होगा।
न्याय का मंदिर तब तक पवित्र नहीं हो सकता, जब तक corrupt judges का शुद्धिकरण न हो।
Common man expects justice from Judiciary. But if judge for his vested interest favours one party and gives decision in favour of that, it is certainly injustice to other party.
How common man will believe on judicial system and expect Justice from Judiciary.