दीपक चौरसिया समेत 8 पत्रकारों को कोर्ट ने माना अपराधी !!

Deepak Chaurasia पर POCSO के तहत FIR, गिरफ़्तारी अब तक नहीं…..

 

कैसे आए ये नामी-गिरामी पत्रकार Deepak Chaurasia कानून की चपेट में !?

क्यों लगीं इन पर POCSO की धाराएं !?

एक मशहूर लेख़क ने कहा – “मीडिया एक बाज़ार है और हम सब ग्राहक“। यह कथन अपने आप में बहुत कुछ कहता है।

आज TRP और पैसों की लालच के चलते खबरें तो कहीं गुम सी हो गई हैं। तड़कते भड़कते ग्राफ़िक्स को लेकर बनाया गया प्रोमो, एंकर्स के बदलते हाव-भाव और उन सबके बीच एक राई जितनी छोटी ख़बर को अधिकांश न्यूज़ चैनल्स विकृत करके “ब्रेकिंग न्यूज ” बनाकर पेश करते हैं।

 

गुरुग्राम केस –

गौरतलब है , कि लगभग 10 साल पहले दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasia) समेत 8 पत्रकारों पर एक नाबालिग बच्ची के वीडियो को तोड़-मरोड़ कर , विकृत(अश्लील) करके अपने टीवी चैनल्स पर प्रसारित करने के विरुद्ध FIR दर्ज हुई थी। इस टेम्पर्ड विडियो के चलते एक नाबालिग बच्ची और उसके परिवार के मान-सम्मान को बहुत ठेस पहुँची। इसी केस में 25 अगस्त 2023, को गुरुग्राम कोर्ट ने आठों पत्रकारों पर आरोप तय कर दिए हैं।

Deepak Chaurasia जो INDIA News चैनल में तब पत्रकार था,उसने 12 दिसम्बर 2013 को एक मासूम बच्ची के वीडियो को तोड़-मरोड़कर अश्लील तरीके से इसी चैनल प्रसारित किया था।

वास्तव में वह ओरिजनल वीडियो 02 जुलाई 2013 का था। जिस समय हिन्दू संत श्री आशारामजी बापू गुरुग्राम में थे और गुरुग्राम निवासी ,संजय पटेल नामक व्यक्ति के यहाँ आए थे । वहां बापू आशारामजी ने सब परिवारजनों के बीच उनकी भतीजी को आशीर्वाद दिया। जिसका विडियो परिजनों ने अपने मोबाइल फोन से लिया था।

उसी विडियो में हेर-फेर करके दीपक चौरसिया ने उसे अश्लील ढंग से अपने चैनल पर कई बार प्रसारित किया। जिसके बाद इस परिवार ने चौरसिया के विरुद्ध FIR दर्ज करवाई।

जिस मोबाइल में वीडियो बना था,उसकी FSL जांच से सिद्ध हो चुका है, कि ओरिजनल वीडियो में कुछ गलत नहीं था और नाबालिग बच्ची के वीडियो को तोड़-मरोड़कर गंदे ढंग से पेश किया गया था, ताकि बापू आशारामजी को बदनाम किया जा सके।

बता दें कि News24 के पूर्व प्रबंध संपादक अजीत अंजुम, आज तक की एंकर चित्रा त्रिपाठी और न्यूज नेशन्स के पूर्व एंकर दीपक चौरसिया के समेत कुल आठ पत्रकारों के खिलाफ 2020 – 2021 में चार्जशीट दाखिल की गयी थी।

ऐसे वीडियो को टेम्पर्ड करके , अश्लील बना कर दिखाने के पीछे इन पत्रकारों का मक़सद था , संत श्री आशारामजी बापू की छवि को धूमिल करना , उनको बदनाम करके समाज, संत और संस्कृति के बीच खाई खोदना !!

TRP और विदेशी फंडिंग के भूखे इन भेड़ियों ने एक मासूम बच्ची को कितनी भयानक त्रासदी दी…

उस बच्ची को समाज में बदनाम किया , उसे कितना अपमान सहना पड़ा होगा !? उसके परिवार की पीड़ाओं का तो कोई अंदाजा भी नहीं नहीं लगा सकता…

संत श्री आशाराम जी बापू को बदनाम करने में भी इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी , दिन रात डिबेट करके बापूजी के लिए नकारात्मक माहौल बनाया ।

 

Deepak Chaurasia के ऐसा करने के पीछे क्या कारण रहा होगा?

जवाब पढ़िए…

जाहिर है कि वो संतजन ही हैं , जो समाज को संस्कृति से जोड़े रखते हैं ।

और फिर संत श्री आशारामजी बापू (Asaram Bapu) ने तो अपने सेवाकार्यों और सत्संगों के माध्यम से पूरे विश्व में सनातनधर्म का डंका बजा दिया । फिर ये बात सनातनधर्म विरोधियों को कैसे हजम होती !?

 

यह विडिओ टेम्परिंग काण्ड भी सनातनधर्म विरोधी गतिविधियों का एक प्रत्यक्ष नमूना है। पर वो कहते हैं न , बुरे काम का बुरा नतीजा !

हुआ भी ऐसा ही…

एक निर्दोष हिन्दू संत के प्रभाव को खत्म करने के लिए , जिन Deepak Chaurasia समेत 8 पत्रकारों ने एक मासूम छोटी बच्ची के साथ संत आशाराम जी के वीडियो को तोड़-मरोड़ कर विकृत और अश्लील बनाकर अपने न्यूज चैनल पर प्रसारित किया था।उनके द्वारा किया गया ये काण्ड आज उन्हीं मूर्ख पत्रकारों के गले की फांस बन गया ।

 

आइए देखते हैं क्या है इस मामले में देशभर के कुछ twitter users की राय…

1)

Deepak Chaurasia जैसे जिन Famous Journalists की news हम सच मानकर पूरा विश्वास करते है, #पर्दे_के_पीछे वे Breaking News के लिए आसाराम जी बापू जैसे बड़े संतो को ब्लैकमेल और बदनाम करने के लिए चलाते है, जनता को गुमराह करते है।

 

2)

Anti Hindu Media 420 is not believable ever before

सच्चाई से इनका कोई लेना देना नहीं है इसलिए तो दिल्ली: गुरुग्राम के पोक्सो जिला सत्र न्यायालय ने Famous Journalists दीपक चौरसिया, ललित सिंह,सुनील दत्त,राशिद,अभिनव राज के विरुद्ध वारंट जारी किये है।

 

गौरतलब है कि जनता में कौतुहल का माहौल बना है कि क्या होगा इस केस का नतीजा…

1)

जी हां, चौरसिया सहित

Famous Journalists पर छोटी दामिनी केस में आरोप तय हो चुके हैं पर क्या तय हुए उसके खुलासे नही हुए, जबकि हिंदू संत आसाराम जी बापू को तो फेक केस में भी झट सज़ा दी थी, तो इन भ्रष्टो को भी सख्त सजा मिलेगी क्या?

 

2)

#पर्दे_के_पीछे की सच्चाई देखनी है कि क्या कानून सबके लिए समान है? आसाराम जी बापू के निर्दोष होने के सभी सबूतों को नजर अंदाज कर सजा दे दी गई। लेकिन अब Famous Journalists की बारी आ गई है।कानून कितनी अपनी गरिमा रखती है । इन पत्रकारों को कब सजा देती है।

 

3)

ऐसे चैनल्स व पत्रकारों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए व इन पर बैन लगना चाहिए

हिंदुओं की आस्था पर प्रहार करने वाले इन Famous Journalists की हकीकत व #पर्दे_के_पीछे का सच जनता जान चुकी है। आसाराम जी बापू को बदनाम करने के लिए ये हिंदुत्त्वविरोधी तत्वों के हाथ के मोहरे बने Breaking News

 

4)

जी हां अब तो यह देखना है की कानून जिस तरह से झूठे मीडिया वालों की बातों में आकर के आसाराम जी बापू को 10 सालों से जेल में प्रताड़ित कर रहा है। इस तरह से इनकी सच्चाई सामने आने पर इनको भी कड़ी से कड़ी सजा देता है।

 

 

कुछ लोगों ने तो अन्य electronic media channels पर भी सवाल दाग दिए…कि वो क्यूँ चुप बैठे हैं अब !

2)

आसाराम जी बापू जैसे निर्दोष हिंदुसंत पर सिर्फ आरोप लगा तो Famous Journalists ऐसी Breaking News दिखाते की वह खुद ही जजसाहब है । और न्यायालय के बाहर मिडिया के कैमरा की लम्बी फौज खड़ी होती, पर जब खुद पॉक्सो में दोषी पाए तो कहा गायब हुए है मिडिया के कैमरे?

 

तो वहीं कुछ twitter users आज यही सवाल पूछते नज़र आए..

1)

Breaking News जिसे कोई चैनल्स नही दिखा रहे

Famous Journalists दीपक चौरसिया गैंग पर पॉक्सो कोर्ट की मार शुरू है

आसाराम जी बापू को टारगेट किया बदनाम किया, बच्ची का गलत वीडियो बनाया था,

#पर्दे_के_पीछे का सच हमने बता दिया, इस मीडिया पर भरोसा करेंगे आप अब❓

https://twitter.com/manishaParaswa2/status/1698240889259442327

 

इस सवाल पर कि क्या अब भी News Channels पर जनता भरोसा करेगी?

आइए देखते हैं कुछ twitter users के जवाब…

 

1)

बिल्कुल नहीं, मैं तो नही भरोसा करूंगा।

आसाराम बापू दोषी हैं या नहीं यह मुझे पता नहीं किंतु

इतने बुजुर्ग बाबा को बदनाम किया गया यह तो तय है।

इसके पीछे का उद्देश्य क्या रहा होगा तो वो ही जाने।

Famous Journalists की सच्चाई सबके सामने आ गया।

Breaking News यही #पर्दे_के_पीछे का सच।

 

2)

Anti Hindu Media 420 is not believable ever before

सच्चाई से इनका कोई लेना देना नहीं है इसलिए तो दिल्ली: गुरुग्राम के पोक्सो जिला सत्र न्यायालय ने Famous Journalists दीपक चौरसिया, ललित सिंह,सुनील दत्त,राशिद,अभिनव राज के विरुद्ध वारंट जारी किये है।

 

3)

आज न्युज चैनलों मे दिखाई जाने वाली अधिकांश खबरें झुठी होती है। गुरुग्राम केस मे भी यही हुआ। आसाराम बापू को एक लड़की के साथ अश्लील तरीके से दिखाया गया। लेकिन विडियो एडिट किया हुआ निकला। मीडिया TRP के लिए #पर्दे_के_पीछे कैसे-कैसे षड्यंत्र रचती है।

 

विचार कीजिए… Deepak Chaurasia जैसे प्रत्रकारो पर

ये एक मामला तो आज सामने आ गया और अपराधियों पर आरोप तय होने से न्याय मिलने की उम्मीद भी जगी है।पर ऐसे तो कई मामले होंगे , जो इन भ्रष्ट पत्रकारों ने हमें ब्रेकिंग न्यूज बनाकर दिखाए और हमने भरोसा भी किया इन पर ! उनका क्या…?

और क्या अब भी ये लोग भरोसे के लायक हैं !?

बहरहाल अब 10 साल बाद गुरूग्राम कोर्ट ने इन सभी पर आरोप तय कर दिए हैं।

Deepak Chaurasia, चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम समेत 8 लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश),

469, 471 (जालसाजी),

सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67बी (बच्चे को ऑनलाइन उत्पीड़ित करना) एवं

67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और

पॉक्सो एक्ट की धारा 23 (मीडिया द्वारा पीड़ित बच्चे की पहचान जाहिर करना) एवं

13सी  (अश्लील प्रयोजनों के लिए बच्चों का उपयोग करने ) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

और वर्तमान में उपरोक्त धाराओं के साथ पोक्सो 14 (1) अश्लील प्रयोजनों के लिए नाबालिग बच्चों का उपयोग करने हेतु दंड) के तहत न्यायालय ने प्रथम दृष्टया इन सभी को अपराधी माना है।

 

और अब… इनको कड़ी से कड़ी सजा मिले, ये मांग पूरे देश से उठ रही है।

क्या ऐसी मीडिया पर विश्वास करके समाज को अपने संतों से विमुख होना चाहिए !?

ये दोगले पत्रकार – ‘जिन पर विश्वास करके संतों से विमुख हो रही है जनता, और आज वो खुद कटघरे में खड़े हैं ‘ – क्या ये विश्वास के योग्य है !?

आख़िर किसने कहने पर एक हिन्दू संत को बदनाम करने के लिए एक नाबालिग बच्ची की इज्जत को सरेआम उछाला गया !?

किसने की इस पूरे षड़यंत्र के लिए फंडिंग !?

ऐसे और भी कई प्रश्न हैं, जिनका जवाब मिलना अभी बाकी हैं !

क्या ऐसी मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने के योग्य है !?

जबकि मीडिया का कर्तव्य है, कि वो नागरिकों के अधिकार के लिए निष्पक्ष पत्रकारिता करे।

क्या अन्य मीडिया चैनल्स को इस पर चुप्पी साधे बैठे रहना उचित है !?

आखिर क्यों अन्य चैनल्स इस खबर को लेकर ब्रेकिंग न्यूज नहीं चला रहे !?

अब तो पर्दे के पीछे की सच्चाई भी सामने आ ही गयी, कि ये अधिकांश news Channels एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं । ये चोर चोर मौसेरा भाई की कहावत यहां बिल्कुल सटीक बैठती है ।

 

अब क्या होता है इनका हश्र यही देखना है !

जब-जब किन्हीं निरपराध हिन्दू धर्म रक्षक संतों पर झूठे , बेबुनियाद आरोप लगे हैं , उन्हें तो फौरी तौर पर गिरफ्तार किया गया है। ऐसे एक नहीं कई केसेज हम सब ने देखे/सुने हैं।

तो आख़िर कब होगी इन हाई-प्रोफाइल पत्रकारों की गिरफ्तारी…!?

और कब मिलेगी उन्हें सजा व कब मिलेगा छोटी दामिनी को न्याय…!?

 

अब तो देश भी देखना चाहता है , कि क्या कानून सचमुच सबके लिए समान है !?

 

 

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