365 दिन में 153 लड़कियाँ बनीं लव-जिहाद की शिकार: मजहबी षड्यंत्र है यह… टारगेट पर हैं गैर-मुस्लिम

7 January 2023

azaadbharat.org

लव-जिहाद एक सामाजिक कोढ़ है, इसके लिए षड्यंत्र रचा जाता है। जिन वामपंथियों/तथाकथित बुद्धिजीवियों को यह लगता है कि लव-जिहाद जैसा कुछ है ही नहीं, उनके लिए यह लिस्ट है। लिस्ट लंबी है – 153 पीड़ित लड़के-लड़कियों का भोगा हुआ सच है… वो भी सिर्फ एक साल में, साल 2022 के भीतर।

ध्यान देने वाली बात यह है कि साल 2022 में लव-जिहाद में फँस कर पीड़ित लड़कियों/महिलाओं/युवकों की यह लिस्ट सिर्फ उन खबरों का संकलन है, जिन्होंने हिम्मत कर रिपोर्ट दर्ज करवाई। विभिन्न कारणों से समाज में ऐसे कई और मामले भी होंगे, जो पुलिस-प्रशासन तक नहीं पहुँचे। कुछ ऐसे होंगे, जिन्हें मीडिया ने जानबूझ कर दबा दिया होगा।

लव-जिहाद: किस राज्य और महीने में कितने मामले लव जिहाद की जिन खबरों को ऑपइंडिया ने रिपोर्ट किया, उनके आँकड़ों को देखने से यह स्पष्ट है कि इससे कोई एक राज्य-विशेष ही प्रभावित नहीं है बल्कि लगभग हर राज्य ग्रसित है। साल 2022 में उत्तर प्रदेश से 65; मध्य प्रदेश से 37; झारखंड से 12; गुजरात और उत्तराखंड से 7-7; दिल्ली और कर्नाटक 5-5; महाराष्ट्र से 4; बिहार से 3; केरल, हरियाणा, राजस्थान से 2-2; जबकि असम से लव जिहाद का 1 मामला सामने आया। राज्यों के अलावा लव जिहाद का 1 मामला हमने नेपाल से भी कवर किया।

ग्राफ: किस राज्य में लव जिहाद से कितने पीड़ित राज्यों के बाद अगर हम इस पर ध्यान दें कि किस महीने में कितने लव-जिहाद मामले सामने आए, तो वह इस प्रकार है: जनवरी 2022 में 11 केस, फरवरी में 4 केस, मार्च में 12 केस, अप्रैल में 8 केस, मई में 10 केस, जून में 11 केस, जुलाई में 17 केस, अगस्त में 11 केस, सितंबर में 14 केस, अक्टूबर में 7 केस, नवंबर में 22 केस, दिसंबर में 25 केस।

ग्राफ: किस महीने में लव जिहाद के कितने मामले लव-जिहाद में फँसी लड़की भोगती है – रेप, गौमांस, देवी-देवता का अपमान प्यार के जाल में फँसाने से पहले लव-जिहाद के तरीकों की बात करें तो इनमें सबसे प्रमुख है – अपने इस्लामी नाम को छुपाना। छद्म हिंदू नाम रख कर, हाथ में कलावा बाँध कर हिंदू लड़कियों को फँसाया जाता है। लव जिहाद की हमारी कुल 153 रिपोर्ट में से 99 मामलों में आरोपितों ने मजहबी पहचान को छुपाया, हिंदू नाम रख कर हिंदू लड़कियों से मिला, उनसे दोस्ती की, प्यार के जाल में फाँसा। इन मामलों में 6 ऐसे भी आरोपित हैं, जिन्होंने ये तक छिपाया कि वो पहले से शादीशुदा हैं।

ग्राफ: लव जिहाद करने के लिए अपनाए हथकंडे जो प्यार के जाल में फँस जाती हैं, उनके साथ क्या-क्या किया जाता है, किस हद तक जानवर/वहशी/दरिंदा बन कर ये लोग लव-जिहाद की शिकार लड़कियों के साथ अपराध कर सकते हैं… इस डेटा से समझिए: 21 मामलों में लड़की के अंतरंग पलों/सेक्स करते समय के वीडियो से धमकी दी गई। 22 मामलों में देवी-देवता की मूर्तियों को तोड़ने से लेकर गौमांस खिलाने और बुर्का पहनने से लेकर दोस्तों या सगे-संबंधियों से रेप/गैंगरेप तक करवाया गया। 3 मामलों में लड़की या लड़की के परिवार वालों को ‘सर तन से जुदा’ की धमकी मिली।

ग्राफ: लव जिहाद में फँसी लड़कियों के साथ क्या-क्या लव-जिहाद में नाबालिग लड़कियाँ मतलब ‘सेक्स खिलौना’, SC/ST भी निशाने पर कट्टर इस्लामी मानसिकता में डूबे आरोपितों को समझना है, काफिरों के प्रति उनकी सोच जाननी है तो इस डेटा से समझिए: जिन लड़कियों को इन आरोपितों ने लव जिहाद का शिकार बनाया, उनमें से 28 की उम्र 18 साल से कम की है। मतलब खेलकूद की उम्र वाली नाबालिग लड़कियों को भी ये काफिर की नजर से देखते हैं, उसे इस्तेमाल करके फेंक देने वाले खिलौने की भाँति समझते हैं।

ग्राफ: खेलकूद की उम्र वाली नाबालिग लड़कियाँ भी लव जिहादियों के निशाने पर कुछ राजनीतिक दल और उनके नेता ‘जय भीम जय मीम’ के नारे लगाते हैं। मोटा-मोटी वो दलितों और मुस्लिमों को एक होने और उनकी राजनीति करने के लिए ऐसा करते हैं। मंच से वो जताते हैं कि दलित सताए हुए हैं और मुस्लिम कौम ही उनका सच्चा साथी है। हकीकत इसके उलट है। लव-जिहाद के 7 मामलों में मुस्लिम आरोपितों ने ‘जय भीम जय मीम’ के उलट दलित/वनवासियों को ही अपना शिकार बनाया।
https://hindi.opindia.com/national/love-jihad-in-2022-with-153-girls-unreported-cases-many-more/

ध्यान रहे कि यहाँ लव जिहाद की सभी घटनाओं का जिक्र नहीं है। हमने सिर्फ उन खबरों को लिस्ट किया है, जिसकी रिपोर्टिंग साल 2022 में ओपइंडिया ने की है। लव जिहाद के पीड़ितों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती हैं।

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