6 December 2022
azaadbharat.org
भारतीय सनातन संस्कृति महान एवं प्राचीन है, लेकिन राष्ट्र विरोधी लोगों को सनातन संस्कृति कांटे की नाई चुभ रही है, इसलिए इसे नष्ट करने के लिए अनेक कुठाराघात किये पर अभी भी सनातन संस्कृति अडिग है, क्योंकि इस संस्कृति के रक्षक स्वयं भगवान एवं हिन्दू साधु-संत हैं, जिसकी वजह से ऐसे घोर कलिकाल में भी करोड़ों लोगों की आस्था साधू-संतो के प्रति है और वे सनातन संस्कृति को लोगों के दिल मे प्रगटाते रहते है, जिसके कारण दुष्ट स्वभाव के लोग सफल नहीं हो पा रहे हैं।
राष्ट्र विरोधी तत्त्वों ने देखा कि अगर भारतीय संस्कृति को खत्म करना है तो सबसे पहले उनके रक्षक साधु-संतों के प्रति लोगों की श्रद्धा खत्म करो,जिसके लिए मीडिया द्वारा झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करो या झूठे केस द्वारा जेल भिजवा दो अथवा हत्या कर दो जिससे आसानी से हिन्दू संस्कृति को खत्म करके धर्मान्तरण कर सकें एवं जिहाद फैला सकें और मंदिर की जगह चर्च या मस्जिद बनाकर उनका धर्म आसानी से फैला सकें, इसलिए साधु-संतो के खिलाफ साजिस रची जा रही हैं।
आपको बता दें कि पिछले 2 साल से जारी हिन्दू साधू, मंदिर के पुजारियों के नरसंहार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है तथा एक के बाद देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में साधुओं की क्रूरतम तरीके से हत्याएं की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में साधु अपराधियों के निशाने पर…..
अलीगढ़ में एक बार फिर एक साधु की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई है। 70 वर्षीय साधु बुद्धसेन रात में ट्यूबवेल पर सो रहे थे। इसी दौरान आए अज्ञात अपराधियों ने ईंट और पत्थर से कूच-कूचकर उनकी हत्या कर दी। इसके पहले जिले के एक मंदिर के साधु और उसके साथी की हत्या कर दी गई थी।
ग्रामीणों के अनुसार, दोपहर के बाद कुछ लोग खेतों की ओर चारा लेने गए तो बुद्धसेन को घायल अवस्था में पड़े हुए देखा। इसके बाद घटनास्थल पर लोग जुट गए और पुलिस को सूचना दी गई। घायल साधु को इलाज के लिए अकराबाद सीएचसी भेजा गया, जहाँ उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अलीगढ़ भेज दिया है।
मामला जिले के विजयगढ़ थाना क्षेत्र के लाला का नगला गाँव की है। मृतक के परिजनों का कहना है कि बुद्धसेन ने बहुत पहले ही पारिवारिक जिंदगी छोड़ दी थी। वे पिछले 7 सालों से राहुल गुप्ता की ट्यूबल पर सोने के लिए जाते थे। घटना के दिन भी वे सोने गए थे, लेकिन गाँव के ही कुछ अन्य लोगों ने उनकी लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। तहरीर के आधार पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है। सीओ का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेला इलाके के परोरा गाँव में भी एक साधु की हत्या कर दी गई है। कहा जा रहा है कि साधु कुँवरपाल का शव खेत में मिला है। बता दें कि पिछले कुछ समय से देश भर में मंदिरों में चोरी और साधुओं की हत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
इससे पहले यूपी में 13 अगस्त को अलीगढ़ के मंदिर में 75 वर्षीय एक साधु और उसके साथी की हत्या कर दी गई थी। 16 अगस्त को ओरैया के मंदिर में 3 साधुओं की हत्या कर दी गई थी। 19 अगस्त को करनाल मंदिर में 1 पुजारी, 1 साधु व 2 सेवादारों की हत्या कर दी गई। वहीं, 20 अगस्त को प्रयागराज में एक साधु की हत्या कर दी गई थी।
पिछले 2 वर्षों में यूपी में 20 से अधिक साधुओं की हत्या हो चुकी है। अकेले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले 6 महीने में 8 साधुओं की हत्या हो चुकी है। लगातार हो रही हत्याओं से साधु समाज में डर का माहौल है। उन्होंने प्रशासन से आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है -ऑपइंडिया
भयंकर तरीके से प्रताड़ित करके इतने सारे हिन्दू साधुओं की हत्या की गई पर सेकुलर, नेता, मीडिया, न्यायालय सब चुप है क्यों ? क्योंकि भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले साधुओं की हत्या की गई है ।
बता दें कि हिन्दू साधू-संत तन मन धन से राष्ट्र व संस्कृति की सेवा करते है जैसे की गौहत्या रोकना, गौमाता की महिमा बताना, श्री राम मंदिर बनाना में आगे रहना, हिन्दुओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करना, धर्मान्तरण रोकना, विदेशी प्रोडक्ट खरीदने से रोकना, स्वदेशी का प्रचार करना, व्यसन मुक्त भारत बनाना, सिनेमा आदि से दूर रखने का प्रयास करना, प्राचीन संस्कृति की ओर हमें मोड़ना, वेद व शास्त्र सम्मत कार्य करने के लिए प्रेरित करना, विदेशी त्यौहार के बदले अपने त्यौहारों को मनाने को प्रेरित करना, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकना आदि आदि अनेक दिव्य कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं, अधर्म से लड़ते हैं और हमें जगाते हैं । जिसके कारण आज हिन्दू साधु-संतों की हत्या हो रही है और मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जा रहा है ।
साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानन्द, शंकराचार्य अमृतानंद, स्वामी केशवानंद जी आदि अनेक संतों को बिना सबूत सालों से जेल में रखा गया । उड़ीसा के लक्ष्मणानन्द जी की हत्या करवा दी ।
वर्तमान में हिन्दू संत आसाराम बापू को उम्रकैद सजा सुना दी गयी, क्योंकि उन्होंने लाखों हिंदुओ की घर वापसी करवाई और धर्मान्तरित होने से बचाया, हजारों गायों को कत्लखाने जाने बचाकर अनेकों गौशालाएं खोली, क्रिसमिस डे की जगह तुसली पूजन दिवस और वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरू किया, करोड़ों लोगों को अपने धर्म के प्रति जागृत किया, करोड़ों युवक-युवतियों को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करवाया, करोड़ों लोगों को व्यसन मुक्त किया, विदेशी कम्पनियों के प्रोडक्ट बन्द करवाकर स्वदेशी घरेलू प्रोडक्ट बनाने में तरीके बताए, विदेशों में जाकर भारतीय संस्कृति का प्रचार किया जिस वजह से राष्ट्रविरोधी ताकतों ने उनको टारगेट किया और मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवा दिया और उम्रकैद की सज़ा सुनवा दी जबकि एफआईआर में रेप केस का जिक्र नहीं है, मेडिकल रिपोर्ट में कोई प्रूफ नहीं है, लड़की के बालिग होने के कई प्रमाण हैं, उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया उसके सबूत हैं फिर भी उम्रकैद दिया इससे साफ सिद्ध होता है कि राष्ट्रविरोधी ताकतें उनको बाहर नहीं आना देना चाहती हैं।
साधु-संत तो अपना कर्तव्य कर रहे हैं, लेकिन हिन्दू संगठित नहीं रहेगा तो सभी मंदिर अपवित्र कर दिये जाएंगे, पुजारी साधुओं का ऐसे ही कत्ल कर दिया जाएगा, फिर हिन्दू संस्कृति को बचाने वाले कोई नहीं रहेगा और फिर आपको पता भी नहीं चलेगा कि किस तरह से आप धर्मांतरित किए जाएंगे और गुलाम की तरह रखें जाएंगे ।
हिन्दुओं को संगठित होकर अपने साधु-संतों पर हो रहे षड्यंत्र का विरोध करना चाहिए, तभी हिन्दू संत सुरक्षित रह पाएंगे ।
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