14 September 2022
azaadbharat.org
राजस्थान में लंपी वायरस का कहर लगातार जारी है। राजस्थान में लंपी बीमारी से लाखों गाय संक्रमित हो चुकी हैं। वहीं, हजारों की मौत हो चुकी है। सरकार के आंकड़ों में 50 हजार से अधिक गायें लंपी बीमारी से संक्रमित होकर मौत का शिकार हुई हैं। जबकि वास्तविकता में गौ वंश की लंपी बीमारी से मौत के आंकड़े 1 लाख को पार हो चुके हैं। सरकार के पास दूर-दराज गांव के आंकड़े नहीं पहुंच पा रहे हैं।
इस बार राजस्थान में गौ वंश में फैली लंपी डिजीज के इलाज में नाकाम रही गहलोत सरकार के खिलाफ राजस्थान बंद का आह्वान किया जा रहा है।
इस आह्वान के पीछे किसी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल का नाम नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे, इस मैसेज में 15 सितंबर को राजस्थान बंद को अधिक से अधिक सफल बनाने की अपील की जा रही है। हर कोई इस मैसेज को अपने स्टेटस पर लगाकर गोभक्त होने तथा बंद को सफल बनाने की मुहिम में शामिल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है कि 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद किया जाए। गौ माता के लिए लंपी रोग का इलाज नहीं होने के कारण सभी भाइयों से विनती है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह स्टेटस लगाएं, जिससे गौ माता के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम बढ़ाया जाए। एक स्टेटस गौ माता के नाम अति आवश्यक है।
राजस्थान में इतनी बड़ी मात्रा में गौवंश की मौत पर शुरू हुआ सियासी बवाल, प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा, भाजपा के नेता एवं राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने इसे लेकर निशाना साधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर , सांसद किरोड़ी मीणा ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘प्रदेश में गाय माता की हो रही है दुर्दशा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जुटे हैं, अपने आराध्य राहुल गांधी को प्रसन्न करने में, वे कभी उनकी यात्राओं में हैं व्यस्त तो कभी गुजरात में सरकार बनाने के लिए कर रहे हैं सैर, मुख्यमंत्री अशोक जी ईश्वर देख रहा है, वह समय पर देगा आपको कर्मों का पूरा फल।
मनुष्य के जीवन में देशी गाय माता का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गाय माता के दूध-दही-घी-मूत्र-गोबर से बने पंचगव्य से भयंकर बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। गाय के अंदर 33 कोटि देवताओं का वास होता है, तभी तो भगवान श्री कृष्ण भी स्वयं गाय चराते थे। यहाँ तक बताया गया है कि गाय के गोबर से जहाँ लीपन किया जाता है, वहाँ अगर परमाणु बम भी गिरे तो भी उसका असर नहीं होता है। गाय की उपयोगिता के बारे में कितना भी लिखें वो कम है।
शास्त्रों में लिखा है-
भूकंप कहे गाइ की गाथा।कांपे धरा त्रास अति जाता। अर्थात जब गौमाता को कष्ट होता है, तभी पृथ्वी कांपती है अर्थात भूकम्प आता है। अथर्ववेद के अनुसार- गाय समृद्धि का मूल स्रोत व प्रचुरता की द्योतक है एवं सृष्टि के पोषण की स्रोत व जननी है। गाय माता में 33 कोटि देवताओं का वास है।
वर्तमान में लंपि वायरस के कारण गौ माता पीड़ित है तो हम सभी को उनके स्वास्थ्य के बारे में सोचना चाहिए और स्वस्थ करने का प्रयत्न करना चाहिए। बताया जाता है कि गौमूत्र छिड़कने से भी इस वायरस को काफी रोका जा सकता है, तो हम सभी को यह कर्तव्य अवश्य करना चाहिए।
गौ – समुदाय की रक्षा का मंत्र
“ॐ नमो भगवते त्र्यम्बकायोपशमयोपशमय चुलु चुलु मिलि मिलि भिदि भिदि गोमानिनि चक्रिणि हूँ फट् । अस्मिन्ग्रामे गोकुलस्य रक्षां कुरु शान्तिं कुरु कुरु ठ ठ ठ ।।” ( अग्नि पुराण : ३०२.२ ९ -३० )
प्रार्थना : घंटाकर्ण महासेन वीर बड़े बलवान कहे गये हैं । वे जगदीश्वर महामारी का नाश करनेवाले हैं , अतः मेरी रक्षा करें ।
उपरोक्त मंत्र व यह प्रार्थना गायों की रक्षा करनेवाली है । अतः यदि इसको लिखकर घर या गौशाला के द्वार आदि पर टाँग दिया जाय तो गायों की रक्षा होती है । उनकी बीमारी , महामारी , अपमृत्यु आदि दूर होती है ।
इस मंत्र से हवन भी कर सकते है जिससे वातावरण में शुद्धि होगी और गौमाता की रक्षा होगी। जनता की मांग है कि सरकार गौमाता की रक्षा के लिए लंपि वायरस का जल्द से जल्द इलाज करवाए।
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