30 जनवरी 2022
azaadbharat.org
निर्दोष पुरुषों को फँसाने के लिए बलात्कार के नये कानूनों का व्यापक स्तर पर हो रहा इस्तेमाल आज समाज के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।
दहेज कानून की ही तरह रेपरोधी कानूनों का भी बड़ी मात्रा में निर्दोष पुरुषों को फँसाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। दुर्भाग्यवश इन कानूनों का गलत इस्तेमाल आज आम जनता के बाद प्रतिष्ठित व्यक्तियों के खिलाफ अधिक हो रहा है। 2013 में बलात्कार के मामलों में जेलों में डाले गये 75% लोग निर्दोष साबित हुए।
आयुषी भाटिया गिरफ्तार
हरियाणा के गुरुग्राम पुलिस ने एक 20 साल की लड़की को गिरफ्तार किया है। लड़की का नाम आयुषी भाटिया है और इसका काम है- लड़कों को प्रेम जाल में फँसाना, उनके साथ सेक्स करना, उन्हें धमकी देना, उनपर FIR करवाना और उन्हें जेल में भिजवा देना। आयुषी ये काम बेहिचक करती है और अब तक वह 7 लड़कों की जिंदगी बर्बाद कर चुकी है। आठवाँ लड़का इससे पहले शिकार होता आयुषी के खेल का भंडाफोड़ हुआ और अब वह जेल में है।
दीपिका नारायण भारद्वाज नाम की पत्रकार ने अपने ट्विटर, यूट्यूब पर इस पूरे मामले को लेकर जितने सबूत थे सबकी तस्वीर डाली है। इनके तहत इस लड़की ने 7 लड़कों पर 7 रेप केस 7 अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज करवाए थे। ये लड़कों से जिम में, इस्टा पर, क्लब में मिलकर दोस्ती करती थी। फिर बात शारीरिक संबंध तक पहुँचती थी और फिर ये उनपर रेप का इल्जाम मढ़कर उनसे फिरौती ले लेती थी। पढ़ाई की बात करें तो दिल्ली के आत्माराम कॉलेज से ये बीए अंग्रेजी कर रही है।
23 दिसंबर को इसी लड़की के ख़िलाफ़ गुरुग्राम में एफआईआर हुई थी। पुलिस ने इसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 384, 389, 120 बी, 506, 509 के तहत केस दर्ज किया था। अब वो न्यायिक हिरासत में है। उसके साथ उसकी माँ औैर अंकल (चाचा) भी इस काम में साथ देते थे। सितंबर में ही आयुषी ने एक लड़के को रेप केस में फँसाने की धमकी देकर उससे शादी की थी।
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में सबसे पहले शिकायत दीपिका नारायण ने ही हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज को दी। फिर केस पुलिस तक पहुँचा और 2 नवंबर को पुलिस ने एसआईटी गठित करके इस केस की जाँच शुरू की। इसी बीच 23 दिसंबर को इसके विरुद्ध गुरुग्राम में मामला दर्ज हुआ और सच्चाई सामने आने पर आयुषी को गिरफ्तार किया गया। दीपिका भारद्वाज ने अपने यूट्यूब पर आरोपित लड़की की किसी लड़के से बातचीच की ऑडियो लगाई है। कथित तौर पर ये उसका आठवाँ शिकार था।
नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये। परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इसका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है। कुछ दिन पहले प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं जिसमें अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं। न्यायालय में गवाही के दौरान 90 प्रतिशत मामलों में पीड़िताएं मुकर जाती हैं जिसमें सम्पत्ति व रंजिश अथवा अन्य कारणों से अथवा अभियुक्त को ब्लेकमेल कर रुपए ऐंठने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी ऐसी स्थिति बताती है।
आम जनता के अलावा राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करनेवाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के आगेवानों के खिलाफ बलात्कार कानूनों का राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतों द्वारा कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है।
दहेज-उत्पीड़न कानून की ही तरह इसमें भी सुधार की आवश्यकता है । रेप के संशोधित कानूनों के लिए तो कई वरिष्ठ वकीलों का भी कहना है कि ये कानून अस्पष्ट हैं।
निर्दोष पुरुषों को फंसाने के लिए बलात्कार कानून का भयंकर दुरुपयोग हो रहा है, इसमें सुधार करना होगा नहीं तो एक के बाद एक निर्दोष पुरूष फंसते जायेंगे।
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