ईसाई मिशनरी संस्था को धर्मान्तरण के लिए 12 देशों से हो रही है फंडिंग…

14 दिसंबर 2021

azaadbharat.org

पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने कहा था कि भारत में पादरियों का धर्म प्रचार (धर्मांतरण) हिन्दू धर्म को मिटाने का खुला षड्यंत्र है। भोजन, चिकित्सा और शिक्षा का प्रलोभन देकर अथवा जबरन हिन्दुओं को धर्मान्तरित किया जा रहा है।

जबरन बाइबल पढ़ाई जा रही है…

मध्य प्रदेश के सागर जिले में ईसाई मिशनरियों की संस्था सेवाधाम आश्रम के बच्चों को जबरन गोमांस खिलाने और बाइबिल पढ़ने के लिए विवश करने का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर जबलपुर में एक संस्था द्वारा बाल गृह में रहने वाले बच्चों का धर्मान्तरण करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है।

मामला संज्ञान में आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने एक टीम को भेजकर मामले की पुष्टि कराई। टीम द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि संस्था में रह रहे सामान्य व दिव्यांग बच्चों को जबरन बाइबल पढ़ाई जाती थी और मना करने पर मारपीट की जाती थी।

वहीं इस संस्था को विदेश की 12 संस्थाएं फंडिंग कर रही थीं। इसमें यूएसए , इटली, स्पेन, नीदरलैंड, यूके सहित कई देश शामिल हैं। इस फंडिंग के बारे में संस्था के संचालक किसी भी तरह के लीगल दस्तावेज टीम को प्रस्तुत नहीं कर पाए। इसके अलावा संस्था में कई तरह की अनियमितताएं सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी जबलपुर को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय बाल आयोग के प्रियंक कानूनगो ने बताया कि जबलपुर के गौरयाघाट मंडला रोड स्थित करुणा एनजेआरसी संस्था में देखरेख संरक्षण वाले दिव्यांग और सामान्य बच्चे रहते हैं। यहां पर बच्चों के धर्म की जानकारी होने के बाद भी उन्हें जबर्दस्ती बाइबल पढ़ाई जा रही थी। बाल आयोग की चार सदस्यीय निरीक्षण टीम को बच्चों ने बताया कि उन्हें बाइबल कंठस्थ कराने के लिए बाहर से फादर आते हैं। वहीं यहां के कार्यकर्ताओं ने भी स्वीकार किया कि बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा यहां पर अन्य तरह की अनियमितताएं पाई गईं। इस संस्था को विदेश की 12 संस्थाएं फंडिंग कर रही हैं जिसका हिसाब संस्था के पास नहीं है। यह फंडिंग डोनेशन के नाम पर हो रही है। कानूनगो ने बताया कि संस्था द्वारा बच्चों के धर्मान्तरण का प्रयास जेजे एक्ट का उल्लंघन है। इस मामले में उन्होंने जबलपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को 10 दिन के अंदर कार्रवाई करके आयोग को पालन प्रतिवेदन भेजने के लिए कहा है।

फिलॉसफर नित्शे ने कहा था कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है। वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है। इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं। ईसाईयत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है।

अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थाॅमस जैफरसन ने कहा था कि मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच बाइबिल का अध्ययन किया तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है।

डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा था कि मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बड़े धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है।

स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था कि
हिन्दू समाज में से एक मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा।

Official  Links:

Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

facebook.com/ojaswihindustan

youtube.com/AzaadBharatOrg

twitter.com/AzaadBharatOrg

.instagram.com/AzaadBharatOrg

Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ