भारत में क्रिसमस डे की जगह तुलसी पूजन दिवस मनाने की मची हुई है धूम

03 दिसंबर 2021

azaadbharat.org

क्रिसमस-डे 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक मनाया जाता है, जिसमें त्यौहार के नाम पर दारू पीना, मांस खाना, पार्टी में दुष्कर्म करना, महिलाओं से छेड़छाड़ करना आदि कृत्य होते हैं। ऐसे त्यौहार को कुछ भोले भारतवासी भी मनाने लगे थे पर अब वे धीरे-धीरे अपनी संस्कृति की तरफ लौट रहे हैं। भारतवासियों को लग रहा है कि क्रिसमस हमारी संस्कृति व सभ्यता को नष्ट कर देगा और हमारा जीवन बर्बाद कर देगा। इस वजह से वे क्रिसमस डे से उपराम हो रहे हैं।

पश्चिमी संस्कृति का ‘क्रिसमस-डे’ मनाने जैसा त्यौहार नहीं है इसलिए भारत में ज्यादातर लोगों ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने के लिए पहले से ही तुलसी पूजन शुरू कर दिया है। भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी इस दिन को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

बेवसाइट https://ashram.org/seva/category/17/tulsipoojandivas पर आप देख सकते हैं- देश-विदेश में 25 दिसम्बर के निमित्त तुलसी पूजन की धूम मची है।

केवल भारत के ही लोग नहीं, बल्कि कैलिफोर्निया, दुबई आदि से भी लोग तुलसी पूजन करके ट्वीट्स कर रहे हैं।

आपको बता दें कि 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का जमकर सेवन होता है, जिससे आत्महत्या जैसी घटनाएँ, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य खूब होते हैं इसलिए देश में सुख, सौहार्द, शांति बढ़े व जन-समाज का जीवन स्वस्थ और मंगलमय हो- इस उद्देश्य से हिन्दू संत आशारामजी बापू की प्रेरणा से वर्ष 2014 से 25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस’ मनाना प्रारम्भ हुआ। इस पर्व को जनता ने भी खूब सराहा है और इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। इस पर्व की लोकप्रियता विश्वस्तर पर देखी जा रही है।
https://ashram.org/seva/category/17/tulsipoojandivas

तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल, चारित्र्यबल व आरोग्यबल बढ़ता है; मानसिक अवसाद, दुर्व्यसन, आत्महत्या आदि से लोगों की रक्षा होती है और लोगों को भारतीय संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि-विज्ञान का लाभ मिलता है।

विदेशों में भी होती है तुलसी पूजा

मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है। ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन नूतन वर्ष भाग्यशाली हो- इस भावना से चढ़ायी गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं।

तुलसी पूजन की शास्त्रों में महिमा

अनेक व्रतकथाओं, धर्मकथाओं, पुराणों में तुलसी महिमा के अनेकों आख्यान हैं।

वैज्ञानिक भी तुलसी का मानते हैं लोहा…

डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों से यह सिद्ध हुआ है कि ‘तुलसी’ में एंटी ऑक्सीडैंट गुणधर्म है और वह आण्विक विकिरणों से क्षतिग्रस्त कोशों को स्वस्थ बना देती है। कुछ रोगों एवं जहरीले द्रव्यों, विकिरणों तथा धूम्रपान के कारण कोशों को हानि पहुँचानेवाले जो रसायन शरीर में उत्पन्न होते हैं, उनको तुलसी नष्ट कर देती है।

अतः विष्णुप्रिया तुलसी हर घर में होनी चाहिए। सभी लोग संकल्प लें कि 25 दिसम्बर को तुलसीजी की पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे।

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